स्तनपान का समर्थन कराने का संकल्प स्वास्थ्य विभाग के सभी पदाधिकारियों, चिकित्सकों एवं चिकित्सा कर्मियों के बीच दिलाया गया।*


स्तनपान का समर्थन कराने का संकल्प स्वास्थ्य विभाग के सभी पदाधिकारियों, चिकित्सकों एवं चिकित्सा कर्मियों के बीच दिलाया गया।* 
                 गया, 06 अगस्त 2021,
रिपोर्टःडीके पंडित
 *विश्व स्तनपान सप्ताह 1 से 7 अगस्त 2021* के अवसर पर समाहरणालय सभागार में जिला पदाधिकारी श्री अभिषेक सिंह की अध्यक्षता में *स्तनपान का समर्थन कराने का संकल्प स्वास्थ्य विभाग के सभी पदाधिकारियों, चिकित्सकों एवं चिकित्सा कर्मियों के बीच दिलाया गया।* 
    विश्व स्तनपान सप्ताह के अवसर पर जिला पदाधिकारी ने कहा कि स्तनपान बच्चों के लिए अमृत के समान है। स्वास्थ्य एवं प्रेम भाव दोनों दृष्टि से स्तनपान आवश्यक है उन्होंने कहा कि स्तनपान के संबंध में कुछ भ्रांतियां हैं जिनका निराकरण आवश्यक है। मां का दूध बच्चों को बच्चों को कई बीमारियों से लड़ने में सहायक है तथा इससे बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है।
   इस अवसर पर जिला पदाधिकारी द्वारा संकल्प संकल्प दिलाया गया कि मैं अपने अस्पताल में प्रसव सेवा लेने वाली सभी माताओं के लिए सक्रिय रूप से स्तनपान कराने के लिए प्रतिबद्ध हूं। मैं अपने अस्पताल में स्तनपान की सुरक्षा, संवर्धन और समर्थन के लिए अपनी ओर से हर संभव प्रयास करूंगा/ करूँगी। मैं यह सुनिश्चित कराऊंगा/  कराऊंगी की अस्पताल में रहने के दौरान सामान्य और सिजेरियन दोनों प्रकार के प्रसव के उपरांत माताएं स्तनपान कराने का अभ्यास करें। मैं यह सुनिश्चित करूंगा/ करूँगी कि जन्म के तुरंत बाद नवजात शिशु को त्वचा से त्वचा के संपर्क में रखा जाए एवं जन्म के 2 घंटे के अंदर स्तनपान शुरू करने में मां की हर संभव सहायता करूंगा/ करूँगी साथ ही स्तनपान के अतिरिक्त किसी भी अन्य पेय पदार्थ या डब्बा बंद दूध के प्रयोग को हतोत्साहित करूंगा/ कराऊंगी।
      इस अवसर पर सिविल सर्जन ने बताया कि कोरोना का संक्रमण मां के दूध से नहीं फैलता है। उन्होंने बताया कि कोरोना से संक्रमित या संदिग्ध मां के दूध से वायरस की पुष्टि नहीं हुई है। इसलिए यदि कोई मां कोरोना से संक्रमित या संदिग्ध है तो ऐसी स्थिति में अपने बच्चों को मास्क लगाकर स्तनपान जारी रखेगी या स्तन से दूध निकालकर बच्चों को पिलाएगी। मां के शरीर में सफेद रक्त कोशिकाएं खुद की रक्षा के लिए एंटीबॉडी बनाती है। कुछ एंटीबॉडी स्तनों में जाते हैं और वहां एंटीबॉडी का निर्माण करते हैं। यह एंटीबॉडी बच्चे की सुरक्षा के लिए ब्रेस्ट मिल्क में स्रावित हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि शुरू का पीला दूध कोलोस्ट्रम बच्चे के लिए अत्यंत पोषक और आवश्यक होता है। 
    उन्होंने बताया कि मां के दूध बच्चे को देने में कई फायदे हैं, जिनमें एंटीबॉडी से परिपूर्ण, सफेद कोशिकाओं से परिपूर्ण, पेट साफ रखना, वृद्धि कारक तथा विटामिन ए  शामिल है।
  मां के दूध बच्चे के लिए काफी महत्व रखता है जिनमें, बच्चों को पिलाने से संक्रमण और एलर्जी से बचाव, संक्रमण से बचाव, मेकोनियम को साफ कर पीलिया होने से रोकने में मदद, आंत के परिपक्व होने में मदद, एलर्जी की रोकथाम व उसके प्रति सहनशीलता का विकास एवं संक्रमण की गंभीरता को कम करता है।
    जिला पदाधिकारी ने  कोविड-19 की रोकथाम संबंधित प्रोटोकॉल अपनाते हुए प्रखंड स्तर पर स्तनपान के महत्व की जागरूकता बढ़ाने एवं अस्पतालों को बोतल मुक्त परिसर घोषित करने हेतु एक कार्यशाला का आयोजन कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों में महिला ओपीडी या ओपीडी के समक्ष ब्रेस्टफीडिंग कॉर्नर का निर्माण कराया जाए। सभी प्रथम रेफरल इकाई वाले अस्पतालों को बोतल मुक्त परिसर घोषित कराने का निर्देश दिया। उन्होंने सभी अस्पतालों में पोस्ट नेटल वार्ड की इंचार्ज सिस्टर को स्तनपान हेतु उस अस्पताल का नोडल बनाने का निर्देश दिया। सभी प्रसव केंद्रों पर ममता कार्यकर्ता का स्तनपान से होने वाले लाभ के बारे में उन्मुखीकृत कराने का निर्देश दिया।
   उन्होंने आशा,एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा  विश्व स्तनपान दिवस के दौरान अधिक से अधिक माताओं को शिशु के जन्म के 1 घंटे के भीतर स्तनपान आरंभ कराने में मां की सहायता कराना तथा गर्भवती एवं धात्री माताओं को 6 माह तक सिर्फ स्तनपान कराने के महत्व के बारे में जागरूक कराने का निर्देश दिया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं आशा दीदी अगस्त माह में होने वाले VHSND  में सभी 2 वर्ष के बच्चों की माताओं को निमंत्रित करें तथा उनके द्वारा बताई गई इन्फेंट एंड यंग चाइल्ड फीडिंग (आई वाई सी एफ) के अभ्यास तथा उनके बच्चे के पोषण स्तर में हुए सुधार के आधार पर चिन्हित माताओं की प्रशंसा कराने का निर्देश दिया।
   इस अवसर पर सिविल सर्जन, डीपीएम स्वास्थ्य, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सहित अन्य पदाधिकारी, चिकित्सक एवं चिकित्सा कर्मी उपस्थित थे।