नारी के ओजस्विनी होने का प्रमाण हैं महारानी लक्ष्मीबाई : डॉ प्रियदर्शनी अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद के चतुर्थ स्थापना दिवस पर ओजस्विनी ने किया विचारगोष्ठी का आयोजन

रिपोर्टःडीके पंडित
गयाबिहार 

गया। अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद की सहयोगी संस्था 'ओजस्विनी' द्वारा परिषद के चतुर्थ स्थापना दिवस समारोह के सुअवसर पर संगठन की जिलाध्यक्षा डॉ कुमारी रश्मि प्रियदर्शनी के निर्देशन में एक ऑनलाइन विचारगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें संगठन के निर्माण और विस्तार पर प्रकाश डालते हुए सदस्यों ने परस्पर शुभकामनाएँ दीं। ओजस्विनी अध्यक्षा के नेतृत्व में "ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात्पूर्णमुदच्यते। पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते" मंत्रोच्चारण तथा शांति पाठ के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। डॉ प्रियदर्शनी ने हिन्दू संस्कृति और सभ्यता को अक्षुण्ण रखने हेतु गौरक्षा, जनसंख्या नियंत्रण, छात्र तथा किसानों के कल्याण व महिलाओं की समृद्धि, स्वास्थ्य और स्वाबलंबन से जुड़े मुद्दों पर सक्रियता के साथ कदम उठाने की आवश्यकता पर अपने विचार रखे। उन्होंने बताया कि अहिप  के संस्थापक तथा राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ प्रवीण तोगड़िया जी के निर्देशानुसार अन्तरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद की सभी शाखाओं द्वारा कोरोना से सुरक्षा हेतु डबल मास्क तथा सैनेटाइजर के प्रयोग के साथ-साथ वैक्सीनेशन हेतु समाज में जागरूकता बढ़ाने का अभियान चलाया जा रहा है। हम सबको इस अभियान का सक्रिय हिस्सा बनना है। डॉ प्रियदर्शनी ने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के प्रणम्य बलिदानों का स्मरण कराते हुए ओजस्विनी की ओर से वीरांगना महारानी के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि बालिका मणिकर्णिका से महारानी लक्ष्मीबाई बनने की जीवनयात्रा अनेक मुसीबतों और चुनौतियों से भरी थी। ऐसे ही किसी महिला को मर्दानी की संज्ञा नहीं मिल जाती, उसके लिए हिम्मत और दृढ़ निश्चय शक्ति की आवश्यकता होती है। समय आ गया है जब हमलोगों को भी उस शूरवीर महारानी के साहसी जीवन और त्यागमय कृत्यों से प्रेरणा लेते हुए कोरोना के खिलाफ जारी जंग में मनसावाचाकर्मणा भागीदारी सिद्ध करनी है।

वेबगोष्ठी में बंगलोर से जुड़ीं समाजसेवी रेणु रौनियार ने डॉ प्रियदर्शनी की बातों का समर्थन करते हुए कहा कि हर भारतीय को, चाहे वह किसी भी धर्म का हो, जनसंख्या नियंत्रण हेतु देश में चलाए जा रहे "हम दो हमारे दो" के लक्ष्य को पूरा करने में अपनी भूमिका निभानी करनी चाहिए। विज्ञान शिक्षिका डॉ ज्योति प्रिया ने कहा कि 23 जून को अन्तरराष्ट्रीय विधवा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। विधवाओं के जीवन स्तर में सुधार लाना भी पूरे समाज का दायित्व है। अर्पणा तथा अमीषा ने कहा कि हमें कोरोना से डरना नहीं, अपितु झांसी की रानी की तरह लड़ना है। शिल्पा साहनी, वर्षा तथा दीक्षा ने कहा कि वे पास-पड़ोस की महिलाओं को कोरोना की तीसरी लहर से बचने हेतु वैक्सीनेशन करवाने के लिए प्रेरित कर रही हैं। कार्यक्रम में  रिया कुमारी, दिव्य प्रभा तथा रिया पाठक आदि ने भी झांसी की रानी को देश की इतिहास-प्रसिद्ध वीरांगना बताते हुए सम्मानसहित भाव सुमन अर्पित किये। कार्यक्रम के सफल आयोजन पर  श्रीराम बारीक, अध्यक्ष, अहिप, गया जिला, शशिकांत मिश्र, अध्यक्ष, बजरंग दल, गया,  किरण सिंह, अध्यक्ष, राष्ट्रीय महिला परिषद, गया, मुक्ता मणि तथा अश्विनी कुमार आदि ने हार्दिक प्रसन्नता जतायी।