बिस्मिल्लाह-हिर्रहमा-निर्रहीम

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमा-निर्रहीम" B-ismi-llāhi r-raḥmāni r-raḥīm. अल्लाह के नाम से जो दयालु और कृपाशील है

नमाज ईद -उल -अज़हा और कुर्बानी से संबंधित
मिल्ली तंजीमों (संगठनों) की ओर से संयुक्त अपील

रिपोर्टः डीके पंडित
पटना 
इस साल भी ईद - उल - अज़हा अर्थात बकरीद कुर्बानी की इबादत कोरॉना वायरस और लॉकडाउन के बीच 21 जुलाई को मनाई जा रही है जिस कारण विभिन्न क्षेत्रों से लोगों के फोन आ रहे हैं। ईद - उल - अजहा अर्थात बकरीद की इबादत किस तरह अदा की जाए। इस सिलसिले में बिहार की मिल्ली और मजहबी धार्मिक संस्थानों के सरबराहकार (प्रबंधक) ने संयुक्त रूप से अपील की है जो इस प्रकार है:-
 *1*. यह बात स्पष्ट रहनी चाहिए कि यहां दो अलग अलग इबादतें हैं, पहली इबादत नमाज ईद - उल - अजहा अर्थात बकरीद की नमाज की अदायेगी और दूसरी इबादत कुर्बानी की है और दोनों वाजिब (अपरिहार्य) है।
*2.* ईद - उल- अजहा अर्थात बकरीद की नमाज वाजिब है अतएव वर्तमान परिस्थिति में  कोरोना वायरस से बचाव के संबंध में दी गई सरकारी निर्देशों गाइडलाइंस और उपायों का ख्याल रखते हुए इसे जरूर अदा करें।
*3*. ईदगाह और मस्जिदों में सरकार की ओर से अधिक संख्या में जमा होने की इजाजत न मिले तो ईद की नमाज की तरह ही ईद -उल- अजहा अर्थात बकरीद की नमाज को भी अदा करें।
*4*. मुसाफाह और मुआनका अर्थात हाथ मिलाने और गला मिलने से परहेज़ करें।
*5*. कुर्बानी सभी साहिब ए निसाब मुसलमान पर वाजिब जरूरी है और इस्लामिक अनुपालनार्थ में शामिल है।यह बात फैलाई जा रही है कि कुर्बानी के बदले गरीबों को रकम (राशि) दे दी जाए, यह बिल्कुल गलत सोच है, जिस व्यक्ति पर कुर्बानी जरूरी है उस वाजिब के बदले सदका अर्थात किसी की मदद करना वाजिब को छोड़ना है, जो गलत है अतऐव जहां भी संभव हो वहां कुर्बानी जरूर की जाए।
*6.* इस अवसर पर साफ सफाई का पूरा प्रबंध करें। कुर्बानी परदे की जगह पर करें और कुर्बानी के अवशेष अर्थात खून, गंदगी, चमड़ा और हड्डियां ऐसी जगह न डालें जिस से किसी को तकलीफ हो और विवाद का कारण बने।
*7*. कुर्बानी के जानवर का चमड़ा किसी मदरसा और मजहबी  संस्थान में देने की सुविधा हो तो जरूर दिया जाए, अन्यथा चमड़े को बेच कर उस की कीमत संस्थानों में पहुंचा दी जाए।
*8*. कुर्बानी के दिनों में इस बात का खास ख्याल रखें कि आप के किसी गतिविधि और कार्य से देश के भाइयों को तकलीफ और कष्ट न पहुंचे, कुर्बानी के मांस को अपने गरीब और जरूरतमंद भाइयों तक भी पहुंचाए
*(9)*.Social Media  और व्हाट्सएप या फेसबुक पर ज़बह अर्थात कुर्बानी की हुई जानवर की तस्वीरें अपलोड या शेयर न करें और ध्यान रखें कि आप के किसी भी गतिविधि, क्रियाकलाप से शांति का माहौल प्रभावित न हो।
*10*. अफवाहों  पर ध्यान न दें यदि किसी भी प्रकार का नाखुशगवार कहानियां पेश आए  तो शीघ्र ही पुलिस से संपर्क करें,  बिना किसी कारण के आक्रामक हो कर अशांति फैलाने वालों को अशांति फैलाने का अवसर न दें।किसी भी परिस्थिति में शांति - सुकून को स्थापित करें.
  अल्लाह आप की ईद को सुख - शांति, सफलता - सुरक्षा के अवतार के रूप में अवतरित करे आमीन।
*1.* हजरत मौलाना मोहम्मद शमशाद रहमानी क़ासमी साहेब
नायब अमीर ए शरीयत  बिहार,उड़ीसा & झारखंड. 
*2.* हजरत मौलाना सैय्यद मशहूद अहमद कादरी नदवी साहब
 नाजिम ए आला जमीअतुल उलमा बिहार।
3.हजरत मौलाना डॉक्टर शमीमउद्दीन  अहमद मूनअमी साहेब।
सज्जादा नशीन खानकाहे मून आमिया पटना सिटी
4. जनाब मौलाना शिबली क़ासमी साहेब
नाजिम इमारतें शरिया, बिहार,उड़ीसा व झारखंड।
5.हजरत मौलाना रिजवान अहमद इस्लाही।
*शअमीर जमात इस्लामी हल्का बिहार
6.हजरत मौलाना खुर्शीद g मदनी साहब
नायब अमीर सुबाई जमीयतए अहल हदीस बिहार
7. हजरत मौलाना अमानत हुसैन साहब।
जेनरल सेक्रेटरी मजलिसए उलेमा,खुतबा,इमामिया बिहार
8. हजरत जनाब डॉक्टर अनवारूल हुदा साहब।
जेनरल सेक्रेटरी ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस मुशाविरत, बिहार चैप्टर।