माननीय मुख्यमंत्री बिहार श्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में विधि व्यवस्था से संबंधित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की।

माननीय मुख्यमंत्री बिहार श्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में विधि व्यवस्था से संबंधित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की।
गया, 12 दिसंबर, 2020,
रिपोर्टः डीके पंडित
बिहार के जिला गया में  माननीय मुख्यमंत्री बिहार श्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में विधि व्यवस्था से संबंधित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 में जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी और उस दौरान आने वाले ज्यादातर मामले भूमि विवाद से जुड़े थे। हमलोगों ने आंकलन करवाया और उसके आधार पर यह जानकारी मिली कि 60 प्रतिशत से ज्यादा झगड़ों का कारण भूमि विवाद ही है। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि जमीन से संबंधित आपसी विवाद को खत्म करने के लिए महीने में एक बार जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक, 15 दिनों में एक बार एस0डी0ओ0 और एस0डी0पी0ओ0 तथा सप्ताह में एक दिन अंचल अधिकारी एवं थानाध्यक्ष निश्चित रुप से बैठक करें। शनिवार के दिन चौकीदार परेड में चौकीदार गांव से जुड़ी समस्याओं की जानकारी थाने में दें तथा  अंचलाधिकारी एवं थानाध्यक्ष उसके समाधान के लिए तेजी से कार्य करें। सभी थाना क्षेत्रों में रात्रि गश्ती के साथ-साथ नियमित गश्ती भी सुनिश्चित करें। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 15 वर्षों से सभी क्षेत्रों में विकास के कार्य किए गए हैं। वर्ष 2005 के पूर्व खराब सड़कों के कारण गाडि़यों को रोककर लूट एवं अन्य अपराध की घटनाएं बहुत होती थीं। वर्ष 2005 के बाद राज्य में बेहतर सड़कों के निर्माण से आवागमन सुलभ हुआ है और कानून व्यवस्था की स्थिति भी बेहतर हुई है। विकास कार्यों का लाभ बिहार की जनता को मिल रहा है। हम लोगों का उद्देश्य लोगों की सेवा करना है। विधि व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार की पहली जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि क्राइम कंट्रोल के लिए पूरी मजबूती के साथ काम करें। अपराध नियंत्रण, कानून व्यवस्था के सख्त होने से राज्य में हो रहे विकास कार्यों का वास्तविक लाभ लोगों को मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम छात्र जीवन से ही शराबबंदी के पक्षधर रहे हैं। वर्ष 1977 में जननायक कर्पूरी ठाकुर जी के मुख्यमंत्रित्वकाल में शराबबंदी लागू की गयी थी उनके मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद शराबबंदी खत्म हो गयी। महिलाओं की मांग पर हमने राज्य में शराबबंदी लागू की। शराबबंदी लागू होने से राज्य के लोगों को इससे लाभ हुआ है। हाल ही में आये एक शोध के अनुसार शराब पीने से कोरोना वैक्सिन का असर भी कम हो जाता है। वर्ष 2018 में डब्ल्यू0एच0ओ0 की रिपोर्ट में शराब पीने से कई प्रकार की बीमारियों के संबंध में विस्तृत आंकड़े दिए गए हैं, जिसके बारे में मैं अक्सर लोगों को बताता रहा हूं। 
मुख्यमंत्री ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि शराबबंदी का सख्ती से पालन कराएं और धंधेबाजों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। राज्य के बाहर के जो लोग इस कारोबार में लिप्त हैं उन्हें भी चिन्हित कर जांच के दायरे में लाएं और उन पर कड़ी कार्रवाई करें। सोशल मीडिया के माध्यम से बिहार के संबंध में नकारात्मक बातों को फैलाकर लोगों को भ्रमित किया जा रहा है। राज्य में हो रहे बेहतर कार्यों से लोगों को अवगत कराएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्पीडी ट्रायल में तेजी लाकर सजा की दर को और बढ़ायें। जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक अभियोजन पदाधिकारी तथा संबद्ध वकील के साथ नियमित रुप से केस का रिव्यू करें और उसे अंजाम तक पहुंचाने के लिए काम करें। लोक शिकायत निवारण कानून को लेकर जिलाधिकारी सजग रहें और इसका लाभ लोगों को मिले, यह सुनिश्चित करें। ओवरलोडिंग एंड ट्रैफिक जाम को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष नजर रखें, उनके खिलाफ हो रहे अपराध में संलिप्त लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाय।
मुख्यमंत्री ने कड़ा निर्देश देते हुये कहा कि अपराध नियंत्रण को लेकर किसी प्रकार की कोताही ना बरतें। कानून का सख्ती से पालन हो तथा कोई भी गड़बड़ करने वाला बचे नहीं। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि सभी के सहयोग से बिहार को विकसित राज्य बनाएंगे।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक श्री जे0एस0 गंगवार एवं अपर मुख्य सचिव गृह श्री आमिर सुबहानी ने वीडियो कन्फ्रेंसिंग से जुड़े सभी प्रमंडलीय आयुक्त, रेंज के पुलिस महानिरीक्षक/पुलिस उप महानिरीक्षक, जिलाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक के साथ संवाद कर जिलावार अपराध की स्थिति एवं विधि व्यवस्था से संबंधित विस्तृत जानकारी ली।
समीक्षा के दौरान उन्होंने निर्देश दिया कि नाइट पेट्रोलिंग एवं अर्ली मॉर्निंग पेट्रोलिंग सभी थाना नियमित रूप से करें। क्राइम उद्भेदन में गिरावट लाने का निर्देश दिया। वरीय पुलिस अधीक्षक द्वारा स्वयं थाना स्तर पर औचक निरीक्षण करने का निर्देश दिया। 
गया जिला के समीक्षा के दौरान बताया गया कि गया जिला, अन्य राज्यों के सीमा से जुड़ा हुआ है, जिसमें मुख्य रूप से झारखंड बॉर्डर काफी नजदीक है। शराब की आवाजाही को ध्यान में रखते हुए संबंधित बॉर्डर पर विशेष निगरानी रखे तथा शराब जांच अभियान चलाते रहे। शराब की खेप, आवाजाही, शराब जब्ती इत्यादि मामलों में जीरो टॉलरेंस का अनुपालन सुनिश्चित करें। कहीं से अगर शराब से संबंधित कोई सूचना मिलती है तो अविलंब अद्यतन कारवाई किया जाए। विधि व्यवस्था से संबंधित अगर कोई लापरवाही सामने आती है तो थाना स्तर के पदाधिकारी के साथ साथ ऊपर स्तर के पदाधिकारी  पर भी कार्रवाई किया जाएगा। समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव, बिहार तथा डीजीपी, बिहार द्वारा टिकारी अनुमंडल अंतर्गत कोच थाना कांड के उद्भेदन के संबंध में जानकारी प्राप्त की गई एवं अतिशीघ्र चार्जशीट दायर करने का निर्देश दिया गया। उन्होंने निर्देश दिया कि शराब के व्यवसाय में जुड़े सप्लायर एवं मिडिलमैन को चिन्हित करते हुए उनके खिलाफ कठोर कारवाई करें।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में आयुक्त, मगध प्रमंडल गया, श्री असंगबा चुबा आओ, पुलिस महानिरीक्षक श्री राकेश राठी, जिला पदाधिकारी गया श्री अभिषेक सिंह, नगर पुलिस अधीक्षक श्री राकेश कुमार, उप विकास आयुक्त श्री सुमन कुमार एवं अपर समाहर्ता श्री मनोज कुमार उपस्थित थे।