किसानों का आंदोलन आर या पार, मुश्किल में मोदी सरकार- डॉ0 सुरेश पासवान.

किसानों का आंदोलन आर या पार, मुश्किल में मोदी सरकार- डॉ0  सुरेश पासवान.                    अजय कुमार पाण्डेय।   औरंगाबाद: ( बिहार ) बिहार -  सरकार के पुर्व मंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल प्रदेश उपाध्यक्ष डा0 सुरेश पासवान ने कहा है कि *किसान विरोधी कृषि कानून* को रद्द कराने हेतु किसानो का *देशव्यापी आंदोलन* का आज 15वां दिन है। किसान अड़े हुए हैं!  इस काला कानून को रद्द कराने के लिए और मोदी सरकार अड़ी हुई है!  *अडानी - अंबानी* जैसे कारपोरेटरों के हाथों खेती *किसानी को निलामी पर चढ़ाने* के लिए। हालांकि मोदी सरकार गफलत की शिकार हो रही है! किसी किमत पर देश के किसान *कृषि कानून* को लागू नहीं होने देंगे!  यह आर -  पार की लड़ाई है!  इसके लिए चाहे जो भी कुर्बानी देनी पड़ेगी किसान पिछे हटने को तैयार नहीं है। एक तरफ *नोटबंदी, जी0एस0टी0 की मार* से देश का *अर्थ व्यवस्था चौपट* हो गया! उपर से नया *कृषि कानून लाकर* किसानों को *गुलाम बनाने की सोची समझी रणनीति* है। मोदी जी आप रहें या न रहे! लेकिन यह देश रहेगा, किसान रहेंगे! लेकिन इतिहास आपको माफ़ नहीं करेगा और इतिहास में आपका नाम *हिन्दुस्तान के किसानों* को पुरी तरह से बर्बाद करने वाला *प्रधानमंत्री के रूप में दर्ज* हो जाएगा। इसीलिए किसानों के प्रति थोड़ी बहुत भी दर्द है?  तो सहानुभूति पूर्वक बिचार करते हुए अभिलंब किसान विरोधी तीनों *कृषि कानूनों को वापस* ले लिया जाना चाहिए। डॉ0 पासवान ने कहा है कि देश के नवनिर्माण में *अन्नदाताओं का अतुल्य योगदान को भुलाया* नहीं जा सकता है। हमें अपने देश के *अन्नदाताओं पर गर्व* करना चाहिए। भीषण गर्मी, कंपकंपाती ठंड या मुसलाधार वारिस में भी किसान अपनी जान की परवाह किए बिना खेत में परिवार के साथ रहता है और अन्न उपजाने का काम करता है! ,तब जाकर *मानव जाति सहित सम्पूर्ण प्राणियों को आहार* मिलता है। इसीलिए किसानों और उनके परिजनों का दुख - दर्द को समझिए और किसान विरोधी *तीनों कृषि कानून* रद्द करने का एलान कर किसानों के इस *देशव्यापी आंदोलन को खत्म* कराना चाहिए।