अतरी प्रखंड के नरावट पंचायत में मनरेगा के तहत करोड़ों रुपये का काम,पर विभाग में कोई लेखा जोखा उपलब्ध नहीं।


रिपोर्टःडीके पंडित
गया(बिहार )
गया जिले के अतरी प्रखंड  बडी खबर निकल आया है कि 
वित्तीय वर्ष 2010-14 का है मामला सामने मनरेगा योजना के तहत अतरी प्रखंड अवस्थित नरावट पंचायत में साल 2010 से 2014 के बीच करोड़ों रूपये का विभागीय कार्य दिखला कर करोड़ों रुपये की निकासी कर ली गई परंतु विभाग के पास कार्य से संबंधित कोई भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं है।इस मामले का खुलासा तब हुआ जब अतरी प्रखंड के युवा समाजसेवी पंकज सिंह ने आर टी आई के तहत विभाग से वित्तीय वर्ष 2010-14 तक नरावट पंचायत में हुए कार्यो में से एक कार्य वृक्षारोपण से जुड़े कागजात की जानकारी उपलब्ध कराने की मांग की तो वर्तमान कार्यरत विभागीय कर्मचारी ने हाथ खड़ा करते हुए संक्षिप्त दे जवाब दिया की जब से मैंने प्रभार लिया है पिछला कोई भी अभिलेख मुझे तत्कालीन अधिकारी द्वारा प्राप्त नहीं हुआ।अब सवाल यह खड़ा होता है कि दस्तावेज को गायब करने का क्या औचित्य है?इस कार्यन्तर्गत के अनुसार धरातल पर न तो कोई वृक्ष नजर आता है न ही विभाग के पास कोई कागजात।प्रथम दृष्टया देखने से यही पता चलता है कि कागजातों को जानबूझकर गायब कर दिया गया ताकि इसमें किया गया घोटाला सामने न आ जाए।नियमानुसार जब किसी कर्मचारी का तबादला अथवा सेवानिवृत्ति होती है तो वह अपना प्रभार समेत अबतक का सारा दस्तावेज उनकी जगह आने वाले नये कर्मचारी को सौंपी जाती है जिसमें पीछे किए हुए सारे संपादित व लंबित कार्यों का विवरण मिलता है।लेकिन यहाँ तो पदाधिकारी को प्रभार लिए हुए 4 साल से ज्यादा हो गया है फिर अभिलेख अनुपलब्धता यही दर्शाता है कि सरकारी राशि का गबन जम कर हुआ जो की एक उच्च स्तरीय जांच का विषय है।