विवाह से पैत्रिक संपत्ति में महिला के अधिकारों पर कोई असर नहीं - व्यवहार न्यायाधीश सुश्री स्वाती चौहान

विवाह से पैत्रिक संपत्ति में महिला के अधिकारों पर कोई असर नहीं - व्यवहार न्यायाधीश सुश्री स्वाती चौहान
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वन स्टॉप सेन्टर में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन
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दतिया | राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देशानुसार एवं जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष  राजेन्द्र प्रसाद शर्मा के निर्देशानुसार एवं अपर जिला न्यायाधीश एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मुकेश रावत के मार्गदर्शन में आज जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दतिया द्वारा वन स्टॉप सेन्टर दतिया में महिलाओं के अधिकार विषय पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया ।किसी भी थाने में एफ.आई.आर दर्ज करा सकती है पीडित महिलायें
महिलाओं को है पुरूषों के बराबर मेहनताना पाने का अधिकार
बेटी को मिलता है पैतृत सम्पत्ति में बेटे के बराबर का अधिकार
व्यवहार न्यायाधीश वर्ग 2 सुश्री स्वाती चौहान दतिया द्वारा बताया गया कि, आज तमाम कानूनों और प्रावधानों के बावजूद, भारत में महिलाओं की स्थिति में ज्यादा सुधार नहीं आया है इसकी एक बडी वजह उनका अपने अधिकारों के प्रति जागरूक न होना है। संविधान से लेकर सरकार और वक्त-वक्त पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय द्वारा भी महिलाओं को उनका वाजिब हक दिलाने के लिये कई कानून/नियम बनाये गये हैं। महिलाओं को सुरक्षित रखने से लेकर आर्थिक और सामाजिक तौर पर ज्यादा मजबूत बनाने के लिये भी उन्हें कई अधिकार दिये गये हैं।न्यायाधीश द्वारा जानकारी देते हुये बताया गया कि पिता की सम्पत्ति पर बेटी का भी उतना ही हक है जितना कि बेटे का । हिन्दू उत्तराधिकार संशोधन अधिनियम 2005 के वक्त चाहे बेटी के पिता जिंदा रहे हों या नहीं बेटी को हिन्दू अनडिवाइडेड फैमिली में बेटे के बराबर संपत्ति में अधिकार मिलेगा।विधिक साक्षरता शिविर का संचालन एवं आभार प्रदर्शन जिला विधिक सहायता अधिकारी दतिया सुश्री अंकिता शांडिल्य द्वारा किया गया । शिविर में संध्या श्रीवास्तव प्रभारी वन स्टॉप सेन्टर दतिया, स्टाफ नर्स एवं आशा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।