छात्रों कि समस्या दूर नही करने वाले पदाधिकारीयों को दे देना चाहिए इस्तीफा :- सूरज सिंह


रिपोर्टःडीके पंडित
गया बिहार 

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के मगध विश्वविद्यालय संयोजक सूरज सिंह ने कहा कि मगध विश्वविद्यालय का जो आज वर्तमान स्थिति वह बेहद ही दयनीय है आज जिस तरह छात्रों का ताता डिग्री प्राप्त करने के लिए दर दर का ठोकर खा रहे है उसे देख ऐसा लग रहा है कि मगध विश्वविद्यालय के पदाधिकारी कुंभकरण कि नींद में सो रहें है। इस कोरोना महामारी में जिस तरह छात्र अपनी डिग्री को पाने के लिए काॅलेज और विश्वविद्यालय का चक्र लगा रहे है उसे देख भय लगने लगा है इस कोरोना महामारी में विश्वविद्यालय हजारों छात्र रोजाना आ रहे है साथ ही हजारों हजार छात्र अपनी समस्या को लेकर विश्वविद्यालय रोजाना पहुंच रहे है पर उनकी समस्याओं को दूर करने बाला विश्वविद्यालय में कोई पदाधिकारी नही रहते हैं, आज विश्वविद्यालय में जो भी छात्रों का भीड़ देखने को मिल रही है उसमें अधिकांश छात्रों को नौकरी में अपनी डिग्री देने के लिए विश्वविद्यालय डिग्री प्राप्त करने आ रहे है परन्तु छात्र महिने भर पहले अपनी पेपर जमा कर दिये है पर उन्हे उनका डिग्री अभी तक नही मिला अभी भी वो विश्वविद्यालय का चक्कर लगा रहे हैं फिर भी उन्हे डिग्री नही मिल पा रही है सही समय पर। आज बड़े पैमाने पर इस डिग्री प्रक्रिया के चलते छात्रों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ रहा है। विश्वविद्यालय में छात्रों का समस्या दिन प्रति दिन बढता जा रहा है पर सुनने बाला कोई नही है। सरकार और राजभवन पूरी तरह बैहरी हो गई है। छात्रों कि समस्या को दूर करने में विश्वविद्यालय के पदाधिकारी सक्षम नही है तो उन्हे अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। जो पदाधिकारी छात्रों का कार्य सही समस्या पर नही कर सकते वैसे लोगो को रहने कि कोई आवश्यकता नही है, विश्वविद्यालय में छात्रों कि हो रही समस्या का पूरा जिम्मेवार विश्वविद्यालय के पदाधिकारी है राज्य सरकार और राज्यभवन को ऐसे पदाधिकारी पर कार्रवाई करने कि आवश्यकता है।विद्यार्थी परिषद मांग करता है कि छात्रों की समस्या जल्द दूर करे विश्वविद्यालय प्रशासन नही तो छात्रों कि समस्या को देखते हुए कुलपति और पदाधिकारीयों को उनके कार्यालय में ही बंद करेगी परिषद।
वही प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सुबोध कुमार पाठक ने कहा कि विश्वविद्यालय भष्ट्राचार और समस्या का अड्डा बन गया है सरकार यहाँ कि दयनीय स्थिति को देखते हुए उचित से उचित कदम उठाये।