आत्मा, गया द्वारा 120 बकरी पालकों का एक दिवसीय प्रषिक्षण-सह-प्रतियोगिता का आयोजन

आत्मा, गया द्वारा 120 बकरी पालकों का एक दिवसीय प्रषिक्षण-सह-प्रतियोगिता का  आयोजन 

(02-08-2021 / बाजार समिति परिसर, चन्दौती / गया)

रिपोर्टःडीके पंडित

गयाबिहार।

आत्मा, गया द्वारा 120 बकरी पालकों का एक दिवसीय प्रषिक्षण-सह-प्रतियोगिता का  आयोजन किया गया

 *पी॰पी॰आर॰ और ई॰टी॰ बिमारी से बचाव के बताये गये उपाय

पशुपालन विभाग 10 बकरी और 01 बकरा तथा 100 बकरी एवं 05 बकरा के लिये पहले आओ पहले पाओ के आधार पर दे रहा है सहयोग

 

कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण (आत्मा), गया द्वारा गया जिला के 120 बकरी पालक किसानों के लिये एक दिवसीय प्रषिक्षण-सह-प्रतियोगिता का आयोजन स्थानीय बाजार समिति परिसर में किया गया। कार्यक्रम का उद्देष्य बामेती बिहार पटना के तत्वाधान में पूरे बिहार के सभी 534 प्रखण्डों से 5-5 किसानों को सम्मिलित करते हुये कुल 2670 किसानों से सामूहिक रुप से बकरी पालन का कार्य करने और आत्म निर्भर बनाने के लिये जिला स्तर के पाॅच साधन सेवी प्रगतिषील बकरी पालकों का चयन किया जाना था। कार्यक्रम में भाग ले रहे किसानों में से 05 किसानों श्री रवीन्द्र प्रताप सिंह, कारिसोवा वजीरगंज, श्री रवीन्द्र कुमार, सोलरा, परैया, श्री कमलेष कुमार, नन्दई, डुमरिया, श्री अजय कुमार, मझियावां, परैया एवं श्री सुकेष कुमार, गोइठा, बांकेबाजार का चयन जिले से राज्य स्तर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में भाग लेने के लिये किया गया। 

कार्यक्रम में भाग ले रहे ¬प्रतिभागियों को संबोधित करते हुये परियोजना निदेषक, आत्मा, गया श्री रविन्द्र कुमार ने कहा कि गया जिला की जलवायु में बकरी पालन की बहुत संभावना है कम लागत में अच्छे प्रबंधन से बकरी पालन करके गरीब परिवार आर्थिक रुप से आत्म निर्भर हो सकते हैं। बकरी पालन के माध्यम से नियमित आय प्राप्त की जा सकती है। 

जिला पशुपालन पदाधिकारी, गया डा॰ अनिल कुमार ने बिहार सरकार द्वारा बकरी पालन हेतु बिहार सरकार के द्वारा संचालित 10 बकरी और 01 बकरा, 20 बकरी एवं 01 बकरा तथा 100 बकरी एवं 05 बकरा योजना के लिये सामान्य वर्ग के व्यक्तियों के लिये 50 प्रतिषत जबकि अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के व्यक्तियों के लिये 60 प्रतिषत सहायता दिये जाने की जानकारी दिया और आवेदन के तरीके के विषय में बताया। उन्होने कहा कि योजना पहले आओ पहले पाओ आधार पर क्रियान्वित की जा रही है। इसमें स्वलागत और प्रषिक्षण प्राप्त व्यतियों को प्राथमिकता दी जाती है।

कृषि विज्ञान केन्द्र, मानपुर, गया के पशुचिकित्सा विज्ञान के वैज्ञानिक डा॰ अनिल कुमार रवि ने बकरी पालन हेतु शेड निर्माण, उसके आहार, नष्ल सुधार, चारा प्रबंधन और रोग व्याधि नियंत्रण की जानकारी दिया। उन्होने बताया कि बकरी पालन में सफल होने के लिये पी॰पी॰आर॰ और ई॰टी॰ बिमारी का टीका सही समय पर लगवाया जाना अनिवार्य है।