मुख्य सचिव, बिहार, पटना की अध्यक्षता में आहूत आपातकालीन प्रबंधन समूह (सीएमजी) की बैठक में लिये गये निर्णय

मुख्य सचिव, बिहार, पटना की अध्यक्षता में आहूत आपातकालीन प्रबंधन समूह (सीएमजी) की बैठक में लिये गये निर्णय

              गया, 09 जुलाई, 2021,

रिपोर्टःडीके पंडित

 मुख्य सचिव, बिहार, पटना की अध्यक्षता में आहूत आपातकालीन प्रबंधन समूह (सीएमजी) की बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार निर्धारित संचालन प्रक्रिया का पालन करते हुए सरकारी विद्यालयों एवं उच्च शिक्षा संस्थानों के साथ ही निजी विद्यालयों, कोचिंग संस्थानों, मेडिकल एवं इंजीनियरिंग काॅलेज, सभी सरकारी प्रशिक्षण संस्थानों एवं उच्च शिक्षा संस्थानों के खोलने के संबंध में जिला पदाधिकारी, गया द्वारा निम्न निर्णय लिया गया है:-

1. दिनांक 12.07.2021 (सोमवार) से विश्वविद्यालय, सभी प्रकार के काॅलेज एवं तकनीकी शिक्षा संस्थान एवं 11वीं से 12वीं तक के विद्यालयों के कुल छात्र संख्या की 50प्रतिशत उपस्थिति के साथ खोलने का निर्णय लिया गया है।

2. राज्य सरकार के आयोगों द्वारा नियुक्ति हेतु प्रतियोगिता परीक्षाओ का आयोजन कोविड अनुकूलन व्यवहार एवं अद्यतन मानक संचालन प्रक्रिया के अनुपालन के साथ अनुमान्य होगा।

3. ऑनलाइन माध्यम से शिक्षण की व्यवस्था को प्राथमिकता दिया जाएगा एवं शैक्षणिक संस्थानों के वयस्क छात्र/छात्राओं, शिक्षकेतर कर्मियों कोविड-19 का टीका लेना सुनिश्चित करेेंगे।

4. उपरोक्त संस्थानों को छोड़कर अन्य सभी स्कूल/कोचिंग/ट्रेनिंग एवं शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे। इस अवधि में विद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों द्वारा किसी भी तरह की परीक्षाएँ नहीं ली जाएगी।

5. वर्ग-1 से 10वीं तक के विद्यालय में शिक्षण कार्य नहीं होंगे, परन्तु विद्यालय में शिक्षक/शिक्षकेतर कर्मी संख्या का 50प्रतिशत के उपस्थिति के साथ आयेंगे।

■ उच्च शिक्षण संस्थान/विद्यालय को खोलने के पूर्व की तैयारी:-

       ● शिक्षण संस्थान/विद्यालय कैम्पस एवं सभी भवन के कक्षाओं फर्नीचर, उपकरण, स्टेशनरी, भंडारकक्ष, पानी टंकी, किचेन, वाशरूम, प्रयोगशाला, लाईब्रेरी एवं विसंक्रमित कराया जाना सुनिश्चित किया जाय।

       ● संस्थान/विद्यलाय में हाथ सफाई की सुविधा क्रियाशील करना

       ● डिजीटल थर्माेमीटर, सेनेटाईजेशन, साबुन आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करना।

       ● संस्थान/विद्यालय के परिवहन वयवस्था आरंभ किये जाने के पूर्व सेनेटाईजेशन सुनिश्चित कराना।

■ विभिन्न टास्क टीम का गठन करनाः-

       ● संस्थान/विद्यालय में आकस्मिक सुरक्षात्मक संबंधी तैयारी के लिए उत्तरदायी टीम का गठन करना जो संस्थान/विद्यलाय के सेनेटाइजेशन, साफ-सफाई, समाजिक दूरी आदि के लिए उत्तरदायी बनाई जाय। इस टीम में विद्यार्थी/शिक्षक/विद्यालय शिक्षा समिति आदि के सदस्यों को भी उत्तरदायित्व दिया जाय।

