डीएम ने बच्चों को बाल श्रम से मुक्त करने तथा उन्हें बाल श्रमिक बनाने वाले तत्वों पर कारवाई हेतु ज़िले के संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश


रिपोर्टःडीके। पंडित
गयाबिहार
 जिला पदाधिकारी, गया श्री अभिषेक सिंह द्वारा बच्चों को बाल श्रम से मुक्त करने तथा उन्हें बाल श्रमिक बनाने वाले तत्वों पर कारवाई हेतु ज़िले के संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया है। 
    जिला बाल संरक्षण इकाई विभाग पिछले कुछ वर्षों में देश के विभिन्न भागों में कई बाल श्रमिकों को विभिन्न कारखानों से मुक्त कराने के मामले प्रकाश में आए हैं। इनमें बहुत से बच्चे अन्य राज्यों के साथ-साथ बिहार के भी होते हैं। बिहार के ऐसे बच्चों में अन्य जिलों के साथ-साथ गया जिले के बच्चे भी होते हैं, कोविड-19 महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन एवं अन्य सामाजिक- आर्थिक परिस्थितियों के के कारण गया जिले के निर्धन/ आर्थिक रूप से पिछड़े परिवार के बच्चों को मजदूरी के लिए चोरी-छिपे अन्यत्र ले जाने की संभावना हो सकती है। इस स्थिति को देखते हुए गया जिला के विभिन्न पदाधिकारियों, कार्यालय कर्मियों को ऐसे गंभीर मामलों में बच्चों को विमुक्त कराने तथा उनके पुर्नवासन हेतु त्वरित एवं विधि सम्मत समुचित कार्रवाई करना अपेक्षित है।
   जिला पदाधिकारी ने वरीय पुलिस अधीक्षक गया को निर्देश दिया कि सभी थानाध्यक्षों को अपने स्तर से निर्देश जारी करे की वे अपने क्षेत्र के बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन इत्यादि का समय समय पर दौरा कर, बाल तस्करी घटना की पुनरावृत्ति ना हो साथ ही ऐसे मामलों की सूचना मिलने पर बच्चों को विमुक्त कराते हुए श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी से समन्वय स्थापित कर विधिसम्मत कार्रवाई करें।
   जिला पदाधिकारी ने जिला परिवहन पदाधिकारी को निर्देश दिया कि विभिन्न वाहनों को निरंतर जांच कर यह सुनिश्चित करें कि किसी भी वाहन में बच्चों की तरस्करी ना हो सके। संदेह की स्थिति में संबंधित पुलिस थाना एवं श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी से संपर्क कर अग्रेतर कार्रवाई करें।
    जिला पदाधिकारी ने श्रम अधीक्षक गया को निर्देश दिया कि बाल श्रमिकों अथवा इन्हें कहीं अन्यत्र ले जाए जाने वाले संभावित क्षेत्रों में धावा डालकर कारवाई करें तथा श्रम प्रवर्तन पदाधिकारियों को सजग रहकर ऐसे मामलों को निरंतर निगरानी करवाते रहें।
    जिला पदाधिकारी ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देश दिया कि प्रत्येक माह में कम से कम एक बार प्रखंड स्तरीय बाल संरक्षण समिति की बैठक आयोजित कर प्रखंडों में बाल श्रम से संबंधित सभी मामलों की समीक्षा करें। श्रम कराने के उद्देश्य से बच्चों को कहीं अन्यत्र बस या किसी अन्य माध्यम से ले जाने की सूचना प्राप्त होने पर संबंधित थाना से समन्वय स्थापित कर त्वरित कार्रवाई करें। बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन इत्यादि का समय-समय पर निरीक्षण कर संभावित बाल तस्करी की घटना को पूर्ण रूप से बंद करें।
    जिला पदाधिकारी ने सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को निर्देश दिया कि आंगनबाड़ी सेविकाओं के माध्यम से यह सुनिश्चित करें कि बच्चों से मजदूरी करवाने के उद्देश्य से, उनके क्षेत्र के बच्चों को कहीं अन्यत्र ना ले जाया जाए। ऐसी कोई सूचना प्राप्त होते ही संबंधित अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर कार्रवाई करें।
    जिला पदाधिकारी ने सभी श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी को निर्देश दिया कि बाल एवं किशोर श्रम अधिनियम, 1986 बाल श्रम को रोकने के लिए राज्य कार्य योजना एवं किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015 के प्रावधानों के अनुसार सभी पुलिस थाना अध्यक्षों के सहयोग से निरंतर कानूनी कार्रवाई करें।
   जिला पदाधिकारी ने चाइल्डलाइन, गया को निर्देश दिया कि बच्चों को श्रम हेतु अन्यत्र ले जाए जाने की सूचना या बाल तस्करी की सूचना प्राप्त होने पर बच्चों को विमुक्त कराने हेतु बिना समय गवाएं संबंधित थानों से संपर्क कर कार्रवाई करें।
   जिला पदाधिकारी ने बाल कल्याण समिति, गया को निर्देश दिया कि किशोर न्याय बालकों की देखरेख एवं संरक्षण अधिनियम, 2015 के प्रावधान के अनुसार निरंतर त्वरित कार्रवाई की जाए।
  जिला पदाधिकारी ने जिला बाल संरक्षण इकाई गया को निर्देश दिया कि श्रम विभाग के पदाधिकारियों, विशेष किशोर पुलिस इकाई, बाल कल्याण समिति एवं अन्य चाइल्डलाइन पदाधिकारी से समन्वय कर किशोर न्याय अधिनियम, 2015 के प्रावधान अनुसार बच्चों को पुनर्वासन हेतु कार्रवाई करें।
       जिला पदाधिकारी ने सभी पदाधिकारियों को निदेश दिया है कि अपने अपने क्षेत्र के लोगों को यह निरंतर बताएं कि बच्चों से संबंधित किसी भी प्रकार की घटना/ समस्या की स्थिति में, किसी भी व्यक्ति या बच्चे द्वारा 1098 नंबर पर कॉल कर मदद मांग सकते हैं।