जिवितपुत्रिका व्रत की पूजा-विधि पर प्रकाश डालें मुनि:- श्री श्री रजनीश जी महाराज

जिवितपुत्रिका व्रत की पूजा-विधि पर प्रकाश डालें मुनि:-  श्री श्री रजनीश जी महाराज 
विश्वनाथ आनंद
गया (मगध बिहार)::- पुत्र के दीर्घायुष्य(लम्बी उम्र)के लिए सभी माताएं वर्ष मे एक बार जिवितपुत्रिका व्रत करतीं हैं।जो इस बार दिनांक 28 सितम्बर 2021 दिन मंगलवार को नहाय खाय करके उसी दिन रात्रि मे सुबह 4 बजे के पहले सरगही कर सकती हैं।इसमे कोई संदेह  नही है।उसके बाद दिनांक 29 सितम्बर 2021 बुधवार को व्रत करेंगी।और दिनांक 30 सितम्बर 2021 दिन गुरुवार को सुबह सूर्योदय के बाद कभी भी व्रत का पारण कर सकती हैं। इस बार जितिया व्रत मे कोई भेद भाव नही है।वाराणसी पंचांग के अनुसार सभी माताएं इसी प्रकार बताए गये समयों पर ही व्रत करेंगी तो उनके लिये व्रत अच्छा फलदायी होगा।क्योंकि शास्त्रों एवं जिवित पुत्रिका व्रत कथा में भी लिखा हुआ है कि जिस दिन सूर्योदय काल में अष्टमी तिथि हो,उसी दिन जिवित पुत्रिका व्रत करना चाहिए।और नवमी मे पारण करना चाहिए,तो इसबार शुद्ध एवं उदयकान अष्टमी तिथि दिनांक 29 सितम्बर 2021 दिन बुधवार को ही मिल रहा है इसलिए ये जितिया व्रत इसी दिन करना शुभ पुण्य फलदायी होगा।इस बार का तिथियों का समय  इस प्रकार है.......
दिनांक 28 सितम्बर 2021दिन मंगलवार को सुबह उदयकालीन सप्तमी तिथि है।और ये शाम मे 3 बजकर 5 मिनट तक है।उसके बाद अष्टमी तिथि आ रही है जो रात्रिपर्यंत और अगले दिन शाम 4 बजकर 54 मिनट तक रहेगा। लेकिन शास्त्रों एवं जिविततपुत्रिका व्रत कथा के अनुसार सप्तमी विद्धा अष्टमी व्रत नही करना चाहिए।इसीलिए मेरी मान्यता है कि इस दिन व्रत न करके अगले दिन व्रत करें यानि दिनांक 29 सितम्बर 2021 दिन बुधवार को शुद्ध अष्टमी तिथि सूर्योदय काल से लेकर शाम 4      बजकर 54 मिनट तक है।इस लिए सभी माताएं इसी दिन जिवित पुत्रिका व्रत करें। उसके बाद अगले दिन सुबह से ही नवमी तिथि आ जायगी और अगले दिन यानि दिनांक 30 सितम्बर 2021 दिन गुरुवार को सुबह सूर्योदय के बाद दिन भर नवमी तिथि रहेगी । इस लिए आप सभी माताएं कभी भी  व्रत का पारण कर सकती हैं।इससे सभी माताओं के पुत्र सदा सर्वदा के लिए दीर्घायु रहेंगे। उक्त बातों की जानकारी प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए मुनि श्री श्री रजनीश जी महाराज ने कहीं l