*मां विंध्यवासिनी जयंती के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं का होगा दर्शन - पूजन - राजन पाठक*

*मां विंध्यवासिनी जयंती के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं का होगा दर्शन  - पूजन  -  राजन पाठक*                                     ( *चर्चित जागरण कलाकारों की होगी इस बार ऑनलाइन प्रस्तुति* ).                                *अजय कुमार पाण्डेय*           विंध्याचल: ( मिर्जापुर )  *उत्तर प्रदेश राज्य अंतर्गत पड़ने वाली मिर्जापुर जिले के विंध्याचल जनपद स्थित मां विंध्यवासिनी के दरबार में इस बार मां विंध्यवासिनी के जन्मदिन समारोह पर भक्तों को सिर्फ दर्शन - पूजन ही हो* सकेगा! *ध्यातव्य हो कि प्रत्येक वर्ष मां विंध्यवासिनी आराधना केंद्र, के द्वारा भादो शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि को यानी कि रक्षाबंधन के एक दिन बाद दूसरे दिन काफी बृहत पैमाने पर देश के कोने - कोने से चर्चित, जागरण कलाकारों को बुलवाकर संध्या पश्चात परंपरा अनुसार विधिवत उद्घाटन करते हुए रात भर जागरण की प्रस्तुति होती* थी! *जिसमें जिले के वरीय अधिकारी भी उद्घाटन  समारोह में बढ़ - चढ़कर भाग लेते* थे! *लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से इस बार दूसरी बार भी मां विंध्यवासिनी मंदिर के प्रांगण में मां विंध्यवासिनी जयंती के पावन अवसर पर आयोजित होने वाली जागरण कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया* है! *लेकिन इस संबंध में जब समाचार प्रेषण पूर्व मंदिर कमिटी  अध्यक्ष, राजन पाठक से संवाददाता की मोबाइल पर विस्तृत वार्ता* हुई, *तो पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि इस वर्ष भी वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से सरकार द्वारा जारी दिशा - निर्देशों का अनुपालन करते हुए मां विंध्यवासिनी जयंती के पावन अवसर पर भादो शुक्ल पक्ष द्वितीय तिथि मंगलवार दिनांक - 24 अगस्त 2021 को सिर्फ माई का विधिवत श्रृंगार -  पूजन करते हुए भक्तों को प्रसाद वितरण ही किया* जाएगा! *लेकिन भक्तों को ध्यान में रखते हुए इस बार चर्चित जागरण कलाकारों द्वारा जागरण कार्यक्रम की प्रस्तुति ऑनलाइन अवश्य* होगी! *जिससे मां विंध्यवासिनी के भक्त कार्यक्रम को ऑनलाइन देख सकते* हैं! *जिसमें मुख्य कलाकार के रूप में मंगलवार संध्या 6:00 बजे से 6:10 बजे तक पुणे की प्रियंका कथक प्रस्तुति* देगी! *हरिद्वार की रहने वाली अराधिका संध्या 06:10 बजे से 6:30 बजे तक वोकल की प्रस्तुति* देगी! *संध्या 6:30 बजे से 6.50 तक वाराणसी निवासी, नूपुर द्वारा भरत नाट्यम की प्रस्तुति* होगी! *संध्या 6:50 बजे से 7.10 बजे तक दिल्ली निवासी, तबला वादक, रुद्राक्ष   की प्रस्तुति* होगी! *संध्या पश्चात 7:10 बजे से संध्या 7:20 बजे तक दिल्ली निवासी पूनम एवं रंजना कथक की प्रस्तुति* देगी! *संध्या पश्चात 7:20 बजे से 7:40 बजे तक वाराणसी निवासी सुधीर द्वारा फ्लूट की प्रस्तुति* होगी!  *संध्या पश्चात 7:40 बजे से 8:00 बजे तक देहरादून निवासी प्रतिभा एंड ग्रुप द्वारा कथक की प्रस्तुति* होगी! *रात्रि 8:00 बजे वाराणसी निवासी अमरेंद्र एंड ग्रुप द्वारा सितार वोकल तथा तबला की प्रस्तुति पश्चात कार्यक्रम की समाप्ति* होगी! *ध्यातव्य हो कि इस बार मां विंध्यवासिनी के जन्मदिन समारोह पर भादो शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि यानी मंगलवार को श्री मां विंध्यवासिनी आराधना केंद्र, विंध्याचल द्वारा नियमित परंपरा अनुसार 51वा जयंती समारोह श्रद्धा पूर्वक मनाया जा रहा* है! *इसके अलावे संवाददाता से हुई बात - चित के क्रम में ही मां विंध्यवासिनी मंदिर कमिटी अध्यक्ष, राजन पाठक ने संवादाता से आग्रह करते हुए कहा है कि इस जयंती समारोह को कम से कम अधिक से अधिक प्रचार -  प्रसार अवश्य* करें!  *जिससे देश एवं विदेशों में रहने वाले माई के श्रद्धालु भी अधिक से अधिक लाभान्वित हो* सकें! *ध्यातव्य  हो कि उत्तर प्रदेश राज्य अंतर्गत पड़ने वाली मिर्जापुर जिले के विंध्याचल जनपद में स्थित मां विंध्यवासिनी का मंदिर विश्व प्रसिद्ध मंदिर* है! *जो किसी से भी छुपी हुई नहीं* है! *यह मंदिर मोक्षदायिनी मां गंगा के बगल में भी स्थित* है! *साथ ही यह मंदिर इलाहाबाद  (वर्तमान प्रयागराज  )  जंक्शन - मुगलसराय  (वर्तमान पंडित दीनदयाल उपाध्याय ) जंक्शन मुख्य रेलखंड मार्ग के बीच में हीं पड़ता* है! *जो यहां का रेलवे स्टेशन भी मां विंध्यवासिनी के नाम से ही विंध्याचल के नाम से प्रसिद्ध* है! *यहां मां विंध्यवासिनी का मंदिर भी मुख्य बाजार में ही स्थित* हैं, *तथा विंध्याचल ही एक ऐसा चर्चित मंदिर* है! *जहां भक्तों को मुख्य बाजार में स्थित मां विंध्यवासिनी मंदिर के दर्शन -  पूजन पश्चात  काली खोह स्थित, महाकाली मंदिर तथा मां अष्टभुजा पर्वत स्थित, मां अष्टभुजा ( मां सरस्वती ) मंदिर यानी कि तीनों मंदिर का दर्शन -  पूजन करना आवश्यक माना गया* है! *इसलिए हिंदू धर्म के  शास्त्रों में भी इसे प्रमुखता से उल्लेख किया गया है कि विंध्याचल पहुंचने वाले कोई भी भक्त विंध्य पर्वत पर बसा हुआ तीनों मंदिर का दर्शन -  पूजन विंध्य पर्वत का त्रिकोण यात्रा करते हुए अवश्य* करें! *क्योंकि विंध्याचल में त्रिकोण यात्रा करने के पश्चात ही श्रद्धालुओं का सफल दर्शन  -  पूजन माना जाता* है! *इसके अलावे मां विंध्यवासिनी का मंदिर हिंदू धर्म ग्रंथों के मुताबिक सुहागिन स्त्रियों के लिए भी अति उत्तम माना गया* है! *शास्त्र अनुसार विंध्याचल मे स्थित मां विंध्यवासिनी का ही एक ऐसा मंदिर* है! *जहां मान्यता अनुसार दर्शन - पूजन करने के पश्चात मंगला  - मंगली, पुरुष /   महिला का भी दोष मिट जाता* है, *तथा मां विंध्यवासिनी को छोड़कर अन्यत्र किसी भी मंदिर में दर्शन - पूजन करने के पश्चात मंगला -  मंगली का दोष नहीं मिटता* है! *ऐसा विद्वान ब्राह्मणों का भी राय* है! *इसलिए मां विंध्यवासिनी मंदिर में मंगली होने के बावजूद भी यदि कोई महिला दर्शन -  पूजन कर लेती* है! *तब उसे सदा सुहागन रहने का भी वरदान अवश्य ही प्राप्त हो जाता* है! *इसमें दो राय नहीं माना गया* है!  *मां विंध्यवासिनी के भक्तों को मैं स्पष्ट करना देना चाहता हूं कि जब सन 2019 में मां विंध्यवासिनी जयंती के पावन अवसर पर ही देश भर से पहुंचे चर्चित जागरण कलाकारों द्वारा ही जागरण की प्रस्तुति प्रारंभ* थी! *तब उसी वक्त एक चर्चित जागरण कलाकार ने ही मंच से संबोधित करते हुए कहा था कि पिता की डांट में भलाई छुपी रहती* है, *जैसे की दूध में मलाई छुपी रहती* है, *इसलिए मत समझ इसे पत्थर की* मूरत, *इसी में माई छुपी रहती* हैं! *क्योंकि आज भी यह मां विंध्यवासिनी का प्रसिद्ध मंदिर जागता हुआ मंदिर ही माना जाता* है! *जिसके कई उदाहरण पूर्व से भी भरे - पड़े* हैं!