■ उच्च शैक्षणिक संस्थान/विद्यालय में बैठने की व्यवस्थाः-

       ● गाईड लाईन के अनुसार विद्यार्थी के बीच कम से कम छः फीट की दूरी के साथ बैठने की व्यवस्था की जाए यदि संस्थान/विद्यालय में एक सीट का बेंच-डेस्क हो तो इसे भी छः फीट की दूरी पर बैठने की व्यवस्था की जाए।

       ● इसी प्रकार शिक्षक के स्टाफ रूम/कार्यालय/आगत कक्ष में भी छः फीट की दूरी पर बैठने की व्यवस्था चिन्हित की जाए।

       ● शैक्षणिक संस्थान/विद्यालय में प्रवेश एवं निकास द्वार को भी विभिन्न वर्गों के अनुसार क्रमवार समय आवंटित करते हुए आने एवं जाने के लिए चिन्हित किया जाए।

       ● शैक्षणिक संस्थान/विद्यालय के सभी गेट को आगमन एवं प्रस्थान के समय खुला रखा जाए ताकि एक जगह भीड़ एकत्रित न हो।

        ● पब्लिक एड्रैस का सिस्टम का उपयोग अभिभावक/विद्यार्थी के लिए किया जाए।

        ● शैक्षिणक संस्थान/विद्यालय के वर्गकक्ष/बाहरी नोटिस बोर्ड/दिवाल आदि पर सामाजिक दूरी का पालन करने/मास्क लगाने/सेनेटाइजेशन/हाथ सफाई यत्र-तत्र थूक फेंकने से प्रतिबंध के संबंध में मुद्रित पोस्टर का प्रदर्शन किया जाए।

        ● विभिन्न स्थलों यथा-आगंतुक कक्ष/हाथ सफाई स्थल/पेय जल केन्द्र/टाॅयलेट के बाहर जमीन पर वृताकार चिन्ह छः फीट की दूरी पर निशान बनाया जाए।

■ उच्च शैक्षिणक संस्थान/विद्यालय की समय तालिकाः-

         ● प्रत्येक कक्षा में छात्रों की कुल क्षमता की 50 प्रतिशत उपस्थिति प्रथम दिन रहे तथा शेष 50 प्रतिशत की उपस्थिति दूसरे दिन रहे। इस प्रकार किसी कार्य दिवस पर किसी भी कक्षा में कुल क्षमता का 50 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति नहीं होगी।

        ● वैसे शैक्षणिक संस्थान/विद्यालय जिसमें नामांकन अधिक है को दो पाली में संचालित किया जाए तथा प्रत्येक शिफ्ट के समय को परिस्थिति अनुकूल कम किया जा सकता है।

        ● यदि वर्गकक्ष का साईज छोटा हो तो कम्प्यूटर रूम, लाइब्रेरी, प्रयोगशाला आदि का भी उपयोग बैठने एवं छः फीट की दूरी का पालन करने हेतु उपयोग किया जा सकता है।

■ उच्च शैक्षणिक संस्थान/विद्यालय स्तर पर होने वाले आयोजन/बैठक के संबंध मेंः-

         ● शैक्षणिक संस्थान/विद्यालय को वैसे आयोजन से बचना चाहिए जहाँ भौतिक/सामाजिक दूरी का पालन करना संभव न हो।

         ● समारोह/त्योहार आदि के आयोजन से संस्थान/विद्यालय को बचना चाहिए।

         ● शैक्षणिक संस्थान/विद्यालय एसेम्बली कक्षा शिक्षक के दिशा निर्देश में विद्यार्थी के कक्षाओं में ही अलग-अलग किया जा सकता है जिसमें सामाजिक-भौतिक दूरी का पालन किया जा सके।

