भ्रष्टाचार प्रतिरोध संघर्ष मोर्चा सचिव ने राज्यपाल समेत कई विभाग को लिखा

भ्रष्टाचार प्रतिरोध संघर्ष मोर्चा सचिव ने राज्यपाल समेत कई विभाग को लिखा पत्र                   (यह गंभीर मामला है मदनपुर प्रखंड अंतर्गत देवजरा गांव का )  मगध ब्यूरो:  अजय कुमार पाण्डेय।                                       औरंगाबाद: ( बिहार ) औरंगाबाद जिला अंतर्गत मदनपुर प्रखंड के *देवजरा* गांव से पलायन हुए *महादलित परिवारों को 20 वर्ष से अधिक* अवश्य हो गए! लेकिन आज तक न तो इस गंभीर मामले में औरंगाबाद का जिला प्रशासन गंभीरता दिखा रही है और न ही स्थानीय जनप्रतिनिधि! ज्ञात हो कि इसी मुद्दे पर अफसोस जाहिर करते हुए *भ्रष्टाचार प्रतिरोध संघर्ष मोर्चा बिहार - झारखंड सांगठनिक राज्य कमेटी सचिव आलोक कुमार* ने बिहार के राज्यपाल, बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष, समस्त राजनीतिक दलों के अध्यक्ष / सचिव, जिला पदाधिकारी औरंगाबाद, पुलिस अधीक्षक औरंगाबाद को एक साथ पत्र लिखकर भेजने का काम किया है! आलोक कुमार ने भेजे गए पत्र में उल्लेख किया है कि सन 2000 में ही भय, भूख, असुरक्षा के बीच सैकड़ों की संख्या में दलित /महादलित ( भुइया समुदाय ) के लोग अपने घर से पलायन कर चुके थे! जो गंभीर चिंता का विषय है! इसलिए इसका उच्च - स्तरीय जांच अवश्य होनी चाहिए! सैकड़ों की संख्या में *महादलित समुदाय* का पलायन करना *बिहार - सरकार के सुशासन -  व्यवस्था* पर प्रश्न चिन्ह तो खड़ा करती ही है! इसलिए बिहार - सरकार को भी चाहिए कि सुशासन के राज में एक कमेटी बनाकर *महादलित आयोग* के माध्यम से *असली चेहरा उजागर* हो! आलोक कुमार ने कहा है कि इस सवाल पर खासकर *राजनीतिक दलों, कथित वाम जनवादी एवं लोकतांत्रिक धर्मनिरपेक्ष पार्टियों का चुप्पी साधना* भी आज लोगों के बीच उनके *प्रासंगिकता पर सवाल अवश्य* खड़ा कर ही रहा है? कमिटी सचिव ने पत्र के माध्यम से ही कहा है कि *देवजरा* गांव से सैकड़ों की संख्या में महादलित समुदाय पलायन के अलावे आज भी वाम जनवादी,  लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष शक्तियों, प्रगतिशील बुद्धिजीवियों, गरीब,  कमजोर ग्रामीणों पर दबंगों एवं फासिस्ट शक्तियों का निरंतर हमला जारी है! इसलिए हमारी मोर्चा सरकार, प्रशासन,  सभी राजनीतिक दलों, तथाकथित वाम जनवादी, लोकतांत्रिक एवं धर्मनिरपेक्ष शक्तियों को ध्यान आकृष्ट कराते हुए मांग करती है कि *देवजरा गांव* से सैकड़ों की संख्या में पलायन *महादलित समुदाय*  को प्रतिस्थापित कराने एवं उनके बिहार - सरकार द्वारा हासिल *पर्चा भूमि*  को चिन्हित कर कब्जा दिलाने, आवास सुविधा उपलब्ध कराने व सुरक्षा दिलाने की व्यवस्था की जाए! कमेटी सचिव ने भेजे गए पत्र में ही उल्लेख किया है कि हमारी कमेटी जानना चाहती है कि क्या  *मदनपुर प्रखंड अंतर्गत देवजरा गांव के सैकड़ों की संख्या में पलायन कर चुके महादलित समुदाय* का उनका *देवजरा* गांव में रहने का नागरिक अधिकार प्राप्त था?  या नहीं? यदि हां तो इन *महादलित समुदायों को पलायन* के लिए जिम्मेदार कौन है? जो लोग जिम्मेदार हैं!  उन्हें चिन्हित कर उनके विरुद्ध शासन -  प्रशासन अभी तक क्या कार्रवाई की है? गरीबों/  दलितों/  महादलितों के प्रति *घड़ियाली आंसू बहाने वाले* राजनीतिक दलों, जनप्रतिनिधियों तथा तथाकथित वाम जनवादी एवं लोकतांत्रिक/ धर्मनिरपेक्ष पार्टियां क्या सदन अथवा सड़क पर संघर्ष और आवाज बुलंद किया? यदि हां?  तो कब?  और न तो क्यों नहीं? ज्ञात हो कि कमेटी सचिव ने जो प्रत्येक स्थानों पर लिखित पत्र प्रेषित किया है! उस पत्र में संक्षिप्त विवरण के तौर पर 12 लोगों को बिहार -  सरकार द्वारा प्राप्त पर्चा पर अंकित व्यक्ति का नाम एवं पर्चा का रसीद नंबर भी दर्शाया है! जो बिहार - सरकार द्वारा पर्चा 1995 में दिया गया था! इसके अलावे कमेटी सचिव ने भेजे गए लिखित पत्र में कहा है कि जांच के क्रम में पलायन किए और महादलित परिवारों का जानकारी प्रकाश में आएगा!