प्ली-बारगेनिंग विषय पर जिला जेल दतिया में विधिक साक्षरता शिविर आयोजित।

प्ली-बारगेनिंग विषय पर जिला जेल दतिया में विधिक साक्षरता शिविर आयोजित।
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प्ली-बारगेनिंग दण्डिक मामलों का समझौते के आधार पर अंतिम निराकरण हेतु एक अनुबंध है-हेमन्त सिंह मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट 
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दतिया| राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार एवं माननीय जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद शर्मा के निर्देशानुसार एवं अपर जिला न्यायाधीश एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण  मुकेश रावत जी के मार्गदर्शन में शनिवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दतिया द्वारा जिला जेल दतिया में जेल में बंदियों हेतु प्ली-बारगेनिंग विषय पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन एवं जेल निरीक्षण के दौरान पुरुष एवं महिला बंदियों की समस्याएं सुनी।जेल प्रशासन द्वारा जेल बंदियो को दी जा रही सुविधाओं जैसे भोजन,वस्त्र,चिकित्सा, मनोरंजन के साधन,मुलाकात आदि के बारे में जेल अधीक्षक से जानकारी प्राप्त की। हेमन्त सिंह मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दतिया द्वारा बंदियो को नि:शुल्क विधिक सहायता एवं सलाह योजना के अंतर्गत न्यायालय में विचाराधीन प्रकरणों में नि:शुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराने के अधिकार तथा अपील न्यायालय में विधिक सहायता के माध्यम से अपील प्रस्तुत करने का अधिकार की जानकारी दी। प्ली-बारगेनिंग विषय पर उद्-बोधन देते हुए श्री मुकेश रावत सचिव एवं अपर जिला न्यायाधीश दतिया द्वारा कहा कि प्ली-बारगेनिंग दांडिक मामलों का समझौते के आधार पर अंतिम निराकरण हेतु एक अनुबंध है। पुलिस द्वारा प्रस्तुत अभियोग पत्र से उत्पन्न मामले में यह अनुबंध अभियुक्त मामले के अनुसंधानकर्ता अभियोजन एवं पीड़ित के मध्य होता है।जबकि किसी परिवादी की शिकायत पर न्यायालय द्वारा संज्ञान लिए गए मामले में यह अनुबंध अभियुक्त एवं पीड़ित के मध्य होता है।यह अनुबंध न्यायालय के निर्देशन एवं नियंत्रण में होता है।कोई अभियुक्त जिसके खिलाफ न्यायालय में मामला चल रहा है वह 18 वर्ष से अधिक आयु का है।तो वह स्वैच्छिक रूप से प्ली-बारगेनिंग के प्रावधान का प्रयोग करने हेतु शपथ पत्र से समर्पित एक आवेदन जिसमें मामले का संक्षिप्त विवरण तथा अपराध का उल्लेख हो, न्यायालय में प्रस्तुत कर सकता है।यह आवेदन उच्च न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा जिस न्यायालय ने उस अभियुक्त के विरुद्ध मामला चल रहा है।परंतु अभियुक्त ऐसे मामले में प्ली-बारगेनिंग के लिए आवेदन प्रस्तुत हीं कर सकता जहां मामले का अपराध 7 वर्ष से अधिक का कारावास से दण्डनीय हो महिला या 14 वर्ष से कम आयु के बच्चे के विरुद्ध कार्य किया गया हो या देश की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति को प्रभावित करता है।प्ली-बारगेनिंग का एक बार पूर्ण में लाभ उठा चुके अथवा किसी न्यायालय द्वारा पूर्व में उसी अपराध में दोषी ठहराए गए।अभियुक्त द्वारा भी प्ली-बारगेनिंग के लिए आवेदन प्रस्तुत नहीं किया जा सकता।विधिकसाक्षरता शिविर का संचालन एवं आभार प्रदर्शन सुश्री अंकिता शांडिल्य जिला विधिक सहायता अधिकारी दतिया द्वारा किया गया।इस अवसर पर शिविर में जेल अधीक्षक श्री भास्कर पांडे,डॉ0 बृजेंद्र अहिरवार, जेल स्टाफ एवं पैरालीगल वॉलिंटियर्स उपस्थित रहे।