मौलिक अधिकार समाज के प्रत्येक व्यक्ति को समान रूप से प्राप्त होते हैं-अपर जिला न्यायाधीश रोहित सिंह।

मौलिक अधिकार समाज के प्रत्येक व्यक्ति को समान रूप से प्राप्त होते हैं-अपर जिला न्यायाधीश रोहित सिंह।
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दतिया|राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं म0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार एवं माननीय जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शर्मा के निर्देशानुसार एवं अपर जिला न्यायाधीश एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मुकेश रावत के मार्गदर्शन में मंगलवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दतिया द्वारा समर्पण नशा मुक्ति केंद्र दतिया में मूल अधिकार विषय पर  विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
श्री रोहित सिंह अपर जिला न्यायाधीश दतिया द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि मौलिक अधिकार उन अधिकारों को कहा जाता है जो व्यक्ति के जीवन के लिए मौलिक होने के कारण संविधान द्वारा नागरिकों को प्रदान किए जाते हैं।जिनमें राज्य द्वारा हस्तक्षेप नहीं किया जाता है। ये एक ऐसे अधिकार हैं, जो व्यक्ति के व्यक्तित्व के पूर्ण विकास के लिए आवश्यक हैं।और इनके बिना मनुष्य अपना पूर्ण विकास नहीं कर सकता।भारतीय संविधान में प्रत्येक व्यक्ति को समानता का अधिकार प्राप्त है।भारतीय संविधान में 06 प्रकार के मूल अधिकार दिए गए हैं।परंतु हमें मूल अधिकारों के साथ-साथ अपने कर्तव्य का भी ध्यान रखना चाहिए।आयोजित विधिक साक्षरता शिविर में सुश्री अंकिता शांडिल्य जिला विधिक सहायता अधिकारी द्वारा जानकारी देते हुए मूल अधिकारों पर प्रकाश डाला गया।विधिक साक्षरता शिविर का संचालन एवं आभार प्रदर्शन सुश्री अंकिता शांडिल्य जिला विधिक सहायता अधिकारी द्वारा किया गया।आयोजित शिविर में नशा मुक्ति केंद्र के संचालक श्री संजय भार्गव एवं पदाधिकारी गण उपस्थित रहे।