जल, जंगल ,जमीन की लड़ाई लड़ने वाले फादर स्टेन स्वामी की मौत पर श्रद्धांजलि सभा व मौन जुलूस का आयोजन

जल, जंगल ,जमीन की लड़ाई लड़ने वाले फादर स्टेन स्वामी की मौत पर श्रद्धांजलि सभा व मौन जुलूस का आयोजन

 रिपोर्ट :विनोद विरोधी 

गया ।झारखंड के आदिवासियों की हक अधिकारों के लिए संघर्षरत व केरल के रहने वाले स्टेन स्वामी को जेल में यातनाके दौरान मौत होने पर अनेक सामाजिक संगठनों ने गहरा विरोध प्रकट किया है तथा इसकी कड़ी निंदा की है। वहीं आज इसके विरोध में शहर के स्थानीय गांधी मैदान के धरना स्थल से मौन जुलूस निकाली गई ।जो सिविल लाइन, कचहरी, समाहरणालय ,जीबी रोड एवं कोतवाली होते हुए गांधी चौक पर श्रद्धांजलि सभा में तब्दील हो गई। लोक स्वतन्त्र्य संगठन लोकमंच के फादर जोसेफ की अध्यक्षता में एवं जगत भूषण के नेतृत्व में संचालित श्रद्धांजलि सभा में भूमि आंदोलन से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि फादर स्टेन स्वामी की मौत न्याय व्यवस्था और सरकार के मुकदमों की पोल खोलकर रख दी है ।  84 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक जो कान से भी नहीं सुन सकते ,उन्हें प्रधानमंत्री के जान मारने की साजिश रचने को दोषी मानकर पिछले एक साल सें जेल की सलाखों में बंद रखा गया ।उनका अंतरिम जमानत भी खारिज कर दी गई ।सरकार से बार-बार अनुरोध के बावजूद भी उन्हें बेहतर इलाज के बजाय जेल में ही मरने को छोड़ दिया गया। उल्लेखनीय है कि दिवंगत स्टेन स्वामी विगत 50 वर्षों से अधिक समय तक झारखंड के आदिवासियों के बीच रहकर उनके हक अधिकारों के लिए जल, जंगल ,जमीन और पहाड़ को कारपोरेट घरानों की लूट से बचाने के लिए संघर्षरत रहे ।जिसे तत्कालीन रघुवर दास की सरकार इन्हें रास्ते का रोड़ा मानती रही। अंततोगत्वा एक साजिशपूर्वक उन्हें भीमा कोरेगांव षड्यंत्र का अभियुक्त बनाकर जेल में डाल दिया और अमानवीयता की सारे सारी हदें पार कर लोकतंत्र को शर्मसार करने वाली घटना का अंजाम  दी गई ।श्रद्धांजलि सभा में भूमि आंदोलन के कारू, लोक समिति के कौशल गणेश आजाद, परमेश्वर भाई, पीयूसीएल के राजन शाह, ब्रह्मानंद शर्मा ,शंकर, एएच खान, जेपी सेनानी मुंद्रिका सिंह नायक ,एकता परिषद के जगत भूषण, सिस्टर अरुणा, दीपक ,रोशनी ,याकिव अहसन आदि ने भी अपने विचार प्रकट किए तथा आम लोगों से सजग रहने की अपील की।