*'शब्दाक्षर’ का राष्ट्र-प्रणामः काव्यांजलि देश के नाम*
*-चार सत्रों में आयोजित हुआ यह अॉनलाइन साहित्यिक समारोह*
*-‘शब्दाक्षर समग्र‘ फेसबुक प्रोफ़ाइल के लोकार्पण पर संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जताई खुशी*
*- 'हम हैं भारतवासी, भारत प्राणों से भी प्यारा है।*
*स्वर्ण-सरीखी माटी इसकी, यह अभिमान हमारा है।।*
रिपोर्टः डीके पंडित. गयाबिहार
गया। साहित्यिक संस्था ‘शब्दाक्षर’ ने देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस के सुअवसर पर 'शब्दाक्षर’ का राष्ट्र-प्रणामः काव्यांजलि देश के नाम' चार-सत्रीय अॉनलाइन समारोह का आयोजन किया। प्रथम सत्र में आयोजित राष्ट्रीय काव्यांजलि की अध्यक्षता लखनऊ के प्रसिद्ध कवि रवीश पांडे ने की। प्रधान अतिथि के रूप में संस्था के संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि प्रताप सिंह (कोलकाता), मुख्य अतिथि के रूप में उन्नाव के प्रसिद्ध गीतकार सुरेश फक्कड़ तथा बतौर विशिष्ट अतिथि तमिलनाडु के प्रसिद्ध साहित्यकार सतीश कुमार श्रीवास्तव ‘नैतिक’ की गौरवमय उपस्थिति रही। वंदना चौधरी ने सुमधुर सरस्वती वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ किया तथा उड़ीसा के किशन खंडेलवाल ने स्वागत वक्तव्य प्रस्तुत किया।
देश तथा शहीदों को समर्पित इस काव्यांजलि में भारत के अनेक राज्यों से आमंत्रित प्रतिभाशाली कवि तथा कवयित्रियों ने अपनी ओजमयी काव्याभिव्यक्तियों से 'शब्दाक्षर' के मंच को गुंजित कर डाला। जहाँ एक ओर कवि सुरेश फक्कड़ के ओजमय काव्य-पाठ ने कवि भूषण की कविताओं का स्मरण करा डाला, तो दूसरी ओर रवीश पाण्डे ने अमर शहीद चंद्रशेखर आज़ाद के जीवन से जुड़ी घटनाओं की जीवंत काव्यात्मक झांकी से हर किसी को भावविभोर कर दिया। काव्यांजलि में 'शब्दाक्षर' बिहार इकाई की प्रदेश साहित्य मंत्री कवयित्री डॉ कुमारी रश्मि प्रियदर्शनी (गया) ने अपनी कविता "हम हैं भारतवासी, भारत प्राणों से भी प्यारा है, स्वर्ण-सरीखी माटी इसकी यह अभिमान हमारा है' की लयबद्ध सुमधुर प्रस्तुति द्वारा भारतभूमि के गौरवशाली प्राकृतिक सुषमा, सांस्कृतिक धरोहरों, ऐतिहासिक उपलब्धियों तथा पौराणिक श्रेष्ठताओं का बखान कर मंचासीन अतिथियों एवं श्रोताओं से खूब वाहवाहियाँ अर्जित कीं। इस काव्यांजलि में कवि ब्रजेंद्र मिश्रा (बेंगलुरु ), बाल कवि काव्यांश भट्ट ( दिल्ली ), के. के. दूबे ( कोलकाता ), वंदना चौधरी ( गोवा), अंजू छारिया ( कोलकाता ), प्रीति त्रिपाठी (दिल्ली ), सुशीला चनानी (कोलकाता), विभा जोशी ( दिल्ली ), महावीर सिंह ‘ वीर’ ( उत्तराखंड ), सत्येंद्र सिंह ‘सत्य’ ( असम), कवि राजीव खरे ( मध्यप्रदेश ), रामप्रकाश सिंह ‘सावन’ (कोलकाता ), रणविजय कुमार (चक्रधरपुर, झारखंड), नेहा जग्गी (दिल्ली) आदि के संग-संग सभी सम्मानित अतिथियों ने भी एक से बढ़कर एक बेहतरीन रचनाएँ पढ़ीं। इन सुमधुर कविताओं को सुन श्रोतागण देशभक्ति की धुन पर झूम उठे। शब्दाक्षर, दिल्ली इकाई की प्रदेश अध्यक्ष संतोष संप्रीति ने इस सत्र का कुशल संचालन किया तथा धन्यवाद ज्ञापन मध्यप्रदेश के लोकप्रिय कवि राजीव खरे ने किया।
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में शब्दाक्षर के ‘शब्दाक्षर समग्र‘ फेसबुक प्रोफ़ाइल का लोकार्पण हुआ, जिसके माध्यम से संस्था से संबंधित सभी तरह की अद्यतन सूचनाएँ प्राप्त की जा सकेंगी। तीसरे सत्र में अलका सिन्हा (दिल्ली) का वार्ताकार नीता अनामिका (राष्ट्रीय साहित्य मंत्री 'शब्दाक्षर') के साथ साहित्यिक साक्षात्कार आयोजित हुआ। विगत 13 वर्षों से लगातार गणतंत्र दिवस परेड का आंखों देखा हाल सुनाने वाली अलका सिन्हा को आकाशवाणी की नेशनल कमेंटेटर होने के साथ-साथ लंबे समय तक दूरदर्शन के साहित्यिक कार्यक्रम 'पत्रिका' की नियमित प्रस्तोता होने का गौरव भी प्राप्त है। अनेक सम्मानों से विभूषित बिहार के भागलपुर जिले में जन्मी श्री मती सिन्हा गृह मंत्रालय के केन्द्रीय अनुवाद ब्यूरो द्वारा संचालित अनुवाद प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में रजत पदक प्राप्त हैं। चौथे तथा अंतिम सत्र में बिजनौर, उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय कवि जय प्रकाश वाशनेय ने एकल काव्य पाठ किया। चार सत्रों में आयोजित इन सभी कार्यक्रमों का सीधा प्रसारण फेसबुक के "शब्दाक्षर केन्द्रीय पेज" से भी किया गया। 'शब्दाक्षर' के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि प्रताप सिंह ने कार्यक्रम के सफल आयोजन पर हार्दिक खुशी जताई।