अगस्त क्रांति में बिहार के सात छात्रों ने अपने खून से लिखा था आजादी का इतिहासःमिठू *

* अगस्त क्रांति में बिहार के सात छात्रों ने अपने खून से लिखा था आजादी का इतिहासःमिठू *
रिपोर्टः डीके पंडित
गयाबिहार
        आज गया शहर के कोतवाली थाना एवम् धामिटोला स्थित * अगस्त क्रांति के शहीदों *  की याद में बने स्तुब के समक्ष कांग्रेस पार्टी के नेता कार्यकर्ता ने अगस्त क्रांति के वीर सपूतों को नमन करते हुए उन्हें क्रांतिकारी अभिनन्दन कर * भारत छोड़ो आन्दोलन * में बिहार के जनमानस की भूमिका पर विस्तृत चर्चा की।
     अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के सदस्य सह क्षेत्रीय प्रवक्ता बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी प्रो विजय कुमार मिठू, जिला उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, युगल किशोर सिंह,  राम प्रमोद सिंह, विद्या शर्मा,मदीना खातून, सकलदेव चंद्रवंशी, शिव कुमार चौरसिया, मनोज कुमार पटेल, विनोद बनारसी, राजेश्वर पासवान, सुरेन्द्र मांझी, टिंकू गिरी, कृष्णा कांदू , आदि ने कहा कि आज ही के दिन 08 अगस्त 1942 को कांग्रेस पार्टी ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में * अंग्रेज़ो भारत छोड़ो आंदोलन * का आगाज किया गया था, जिसकी चिंगारी सम्पूर्ण भारत के कोने, कोने में फैल गई थी, खास कर बिहार के छात्र नौजवान बच्चे, बूढ़े, महिलाएं सभी अंग्रेज़ो भारत छोड़ो के नारों को बुलंद करते हुए अपने, अपने घरों से बाहर निकाल गए थे।
      पटना सचिवालय पर तिरंगा झंडा फहराने वाले बिहार के सात वीर जवान अपने सीने में गोलियां खा कर अपने लहू से देश की आजादी का इतिहास लिखे थे, तो गया के शहीद जगन्नाथ मिश्र, भुई राम, कैलाश राम ने गया कोतवाली पर झंडा फहराने में शहीद हो गए थे, बिहार के कोने, कोने में आजादी के दीवाने अपने प्राण की बाजी लगा कर अंग्रेजी हुकूमत की दांत खट्टे कर दिए थे।
         नेताओं ने कहा कि कांग्रेस पार्टी प्रति वर्ष 08 अगस्त की शाम से अगस्त क्रांति के वीर सपूतों को नमन करते हुए 09 अगस्त से 13 अगस्त तक कार्यक्रम आयोजित कर * अंग्रेज़ो भारत छोड़ो आंदोलन * पर विस्तृत चर्चा करती है।