जल जीवन हरियाली अभियान के तहत पर्यावरण को सुरक्षित रखने एवं भूगर्भ जल स्तर को बढ़ाने के उद्देश्य से जिले में अधिक से अधिक वृक्षारोपण

रिपोर्टः डीके पंडित
गयाबिहार
जिला जन वधिकारी गया श्री अभिषेक सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में जल जीवन हरियाली अभियान के तहत पर्यावरण को सुरक्षित रखने एवं भूगर्भ जल स्तर को बढ़ाने के उद्देश्य से जिले में अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने का अनुरोध जिला वासियों, विभिन्न संस्थाओं, कार्यालयों, विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, विद्यालयों, विभिन्न निर्माण स्थलों, सड़कों नेहर, पइन, तालाब इत्यादि स्थानों पर बृहद पैमाने में पौधा लगाने का अनुरोध जिला पदाधिकारी द्वारा किया गया।
    बैठक में जिला पदाधिकारी ने कहा कि वृक्षारोपण कार्य हमारे लिए अत्यावश्यक है ताकि हमारा पर्यावरण सुरक्षित रहे तथा हमें पेयजल के लिए समस्याओं का सामना ना करना पड़े। बैठक में बताया कि इस वर्ष गया जिले में 43 लाख पौधरोपण का लक्ष्य निर्धारित है। उन्होंने बैठक में उपस्थित पदाधिकारियों, विभिन्न संस्थाओं के प्रधान/ प्रतिनिधियों, अभियंताओं को निर्देश दिया कि पौधा लगाने के साथ-साथ हमें उनकी सुरक्षा का पूरा ध्यान देना होगा। वृक्ष लगाना जितना आवश्यक है, उसकी सुरक्षा/ जीवित रखना भी उतना ही आवश्यक है। अतः चाहरदीवारी की सुविधा होने तथा गैवियन लगाकर ही हम वृक्ष को बचा/ संरक्षित कर सकते हैं।
   उन्होंने सभी मनरेगा के प्रोग्राम पदाधिकारी तथा संस्थाओं के प्रधान/ प्रतिनिधियों को निर्देश दिया कि आप ससमय वन विभाग के नर्सरी से पौधा प्राप्त कर, उसे निर्धारित/ चयनित स्थल पर लगाना सुनिश्चित करें क्योंकि अच्छी वर्षा होने के कारण पौधे बहुत जल्द विकसित होंगे। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष लगभग 37 लाख पौधे पूरे जिले में लगाए गए थे, जिसके कारण हमारे जिले का भूगर्भ जल स्तर में 17 फीट की वृद्धि हुई तथा हमें पेयजल की समस्या का सामना नहीं करना पड़ा। साथ ही लू के प्रकोप से हमें जूझना नहीं पड़ा तथा जिले में अच्छी वर्षा भी हुई साथ ही कृषि पैदावार भी उत्साहजनक रहा। 
     जिला पदाधिकारी ने निर्देश दिया कि 20 लाख रुपये से अधिक के लागत से सरकारी भवन के निर्माण होने पर उसमें वृक्षारोपण तथा रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की सुविधा प्राक्कलन में तैयार करना अनिवार्य होगा साथ ही उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया कि वे जिले के वैसे विद्यालयों जहां चहारदीवारी की सुविधा है तथा वृक्षारोपण हेतु जगह उपलब्ध है, वहां अधिक से अधिक वृक्ष लगाना सुनिश्चित करें। साथ ही स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन( एल०ए०ई०ओ०-1 एवं एल०ए०ई०ओ०-2), सभी कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद/ नगर पंचायत, गया नगर निगम, कार्यपालक अभियंता पथ निर्माण विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, लघु सिंचाई, जल संसाधन विभाग सहित अन्य विभागों के पदाधिकारी एवं अभियंताओं को निर्देश दिया कि वे सड़कों के किनारे, आहर, पइन, नहर, तालाब, नवनिर्मित भवनों इत्यादि में वृक्ष लगाना सुनिश्चित करें। जिला पदाधिकारी ने सभी पदाधिकारियों एवं संस्थाओं के प्रधान/ प्रतिनिधि तथा मनरेगा के सभी प्रोग्राम पदाधिकारी को निर्देश दिया कि 31 जुलाई तक लक्ष्य के अनुरूप शत-प्रतिशत पौधरोपण का कार्य पूर्ण कराएं।
     बैठक में वन प्रमंडल पदाधिकारी श्री अभिषेक कुमार द्वारा बताया गया कि जिले में वन विभाग के 16 नर्सरी हैं, जिसमें लगभग 50 लाख नवजात पौधे हैं। जिसका उपयोग पौधारोपण हेतु किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इन नर्सरी में गया जिला के लिए जलवायु देखते हुए अनुकूल प्रगति के पौधे लगाए गए हैं। उन्होंने संबंधित विभागों, संस्थाओं के प्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि वे पौधा लगाने एवं उसके ट्रांसपोर्टेशन में विशेष सावधानी बरतें। उन्होंने कहा कि पौधा हेतु वन विभाग अथवा उप विकास आयुक्त के माध्यम से आवेदन दे सकते हैं। उन्होंने बताया कि शहरी वानिकी के लिए लगभग 33 हजार गैबीयन की सुविधा उपलब्ध है ताकि शहरी क्षेत्रों यथा नगर निगम, नगर परिषद/ नगर पंचायत क्षेत्र में लगने वाले पौधे सुरक्षित रह सके।
  उन्होंने बताया कि जिले के सभी प्रखंड मुख्यालय में प्रति पौधा ₹10 की दर से विक्रय काउंटर बनाया जाएगा ताकि कोई भी व्यक्ति निर्धारित शुल्क देकर पौधा प्राप्त कर सकें।
    उन्होंने अनुरोध किया कि अति शीघ्र पौधा प्राप्त कर लें ताकि अच्छी गुणवत्ता का पौधा आपको प्राप्त हो सके। वन प्रमंडल पदाधिकारी ने यह भी बताया कि दिनांक 20 जून 2021 से जिले में चार मोबाइल बैंक के माध्यम से छात्र/ छात्राओं को पौधा निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा ताकि वह अपने विद्यालयों या घरों पर पौधा लगा सके।
   बैठक में वन प्रमंडल पदाधिकारी, उप विकास आयुक्त, सहायक समाहर्ता, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, सभी अभियंतागण, सभी प्रोग्राम पदाधिकारी मनरेगा, विभिन्न विभागों के कार्यपालक अभियंता, विभिन्न शिक्षण संस्थानों के प्रधान /प्रतिनिधि उपस्थित थे।