जन समस्याओं को लेकर शोषित समाज दल ने दिया धरना 19सूत्री मांगों को लेकर राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

जन समस्याओं को लेकर शोषित समाज दल ने दिया धरना

19सूत्री मांगों को लेकर राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन 

रिपोर्ट: विनोद विरोधी 

पटना। शोषित इन्कलाब के लेनिन और नब्बे प्रतिशत मूक मानवता के महान उद्द्घोषक अमर शहीद जगदेव प्रसाद के 47 में शहीद दिवस के अवसर पर शोषित समाज दल की ओर से महामहिम राज्यपाल बिहार के समक्ष केन्द्र सरकार द्वारा पारित तीनों काले कृषि बिल के खिलाफ एक विशाल धरना, गर्दनीबाग में दिया गया, जिसकी अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष उमेश पटेल ने की। 19 सूत्री मांगों का ज्ञापन पत्र महामहिम राज्यपाल को एक प्रतिनिधि मंडल ने सौंपा। ज्ञापन पत्र में मुख्य रूप से तीनों काले कृषि कानून समाप्त करने, आर्थिक आधार पर सवर्णों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के खात्मा करने आरक्षण को अधिकार में छेड़-छाड़ बन्द करने, शहीद जगदेव प्रसाद को भारत रत्न से सम्मानित करने, पाठ्य पुस्तकों में उनकी जीवनी शामिल करने मगध विश्वविद्यालय और अरवल-सहार सोनपुल का नाम शहीद जगदेव प्रसाद करने, दलित प्रतिनिधियों का चुनाव दलित मतदाताओं द्वारा कराने और दलितों की नियुक्ति में दलित पदाधिकारियों द्वारा साक्षात्कार लेने, जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण लागू करने, पुस्तकालयों में डॉक्टर अम्बेडकर साहित्य लागू करने खेती और मिल से उपजे सामान की कीमत में समानुपात कायम करने और खेतों में सिंचाई के लिए भरपूर पानी देने माँगें शामिल थी। धरना में किसान, मजदूर, छात्र, और महिलाएँ भारी संख्या में उपस्थित थीं। पटना जिला के जिला अध्यक्ष ने धरनार्थियों का हार्दिक स्वागत किया और मंच का संचालन राज्य मंत्री रामविलास प्रसाद ने किया।
धरना का उद्घाटन राष्ट्रीय समिति के सदस्य अखिलेश्वर प्रसाद ने किया और शहीद जगदेव प्रसाद के जीवन और दर्शन पर प्रकाश डाला तथा कृषि बिल को किसानों के गले में फाँसी का फंदा बताया। उन्होंने कहा कि दस महीने से देश के किसान आन्दोलन कर रहे हैं और केन्द्रीय सरकार आर०एस०एस० की कठपुतली बनकर देश में साम्प्रदायिकता का नंगा नाच करके राष्ट्रीय एकता को खंडित करने की साजिश कर रही है। मोदी सरकार में सामन्ती और साम्प्रदायिक शक्तियों का मनोबल काफी बढ़ गया है, जिससे देश की एकता और अखण्डता पर खतरा मंडरा है।

मुख्य अतिथि डॉ० महबूब आलम अंसारी (अध्यक्ष - भारतीय मोमिनफ्रन्ट) ने आरक्षण की मूल अधिकार से हटाने को राष्ट्र के लिए घातक करार दिया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार में विधि-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गयी है और सरकार ने आर्थिक आधार पर स्वर्णों के लिए आरक्षण लागू कर अपने को कलंकित कर लिया है। इस सरकार में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है और बेराजगारों की लम्बी फौज खड़ी होती जा रही है। सरकार का सात निश्चय ढ़ोल का पोल है। हाथरस और उन्नाव कांड राष्ट्र के माथे पर कलंक है।
शोषित समाज दल युवा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश कुमार ने कहा कि पूरा देश गरीबी, महंगाई और बेरोजगारी जैसी समस्याओं से गुजर रहा है। एक तरफ पिछले दस महीनों से किसान अपने हकों के लिए लड़ रहा और दूसरी तरफ देश के सारे संस्थाओं को पर प्राइवेट किया जा रहा है। भाजपा और आरएसएस मिलकर संविधान बदलने की साजिश रच रहे हैं। शोषित समाज दल जातीय जनगणना के लिए पुरजोर मांग करता है।
समारोह का समापन राष्ट्रीय महामंत्री और शोषित पत्रिका के प्रधान सम्पादक प्रो० उमाकांत राही ने किया और बताया कि देश घोर गरीबी, भूखमरी, बेकारी, महँगाई से जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि किसान लगातार आन्दोलन कर रहे हैं, पर सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंगती, बल्कि उल्टे उन पर राष्ट्र द्रोह का मुकदमा चलाकर लोकतंत्र की हत्या कर रही है, जो विचार और अभिव्यक्ति की आजादी पर घोर कुठाराघात है। मोदी सरकार दलितों के विरोध में काम कर रही है, उन्होंने दिल्ली के दंगे का जिम्मेदार नरेन्द्र मोदी को बताया और मूल्यों- सिद्धांतों की राजनीति मजबूत करने का आह्वान किया। प्रो० राही ने दलित मतदाताओं के द्वारा दलित प्रतिनिधियों का चुनाव कराने और दलितों की नियुक्ति में दलित पदाधिकारियों द्वारा साक्षात्कार कराकर दलित उत्पीड़न का समूल नाश करने का आह्वाहन किया। प्रो० राही ने कहा कि नोट बंदी और जीएसटी से देश में घोर मंदी आ गई है और विकास दर घट गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार काफी बढ़ गया है, जिसका प्रमाण है विजय माल्या ललित मोदी, नीरभ मोदी, कोठारी आदि द्वारा अरबों-खरबों का बैंक घोटला। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र खतरे में पड़ गया है।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री राजबल्लभ प्रसाद सिंह (राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष) ने भाग लिया। धरना को सर्वश्री पूर्व राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष विश्वनाथ साह, डॉ० संत कुमार सिंह, रामप्रवेश सिंह यादव (मुखिया), चंदन कपूर (प्रदेश उपाध्यक्ष), वृजनन्दन सिंह (पूर्व अध्यक्ष) और संजय श्याम (पत्रकार), ई० रामानुज सिंह गौतम, इन्द्रदेव वर्मा, टेंगर पासवान, गुपुत सिंह, अशोक कुमार मेहता, पुनम देवी, मथुरा प्रसाद अकेला, रामराज यादव, श्यामसुन्दर सत्यार्थी, विनोद कुमार अर्जक, रविरंजन कुमार, निर्भय कुमार, कृष्णा प्रसाद दिवाकर, राजगृही भगत, सूरजभान पासवान, धर्मेन्द्र कुमार, एतवारू भगत आदि ने अपना विचार प्रकट किये और डॉक्टर अम्बेडकर, फूले, नायकर, शहीद जगदेव प्रसाद, रामस्वरूप वर्मा, प्रो० जयराम प्रसाद सिंह और रघुनीराम शास्त्री के सपने को साकार करने का संकल्प लिया। मुकेश कुमार अर्जक, लोहा सिंह, केदारनाथ भास्कर, और अम्बेदकर कुमार ने क्रांतिकारी गीत पेश किया।