सहाब हमारी भी सुनो,बड़ौन कला में बारिश का मौसम ग्रामीणों को बन जाता है मुसीबत, किचड़ में निकलने को मजबूर

सहाब हमारी भी सुनो,बड़ौन कला में बारिश का मौसम ग्रामीणों को बन जाता है मुसीबत, किचड़ में निकलने को मजबूर
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दतिया जिले की ग्राम पंचायत बरौन कला पुराना खेड़ा सब्दलपुर पर करीब 200 परिवार निवास करते हैं यहां एक प्राइमरी शासकीय स्कूल भी है जिसमें करीब 50 बच्चे पढ़ते हैं लेकिन कच्चा रास्ता होने से बरसात के दिनों में यहां पैदल भी आना जाना मुश्किल हो जाता है जिससे बच्चे नियमित रूप से स्कूल नहीं जा पाते और उन्हें बहुत मुश्किल का सामना करना पड़ता है यही हाल यहां के निवासियों का है बरौन कला पुराना खेरा एवं बाबा का डेरा निवासियों ने बताया कि जहां एक और हमारे यान मंगल और चांद पर पहुंच गए हैं वहीं दूसरी और हमें यहां किसी के बीमार होने पर या किसी महिला की डिलीवरी होने के समय जब उसे खाट पर रखकर हॉस्पिटल ले जाना पड़ता है और समय पर अस्पताल ना पहुंचने से जब किसी के साथ कोई अप्रिय घटना घट जाती है तो लगता है कि चांद पर जाने से यान बनाने से अच्छा था हमने सड़कें अच्छी बना ली होती तो हम आज इस देश के ग्रामीण गड्ढे में ना होते हम बरसात में भूल जाते हैं कि हम इंसान हैं यहां जानवरों जैसा जीवन हो जाता है हमारा जीवन की गाड़ी थम जाती है आज हम फसलों से निरंतर घाटे में जाते चले जा रहे हैं पशुपालन से कुछ आया अर्जित होती है पर आवागमन ना होने से वह भी नहीं हो पाती कुछ और करना चाहे तो बिजली नहीं मिलती आला अधिकारियों से हम इस बारे में कई बार गुहार लगा चुके हैं यहां तक कि मध्य प्रदेश शासन के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा भी सड़क बनवाने की दो बार घोषणा भी कर चुके हैं पर उसके बावजूद भी अभी तक कोई सड़क यहां पर नहीं बनी। बरसात के तुरंत बाद सड़क निर्माण का काम शुरू करने का आश्वासन दिया गया था और जब फिर से काम को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है । ग्राम पंचायत बडौन कला पुराना खेड़ा सब्दलपुर एवं बाबा का डेरा के ग्रामीणों ने गुहार लगाई है।