महामंडलेश्वर स्वामी श्री इंद्रदेवेश्वरानन्द जी महाराज के द्वारा वाणी मासिक पत्रिका का विमोचन सम्पन्नै*

महामंडलेश्वर स्वामी श्री इंद्रदेवेश्वरानन्द जी महाराज के द्वारा वाणी मासिक पत्रिका का विमोचन सम्पन्नै*
 रिपोर्टः रामानुज महाराज 
गयाबिहार 
गया, बोधगया, सुजाता बायपास रोड स्थित *स्टार होटल* में आयोजित  *श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव* जिसमें श्री वृन्दावन धाम से पधारे *क्रांतिकारी राष्ट्रीय संत* *विद्यावचस्पति धर्मसम्राट*  *श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी इंद्रदेवेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज* के द्वारा *देश की आवाज़ वाणी* The Voice *मासिक पत्रिका का विमोचन किया गया* जिसे वाणी इंफोटेनमेंट की ओर से प्रकाशित किया जा रहा है। इस मासिक पत्रिका के संपादक डॉ. नन्दन कुमार सिन्हा हैं, जो पहले भी कई पत्रिकाओं व समाचार पत्रों का संपादन कर चुके हैं। पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज जहां लोग वर्चुअल वर्ल्ड में जी रहे हैं, वैसे में इस मासिक पत्रिका की प्रासंगिकता और भी महत्वपूर्ण हो गई है। आज जहां हर किसी के हाथ में एक मोबाइल होता है वैसे में लोग धीरे धीरे लिखने पढ़ने से भी दूर होते चले जा रहे हैं, जिसके दूरगामी परिणाम बहुत भयंकर होने वाले हैं। छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को इसकी लत लगती जा रही है। भारतीय संस्कार, कला - संस्कृति और शिक्षा के मूल्यों में जो गिरावट देखने को मिल रही है उसके मूल में पत्र पत्रिकाओं से दूरी सबसे अहम पहलू है। इसका असर बड़ा गहरा होता है, लोगों के आचार व्यवहार तक, इन सब से प्रभावित होते है। पत्रिका बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए उपयोगी है और इसमें सभी के ज्ञानवर्धन, मनोरंजन और प्रेरणा हेतु सामग्री उपलब्ध है। बाजार में उपलब्ध अन्य मासिक पत्रिकाओं से भिन्न अपने अनूठे प्रस्तुतिकरण और पठनीय सामग्री के कारण यह निश्चित तौर पर लोगों को पसंद आएगी और लोगों का भरपूर स्नेह और सम्मान इसे मिलेगा ऐसा मेरा विश्वास है। इसका विमोचन भी एक ऐसे मंच और इतने बड़े संत से करवाना भी समाज के लिए एक सार्थक सन्देश प्रेषित करता है। मैं पूरे वाणी पत्रिका और वाणी मीडिया ग्रुप की ओर से *परम पूज्य श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी इंद्रदेवेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज* का हृदय से धन्यवाद करता हूं और पूरे आयोजन समिति को उनके सद्प्रयासों के लिए साधुवाद देता हूं। यह मासिक पत्रिका अपने दोनो रूपों में अपने सुधी पाठकों के लिए उपलब्ध है - ऑफ लाइन भी और ऑनलाइन भी। 

उक्त मौके पर *देश की आवाज़ वाणी* The Voice *मासिक पत्रिका* के प्रबंध संपादक प्रो. मनोज कुमार मिश्र ने कहा कि  किताबें हमारी सच्ची साथी होती हैं। ये आपको अपने भिन्न भिन्न रूपों से लाभान्वित करती है। आज जो हिन्दी साहित्य की स्थिति है वो काफी दयनीय है। पत्रिका आपकी बहुत सारी रुचियों की भरपाई करने वाली है। साथ ही  इलेक्ट्रॉनिक संस्करण सभी को उपलब्ध होगा। लेकिन पत्रिका को अपने हाथों में लेना और उसे पढ़ने का आनन्द ही कुछ और है।

वाणी पत्रिका के मुख्य समाचार संपादक प्रो. मनोज कुमार त्रिपाठी ने कहा कि इस तरह की बेबाक पत्रिका जो देश और समाज की आवाज़ बन कर लोगों के बीच आई है वो सरकार, शासन प्रशासन और आम जनता/ लोगों के बीच की खाई को पाटने का कार्य करेगी बड़ी शिद्दत से इसकी जरूरत महसूस की जा रही थी। इसमें देश विदेश से लेकर स्थानीय खबरों/ समस्याओं और प्रतिभाओं को उचित स्थान देने का प्रयास किया जा रहा है। 

संपादक मंडल के सदस्यों में से डॉ. रामानुज महाराज ने पत्रिका को देश समाज और समय की मांग बताया और कहा कि आज वक्त की जरूरत है कि कोई एक ऐसा मंच हो जहां से लोग खुल कर अपनी बात समाज, सरकार और विश्व पटल पर रख सकें। देश की आवाज़ वाणी..मासिक पत्रिका इसी मंच का कार्य करेगी और इस कमी को पूरा करेगी। यहां पूरे देश के युवा पत्रकार, लेखक और कवियों को जगह दी जा रही है। 

मौके पर मौजूद आयोजन समिति के मुख्य संरक्षक श्री विकास कुमार माली, अध्यक्ष श्री कृष्ण कुमार सिंह उर्फ पप्पू सिंह, उपाध्यक्ष सुबोध सिंह, कोषाध्यक्ष रवि कुमार , पर्यावरण संरक्षक श्री चित्तरंजन कुमार सिंह, मैथिली फाउंडेशन के निदेशक  समीर राज व अन्य सभी पदाधिकारियों एवम सदस्यों ने भी इस सराहनीय कदम पर खुशी जाहिर की।

ज्ञात हो कि उक्त कार्यक्रम पहले गया डंडीबाग बायपास रोड के निकट अवस्थित पंचदेव धाम में होना सुनिश्चित था किंतु प्रशासन की अनुमति उद्घाटन की सुबह तक भी नहीं दी गई। जिसमें कारण कोरोना का बताया गया, जिसके फलस्वरूप पूरे आयोजन को रात की रात में स्थल परिवर्तन  कर बोधगया ले जाया गया। इस परिवर्तन से सभी भक्तों और श्रोताओं को बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ा और साथ ही आयोजकों को भारी नुकसान पहुंचा।