गया जिले में अफीम, गांजा एव अन्य मादक पदार्थों का अवैध उत्पादन पर रोकथाम एवं विनष्टीकरण से संबंधित समीक्षा बैठकःडीएम

गया जिले में अफीम, गांजा एव अन्य मादक पदार्थों का अवैध उत्पादन पर रोकथाम एवं विनष्टीकरण से संबंधित समीक्षा बैठकःडीएम

               गया, 07 सिंतबर, 2021
रिर्पोटः डीके पंडित
गयाबिहार
, *जिला पदाधिकारी, गया श्री अभिषेक सिंह की अध्यक्षता में गया जिले में अफीम, गांजा एव अन्य मादक पदार्थों का अवैध उत्पादन पर रोकथाम एवं विनष्टीकरण से संबंधित समीक्षा बैठक समाहरणालय सभाकक्ष में आयोजित की गई।*
               बैठक में मुख्य रूप से जिले में अफीम की खेती पर रोकथाम लगाने, अवैध शराब, गांजा इत्यादि मादक पदार्थों की आवाजाही पर रोकथाम एवं इसके संबंध में लोगों को जागरूक करने, संबंधित माफिया नेटवर्क को समाप्त करने इत्यादि कार्रवाई करने हेतु विचार विमर्श किया गया।
               बैठक में जिला पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि गया जिले के बाराचट्टी, बांकेबाजार एवं अन्य स्थानों पर अफीम की खेती को बंद करने एवं इसके स्थान पर लेमनग्रास की खेती को प्रोत्साहित करने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 50 एकड़ क्षेत्र में कृषि विभाग द्वारा लेमनग्रास की खेती किया गया है। साथ ही लेमनग्रास की खेती करने हेतु किसानों/लोगों को जागरूक एवं प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बाराचट्टी, बांकेबाजार में लेमनग्रास की अच्छी खेती की जा रही है। डोभी प्रखंड में भी 10 एकड़ में लेमनग्रास की खेती की जा रही है।
               बैठक में *जिला पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि पिछले वर्ष 578 एकड़ में लगे अफीम की खेती का विनष्टीकरण किया गया है। उन्होंने बताया कि पिछले महीने अवैध शराब, गांजा इत्यादि के बड़े खेप को पकड़ा गया है परंतु मुख्य उद्देश्य यह है कि गया जिले में मादक पदार्थों के नेटवर्क को ध्वस्त किया जाए। इस कार्य हेतु वाहनों की सघन चेकिंग तथा आसूचना प्राप्त कर उसपर त्वरित कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता है।*
               जिला पदाधिकारी ने अनुमंडल पदाधिकारी तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सहित थानाध्यक्ष को निर्देश दिया कि रोशनगंज, डुमरिया, इमामगंज क्षेत्र में भी विशेष फोकस किया जाना चाहिए। जिला पदाधिकारी द्वारा बैठक में निर्देश दिया गया कि निजी जमीन तथा राजस्व भूमि पर, जहां अफीम की खेती होती है, वहां अंचलाधिकारी प्राथमिकी दर्ज करना सुनिश्चित करें। साथ ही वन क्षेत्र में अफीम की खेती पर कार्रवाई करने हेतु वन विभाग को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया। 
               बैठक में *एनसीबी (नारकोटिक नियंत्रण बोर्ड) के क्षेत्रीय निदेशक* द्वारा बताया गया कि गया जिले में सबसे अधिक इस विषय पर कोआर्डिनेशन मीटिंग हुई है। उन्होंने बताया कि हमारे कार्यालय में जो भी आसूचना प्राप्त होता है, उसपर तेजी से कार्रवाई की जाती है। साथ ही सहयोगी एजेंसी को भी आसूचना साझा किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि सहयोगी एजेंसी को प्रभावी प्रशिक्षण दिए जाने की आवश्यकता है, इस कार्य हेतु परिश्रमी एवं अच्छे पदाधिकारियों की सूची तैयार कराकर नारकोटिक नियंत्रण बोर्ड को भेजा जाए। 
               उन्होंने बताया कि *ड्रग डिटेक्शन किट* की डिमांड किए जाने पर गया जिले को एक से अधिक ड्रग डिटेक्शन किट दिया जा सकता है। साथ ही उन्होंने बताया कि लोगों को जागरूक करने हेतु एनएफसीडीए के माध्यम से आवंटन दिया जा सकता है। इस आवंटन से जागरूकता संबंधी कार्य किया जा सकता है। प्रस्ताव को शीघ्र भेजने का अनुरोध किया गया है। उन्होंने बताया कि एनसीपीसीआर कार्यक्रम में गया एवं औरंगाबाद ज़िला को शामिल किया गया है, जिसके द्वारा बच्चो एवं युवाओं में ड्रग से बचने एवं इससे छुटकारा पाने के बारे में जागरूक किया जाता है। 
               बैठक में नगर पुलिस अधीक्षक, गया, श्री राकेश कुमार ने बताया कि बाराचट्टी तथा शेरघाटी अनुमंडल में अच्छे कार्य किए जा रहे हैं, परंतु और अधिक प्रभावी कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी तथा संबंधित क्षेत्र के थानाध्यक्ष को निर्देश दिया कि अधिक से अधिक सूचना आप एकत्रित करें, माफिया लोगों की एक्टिविटी पर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि बाराचट्टी, इमामगंज का वन क्षेत्र अफीम की खेती हेतु काफी संवेदनशील है। ऐसे स्थानों पर कार्रवाई हेतु सूचना तंत्र को और अधिक मजबूत किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि अवैध शराब की आवाजाही हेतु संगठित गिरोह सक्रिय है। अब महंगी एवं लग्जरी वाहन के द्वारा भी स्मगलिंग की जा रही है, जिसे सघन चेक करने की आवश्यकता है। समय के साथ में हमें अपने नीति में भी परिवर्तन लाने की जरूरत है। उन्होंने शेरघाटी सहित अन्य अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को निदेश दिया कि ऐसे पुलिस पदाधिकारी की सूची बनावें, जो ऊर्जावान, परिश्रमी हैं, उन्हें प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि गया जिले में ड्रग से मुक्ति एवं इसकी रोकथाम हेतु जागरूकता अभियान चलाया गया है, जिसके अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं। 
               बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी एवं वन विभाग के पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि किसानों एवं अन्य लोगों को अफीम की खेती छोड़ने एवं लेमनग्रास की खेती करने हेतु प्रेरित एवं जागरूक किया जा रहा है। साथ ही वन उत्पादित पदार्थों से रोजगार प्राप्त करने हेतु प्रशिक्षण भी दिए जा रहे हैं। 
               बैठक में सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट, एसएसबी के प्रतिनिधि, अनुमण्डल पदाधिकारी, शेरघाटी, अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी, शेरघाटी, सहायक आयुक्त, उत्पाद एवं मद्य निषेध तथा वन विभाग के पदाधिकारी, ज़िला कृषि पदाधिकारी, ज़िला जन सम्पर्क पदाधिकारी, विशेष कार्य पदाधिकारी, संबंधित थानाध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।