         ● यदि संभव हो तो अभिभावक-शिक्षक बैठक वर्चुअल किया जाए।

         ● नये कक्षा में नामांकन के समय केवल परिवार/अभिभावक को ही रखा जाय। बच्चों को अभिभावक के साथ आने से मुक्त रखा जाय।

         ● यदि संभव हो तो ऑनलाइन नामांकन संचालन करने की व्यवस्था की जाय।

■ चिकित्सा सुविधा की उपलब्धता सुनिश्चित करना:-

         ● शैक्षिणिक संस्थान/विद्यालय या उसके नजदीक स्थल पर स्वास्थ्य परीक्षक/नर्स/ डाॅक्टर/ काॅउनसेलन की उपलब्धता सुनिश्चित किया जाय जो छात्रों के शारीरिक एवं मानसिक स्थिति की जांच हेतु उपलब्ध रहे।

         ● शैक्षिणिक संस्थान/विद्यालय के शिक्षक एवं छात्रों के नियमित स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था की जाय।

उच्च शैक्षणिक संस्थान/विद्यालय में उपस्थिति एवं अवकाश संबंधी नीति को पुनर्भाषित किया जाय।

         ● बीमारी संबंधी छुट्टी की नीति को लचीला बनाई जाय और ऐसे आवेदन पर उन्हें घर में रहने की अनुमति दी जाय।

         ● अधिकतम उपस्थिति के लिए पुरस्कार/मानदेय को हतोस्ताहित किया जाय।

         ● अकादमिक कैलेन्डर को सभी कक्षाओं से संबंधित परीक्षा के लिए योजनाबद्ध किया जाय।

         ● विद्यालय खुलने के पूर्व सभी विद्यार्थियों को पुस्तकों की उपलब्धता सुनिश्चित किया जाय।

■ उच्च शैक्षणिक संस्थान/विद्यालय खोलने के बाद की तैयारी:-

         ● कैम्पस एवं आसपास के क्षेत्र में नियमित स्वास्थ्य एवं सफाई का पर्यवेक्षण की व्यवस्था की जाय। शैक्षणिक संस्थान/विद्यालय का कैम्पस प्रतिदिन सफाई हो एवं जिस क्षेत्र की सफाई की गई, उसका अभिलेख संधारित किया जाय। ध्यान रहे कि संसथान/विद्यालय की सफाई अभियान में विद्यार्थियों को नहीं लगाया जाय।

         ● पर्यावरणीय सफाई एवं शुद्धीकरण प्रक्रिया का पालन करते हुए अपशिष्ट पदार्थो के निस्तार पेयजल एवं जल निकास का समुचित प्रबंध किया जाय।

         ● सामान्यतः छूए जाने वाले तल यथा- दरवाजे की कुंडी, डैशसबोर्ड, डस्टर, बेंच-डेस्क आदि का निरंतर सफाई एवं सेनेटाईजसन किया जाय।

         ● सभी अधिगम शिक्षण समाग्री का भी सेनेटाईजसन किया जाय।

         ● कचरा का निस्तार डस्टबीन में किया जाना चाहिए, यत्र-तत्र फेंकनै से बचना चाहिए। डस्टबीन साफ एवं पूरी तरह ढका होना चाहिए एवं उचित जगह पर रखा जाना चाहिए।

         ● हाथ सफाई के स्थल पर साबुन एवं साफ पानी की उपलब्धता होनी चाहिए, इसके लिए एक कर्मी को उत्तरदायी बनाई जाय।

         ● बाथरूम एवं शौचालय को नियमित अंतराल पर सफाई एवं विसंक्रमित किया जाना सुनिश्चित किया जाय।

         ● साफ पीने की पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ ही विद्यार्थियों को घर से पानी बोतल लाने हेतु प्रोत्साहित किया जाय।

         ● संस्थान/विद्यालय खोलने के पूर्व एवं बंद होने के बाद उचित सेनेेटाईजसन की व्यवस्था किया जाय।

■ विद्यार्थियों को उच्च शैक्षणिक संस्थान/विद्यालय में सुरक्षित ठहराव की व्यवस्था:-

