* सरकारी भूमि को दबंगों के कब्जे व-
अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए-
अंचलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन.
* गरीब-महादलित परिवारों को वास
भूमि का पर्चा-आवास दे सरकार.
* महादलितों पर हमले के दोषियों के
विरुद्ध कार्रवाई करे सरकार।
* गरीबों के हक की लडा़ई लडे़गा-
माले.
* नीतीश राज में महिलाएं सुरक्षित
नही-रीता
* महिलाओं की पिटाई-अपमान
बर्दास्त नही करेंगे-ऐपवा
15 जुलाई 2021
रिपोर्टःडीके पंडित
गयाबिहार
पिछले पंद्रह वर्षों से सुशासन-विकास और कानून का राज का दावा करने वाली नीतीश राज में गरीबों को सिर्फ छला गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर जीतनराम राम मांझी तक भूमि सुधार, गरीबों के लिए ऑपरेशन बसावट के तहत गरीब भूमिहीन दलित-महादलित परिवारों को वास- भूमि का पर्चा व आवास देने की बात झूठी साबित हुई है। सरकार से आस बांधे गरीबों का जब सब्र का बांध टूट गया तो बोधगया थाना के ग्राम मोराटाल के गरीब महादलित परिवार जिन्हें रहने की जमीन का काफी कठिनाई है।एक कोठरी में ठूंस-ठूंस कर दर्जन भर परिवार रहते हैं। इसी कारण नदी के किनारे का खाता संख्या 367 प्लौट नम्बर 09,18,361,892 एराजी का करीब 9 एकड़ खाली पड़ी जमीन पर महादलितों ने पिछले 28 जून को सपरिवार झोपड़ी देकर खाना बनाने के साथ रहने लगे थे। 7 जुलाई को इसी गांव के यादव समुदाय के कुछ दबंग शरारती तत्वों ने हमला कर गरीबों के झोपड़ियों को तहस नहस कर दिया। अचानक सुबह 6 बजे महादलितों पर हमला बोल दिया । हमलावरों ने महिलाओं को निर्वस्त्र व निर्मम तरीके से पिटा जिससे कई महिलाओं को गंभीर चोंटे आई है। खाने-पीने के समानो को बर्बाद व लूट लिया गया। और इधर पुरी जमीन को दबंगों ने नाद-खूंटा गाड़़कर ,जानवर बांध रखा है तथा जमीन को पुरी तरह से अतिक्रमण कर लिया है।
गांव के गरीब स्थानीय प्रशासन की निष्क्रिय रवैया से भयभीत अचंभित है। और पलायन करने को विवश है।
आज 15 जुलाई को ऐपवा-माले के संयुक्त तत्वावधान में बोधगया स्थित गांधी मूर्ति को माल्यार्पण के बाद जूलूश निकालकर प्रतिवाद मार्च किया गया जो अंचलाधिकारी को पांच सूत्री मांगों का ज्ञापन देकर समाप्त हुआ। जूलूश में मोराटाल के अलावा बोधगया के आस पास के अनेक गांवों की बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। भाकपा-माले राज्य कमिटी सदस्य सह ऐपवा जिला सचिव रीता बर्णवाल, आइसा नेता आमीर तुफैल,कसफवीन शमीम- पुलेन्द्र,अजय प्रसाद ,रिंकू देबी, सुनीता देवी,तेतरी देवी, ममता देवी, बबीता देवी,बरती देवीआदि ने नेतृत्व किया।
सभा को संबोधित करते हुए माले नेताओं ने कहा कि सरकार गरीबों महादलितों का वोट लेकर गरीबों को धोखा देती है। नीतीश राज में भूमि सुधार के लिए डीबंधोपाध्य आयोग का गठन हुआ परंतु आयोग की रिपोर्ट को कुडे़दान में डाल दिया गया है ।और इसी का परिणाम है कि बिहार में दबंगों, भूमि माफियाओं-अपराधियों का मनोबल बढ़ा है।
महादलित परिवारों को सुरक्षा देने तथा दोषियों को गिरफ्तार करने , दबंगों के कब्जे से सार्वजनिक भूमि को मुक्त कराने की मांग समेत महादलितों को इंसाफ के लिए भाकपा-माले-ऐपवा का लड़ाई जारी रहेगा।