घोषणाओं के बाद भी नहीं बना बाराचट्टी- मोहनपुर एवं सुलेबट्टा- डेमा सड़क  एशोआराम में लिप्त जनप्रतिनिधियों को नागरिकों की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं  सुशासन सरकार  की घोषणा भी हो रही बेका

 

 रिपोर्ट: विनोद विरोधी

 बाराचट्टी (गया)। सूबे की कथित सुशासन की सरकार विकास की  चाहे लाख ढिंढोरा पीट ले और अपनी पीठ थपथपा ले ,लेकिन हकीकत है कि बाराचट्टी प्रखंड की दो अति महत्वपूर्ण सडके` विगत चार-पांच सालों से अपनी बदहाली पर आठ- आठ आंसू बहा रही है ।पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की घोषणा भी टॉय-टॉय फिस्स साबित हो रहा है। जिसका खामियाजा आम नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि बाराचट्टी प्रखंड मुख्यालय से मोहनपुर प्रखंड मुख्यालय होते हुए अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल बोधगया को जोड़ने वाली सड़क तथा जीटी रोड सुलेबट्टा से सरवॉ बाजार होते हुए लाडू डेमा तक की सड़क का हालत पिछले चार-पांच सालों से जर्जर अवस्था में है ।जिसमें वाहनों का चलना तो दूर ,पैदल चलना भी दूभर हो गया है ।विगत बिहार विधान सभा चुनाव में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सुप्रीमो व पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने स्थानीय लोगों को तब शीघ्र ही सड़क निर्माण का पहल करने की घोषणा की थी ,जब स्थानीय मतदाताओं ने वोट बहिष्कार का ऐलान कर दी थी ।वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में भी जदयू सांसद विजय कुमार मांझी ने भी अपनी जीत के बाद सड़क बनवाने का वायदा किया था ।किंतु ये सारी वायदे व घोषणा बेकार साबित हो गया है । मॉनसून अपने निर्धारित समय से शुरू हो चुकी है और इन दोनों सड़कों में अधिकांश जगह भीषण जल जमाव की स्थिति बन चुकी है ।फिलहाल इस बरसात के मौसम में निर्माण भी संभव नहीं है। ऐसे में इस बार फिर इस समस्या से आम नागरिकों को जूझने के लिए तैयार रहना होगा।इधर स्थानीय नागरिकों का मानना है कि ऐशो आराम में लिप्त जनप्रतिनिधिं मौन साधे हैं और आम नागरिकों की दुर्दशा से इन्हें कोई लेना-देना नहीं है। उनके पास शर्म  व हया नाम की भी कोई चीज नहीं बचा है।