        ● सभी विद्यार्थी एवं शैक्षणिक संस्थान/विद्यालय के कर्मी जो कार्य पर आयेंगे उन्हें नियमित रूप से फेस कवर/मास्क पहनने का निदेश दिया गया जाय। विशेषकर उस समय जब वे क्लास में हों या समूह में कोई कार्य कर रहे हो या मेस में खाना खा रहे हो या प्रयोगशाला में कार्य कर रहे हो या पुस्तकालय में अध्यन कर रहें हो।

        ● बच्चों को परस्पर, एक दूसरे के मास्क अदला-बदली नहीं करने का निदेश  दिया जाय।

        ● जहां तक संभव हो शैक्षणिक संस्थान/विद्यालय को सम्पर्क विहीन उपस्थित पद्धति, ऑनलाइन प्रस्तुती प्रक्रिया को अपनाया जाय।

        ● सभी बच्चों को नाक, आंख, कान, मुंह आदि छुने से बचने एवं कफ सर्दी, बुखार आदि के बारे में जानकारी दी जाय। यत्र-तत्र थूकने से प्रबिंधित किया जाय।

        ● सभी सफाई स्टाफ/वर्कर के लिए आवश्यक उपकरण यथा-ग्लब्स, फेस कभर, हाथ धोने का साबुन की उपलब्धता सुनिश्चित किया जाय।

        ● विद्यार्थियों को घर से ही पका-पकाया पौस्टिक खाना लाने कहा जाय तथा भोजन का साझा नही किया जाय।

        ● बाहरी वेंडर को शैक्षिणिक संस्थान/विद्यालय के अंदर खाद्य सामग्री की बिक्री से रोका जाय।

■ विद्यार्थियों के सुरक्षित आवागमन की व्यवस्था :-

        ● शैक्षणिक संस्थान/विद्यालय परिवहन की बसो को प्रतिदिन दो बार (एक बार बच्चों को लाने के पहले एवं दूसरी बार स्कूल से प्रस्थान के पूर्व) सेनेटाईज किया जाय।

        ● शैक्षणिक संस्थान/विद्यालय बस के चालक/उप चालक को सभी समय सामाजिक एवं भौतिक दूरी बनाये रखने हेतु कहा जाय। यदि आवश्यक हो तो सामाजिक दूरी का पालन (छः फीट दूरी के लिए अधिक बसों को लगाया जाय) किया जाय।

        ● जहां तक संभव हो बस पर चढ़ने के समय सभी बच्चों को थर्मल स्क्रीनिंग किया जाय।

        ● बगैर मास्क के किसी भी बस में बैठने की अनुमति नहीं दी जाय। बस के सभी खिड़कियों में पर्दा नहीं रखा जाय। सभी खिड़कियों खुली रहनी चाहिए।

        ● वातानुकूलित बसों के लिए एसओपी द्वारा निर्गत गाईड लाईन के अनुसार 24 से 30 डिग्री सेलसीयस एवं सापेक्ष आद्रता 40 से 70 प्रतिशत होनी चाहिए।

        ● विद्यार्थियों को अनावश्यक रूप से सतह छूने से बचने के लिए कहा जाना चाहिए और बस में हेन्ड सेनेटाईजेसन की व्यवस्था होनी चाहिए।

                जिला शिक्षा पदाधिकारी, गया/सिविल सर्जन, गया को निदेश दिया गया है कि उपरोक्त निदेशों से सभी संबंधित विश्वविद्यालय/सरकारी विद्यालय/निजी विद्यालय प्रबंधन को यथाशीघ्र अवगत कराते हुए अक्षरशः अनुपालन कराना सुनिश्चित किया जाय।

                सभी अनुमंडल पदाधिकारी/अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी/पुलिस उपाधीक्षक/प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, गया/अंचल अधिकारी/थानाध्यक्ष, गया जिला को निदेश दिया गया है कि अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत उपरोक्त निदेशों को अक्षरशः अनुपालन कराना सुनिश्चित करेंगे।