जीविका द्वारा कराया जा रहा स्वच्छता, स्वास्थ्य, पोषण एवं व्यवहार परिवर्तन से संबंधित प्रशिक्षण


जीविका द्वारा कराया जा रहा स्वच्छता, स्वास्थ्य, पोषण एवं व्यवहार परिवर्तन से संबंधित प्रशिक्षण 

जीविका द्वारा कराया जा रहा स्वच्छता, स्वास्थ्य, पोषण एवं व्यवहार परिवर्तन से संबंधित प्रशिक्षण 
समुदाय के माध्यम से महिलाओं में स्वच्छता, स्वास्थ्य, पोषण एवं व्यवहार परिवर्तन से संबंधित जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से जीविका द्वारा समुदायिक उत्प्रेरक जीविका दीदियों जिसे जीविका मित्र भी कहते हैं का प्रशिक्षण गया में कराया जा रहा है। संबंधित प्रखंड क्षेत्र की स्वास्थ्य एवं पोषण एमआरपी, सीएनआरपी,आदि भी प्रशिक्षण में भाग ले रहीं हैं। 24 में से बारह प्रखंडों द्वारा अलग-अलग बैचों के माध्यम से अभी तक 1334 समुदायिक उत्प्रेरकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। आगामी 15 सितंबर तक 3903 जीविका मित्रों का प्रशिक्षण होना है। इसके पश्चात प्रशिक्षत जीविका मित्रों द्वारा समहू की अन्य दीदियों को स्वच्छता, स्वास्थ्य, पोषण एवं व्यवहार परिवर्तन संबंधित जानकारी दी जाएगी ताकि समूह की प्रत्येक महिला तक ये जानकारियां पहुंच सकें। जीविका के प्रबंधक स्वास्थ्य एवं पोषण शंभु प्रकाश द्वारा बताया गया कि यह पांच दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण है जसमें रंगीन फ्लिपचार्ट के माध्यम से स्वच्छता, स्वास्थ्य, पोषण एवं व्यवहार परिवर्तन से संबंधित मुद्दों को समझया जाता है। स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वच्छता की जानकारी से लोगों के जीवन में कई सकारत्मक बदलाव आता है। इससे मातृत्व मृत्युदर में कमी आती है। आहार विविधता एवं व्यवहार परिवर्तन अपना कर पैसे की बचत एवं कुपोषण जनित रोगों से बचाव होता है। 

सरकार का लक्ष्य है कि ग्रामीण महिलाओं तक स्वच्छता, स्वास्थ्य एवं पोषण की जानकारी पहुंचे। जीविका समुदाय के माध्यम से इसके लिए पुरे बिहार में  जागरूकता फैलाने के उद्देश्य कार्य किया जा रहा है। हाल ही में जीविका जिला कार्यालय द्वारा 70 क्षेत्रीय समन्वयकों/ संकुल प्रभारियों का चार दिवसीय प्रशिक्षण प्रशिक्षुओं का प्रशिक्षण कराया गया था। अब सभी प्रशिक्षत संकुल प्रभारी जीविका मित्रों द्वारा प्रशिक्षण कराया जा रहा है। प्रशिक्षण के दौरान अन्य जानकारियों के साथ कोरोना महामारी से बचाव के लिए स्वच्छता के साथ टीकाकरण, मास्क का प्रयोग, आदि विषयों पर भी चर्चा होती है।  प्रशिक्षण के उपरांत जीविका मित्र, एमआरपी, सीएनआरपी, आदि स्वयं सहायता समूहों और ग्राम संगठन के माध्यम से समुदाय में अन्य दीदियों के बीच स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वच्छता पर जागरकता फैलाने का कार्य करेंगी। स्वास्थ्य एवं पोषण पर बने चार मॉडुल के माध्यम से स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता एवं व्यवहार परिवर्तन जैसे मुद्दों को दीदियों को समझया गया है। नियमित सामुदायिक बैठक के माध्यम से सभी इन विषयों की चर्चा महिलाओं के बीच की जाएगी। जैसे   स्वच्छता एवं आहार विविधता से लाभ, व्यवहार परिवर्तन का अर्थ, शिशु को स्तनपान करने का महत्व, पूरक आहार, महिलाओं के लिए पौष्टिक आहार, आदि के महत्व। इस प्रशिक्षण में जीविका दीदियों को दस आहार समूह के विषय में बताया गया जिनको लेने से कुपोषण से बचा जा सकता है जैसे हरी सब्जियां, मौसमी फल, अंकुरित अनाज,दाल, दूध, अण्डा, मांस-मछली, आदि। उन्होंने शिशुओं और गर्भवती माताओं को दिए जाने वाले आहार के विषय में जानकारी से लाभ होगा।