क्रियान्वित योजनाओं के प्रगति की जांच के उद्देश्य से ज़िला पदाधिकारी श्री अभिषेक सिंह द्वारा जांच टीम को विभिन्न प्रखंडों में भेजा

*क्रियान्वित योजनाओं के प्रगति की जांच के उद्देश्य से  ज़िला पदाधिकारी श्री अभिषेक सिंह द्वारा जांच टीम को विभिन्न प्रखंडों में भेजा*
गया, 17 दिसंबर, 2020,
रिपोर्टः
दिनेश कुमार पंडित
 बिहार के जिला गया में जल-जीवन-हरियाली अभियान अंतर्गत क्रियान्वित योजनाओं के प्रगति की जांच के उद्देश्य से  ज़िला पदाधिकारी श्री अभिषेक सिंह द्वारा जांच टीम को विभिन्न प्रखंडों में भेजा गया। इन योजनाओं में लघु सिंचाई प्रमंडल गया द्वारा क्रियान्वित योजना शामिल है।
  जांच के उपरांत  निदेशक डीआरडीए की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। 
   निदेशक डीआरडीए श्री संतोष कुमार द्वारा गुरुआ प्रखंड अंतर्गत महादेव कला पोखर के निरीक्षण के दौरान इनलेट आउटलेट, कार्ययोजना का बोर्ड एवं मिट्टी खुदाई के गहराई को मापा गया। तालाब में पानी की गहराई भी मापी गयी। स्थानीय ग्रामीणों ने अनुरोध किया कि पोखर खुदाई में जो मिट्टी बाहर निकला है उस मिट्टी को समतल कराया जाय। निदेशक डीआरडीए ने संवेदक को मिट्टी समतल कराने का निर्देश दिया। 
   वरीय उप समाहर्ता श्री अमित कुमार पटेल द्वारा नीमचक बथानी प्रखंड अंतर्गत खुखरी पोखर का निरीक्षण किया गया। संवेदक द्वारा बताया गया कि इस पोखर में कुछ निजी भूमि होने के कारण इस पोखर को दो पार्ट में बनाया गया है। उन्होंने बताया गया कि पार्ट वन खुखरी पोखर में कटारी आहर से पानी आता था जिससे  ग्रामीणों का पटवन कार्य होता था। परंतु विगत 3 सालों से कटारी आहार के पानी को दबंगों द्वारा रोका गया है। जिसके कारण खुखरी पोखर में पानी नहीं पहुंच पा रहा है जिससे यह तलाव सूखा पड़ा है। लोगों का पटवन कार्य प्रभावित हो रहा है। वरीय उप समाहर्ता श्री अमित पटेल द्वारा अनुमंडल पदाधिकारी नीमचक बथानी को संबंधित पोखर को अतिक्रमण मुक्त कराने का अनुरोध किया गया। पार्ट 2 खुखरी पोखर के निरीक्षण के दौरान देखा गया कि यह पोखर पहाड़ के नजदीक बना है पहाड़ का पानी इस पोखर में पहुंच रहा है। आउटलेट के माध्यम से इस आहर से किसान सिंचाई करते हैं। ग्रामीणों द्वारा अनुरोध किया गया कि इस तालाब में पत्थर से सौंदर्यीकरण का कार्य कराया जाए ताकि बरसात में मिट्टी का कटाव ना हो सके। ग्रामीणों द्वारा यह भी बताया गया कि पोखर में बालूनुमा मिट्टी होने के कारण मवेशी पोखर में गिर जाते हैं।
    वरीय उप समाहर्ता श्रीमती दुर्गेश नंदिनी द्वारा मानपुर प्रखंड अंतर्गत ननौक पोखर का निरीक्षण किया गया। यह पोखर 22 एकड़ में बना हुआ है। इस पोखर की गहराई मापने पर पाया गया कि इसकी गहराई भिन्न-भिन्न है। इस पोखर में पानी नहीं रहने के कारण किसानों को पटवन करने में कठिनाई हो रही है। इस पोखर में तीन इनलेट एवं तीन आउटलेट पाए गए। सभी आउटलेट एवं इनलेट बंद होने के कारण पानी खेतों तक नहीं पहुंच पा रहा है। वरीय उप समाहर्ता ने संवेदक को जेसीबी मशीन लगाकर इनलेट आउटलेट के मिट्टी को साफ कराने का निर्देश दिया। 
   वरीय उप समाहर्ता श्री अमरेश कुमार द्वारा टनकुप्पा प्रखंड अंतर्गत गुहिया पोखर का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि यह पोखर 225x200 लंबाई का है। गहराई मापने पर यह पाया गया कि तालाब की गहराई 2.20 मीटर होना चाहिए परंतु 1.8 मीटर ही गहराई पाया गया। पोखर निरीक्षण के दौरान ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि इस पोखर के नजदीक डेड बॉडी को ग्रामीण जलाते हैं जिसके कारण इस पोखर का पानी प्रदूषित हो रहा है। ग्रामीणों द्वारा यह भी बताया गया कि बगल के भूखंड में शवदाहगृह है परंतु वह जर्जर है जिसके जिसके कारण ग्रामीण उस शवदाह गृह का उपयोग नहीं करते हैं ग्रामीणों ने अनुरोध किया कि उक्त शवदाहगृह को बनवाया जाए।