जल-जीवन-हरियाली दिवस के अवसर पर ग्रामीण विकास विभाग, बिहार पटना द्वारा परिचर्चा का आयोजन


गया, 05 अक्टूबर 2021-  
जल-जीवन-हरियाली दिवस के अवसर पर ग्रामीण विकास विभाग, बिहार पटना द्वारा परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा का विषय- *"छोटी-छोटी नदियों/नालों के जल संग्रह क्षेत्रों में चेकडैम एवं जल-संचयन के अन्य संरचनाओं का निर्माण"*  से संबंधित राज्य स्तर एवं जिला स्तर के पदाधिकारियों/ अभियंताओं ने अपने सुझाव/विचार रखा।

परिचर्चा हेतु गया जिला को लीड/महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। गया जिला में जिला पदाधिकारी श्री अभिषेक सिंह की अध्यक्षता में परिचर्चा का आयोजन किया गया। वन प्रमंडल पदाधिकारी, गया श्री अभिषेक कुमार ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के कारण विगत 2 वर्षों से दक्षिण बिहार में सुखाड़ की स्थिति नहीं है। उन्होंने कहा कि यहां की नदियां  मौसमी है, जिसमें बरसात के दिनों में ही पानी रहता है अथवा जल बहुत कम रहता है। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था की गई है जिससे नदियों में भी वर्षा का पानी रहे तथा घर के छतों पर बनाये गये *रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम* के माध्यम से जल को संरक्षित किया जा सकता है।  उन्होंने बताया कि 1 हेक्टेयर क्षेत्र में रेन वाटर हार्वेस्टिंग के द्वारा एक करोड़ लीटर पानी संचय होता है। जिसमें से 10% पानी भूमिगत चला जाता है। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्रों में जल-संचयन की क्षमता काफी अधिक है क्योंकि छोटी छोटी नदियां/नालों में चेकडैम बनाकर पानी को संग्रहित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एक 100 हेक्टेयर क्षेत्र में जल संचय द्वारा 15 से 20 हजार लोगों को पानी की आवश्यकता की पूर्ति हो सकती है। उन्होंने बताया कि वर्षा के दिनों में नदियों के कटाव को कम करने तथा जल-संचयन हेतु वन क्षेत्रों में ट्रेंच बनाकर तालाबों/नदियों के पानी का संचय किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि हथिया पत्थर में इस प्रकार के कार्य किए गए हैं।

 परिचर्चा में भाग लेते हुए श्री योगेंद्र यादव, अधीक्षण अभियंता जल-संसाधन विभाग द्वारा बताया गया कि विश्व की जनसंख्या में भारत की जनसंख्या 20% है, परंतु पानी की मात्रा सिर्फ 4% है। भारत में प्रति व्यक्ति जल की उपलब्धता लगभग 1550 लीटर है। जबकि अमेरिका में 9900, चीन में 5000, ऑस्ट्रेलिया में 2400 लीटर है। उन्होंने बताया कि जल-संसाधन विभाग द्वारा 5 एकड़ से अधिक क्षेत्रों में संरचनाओं का निर्माण कर जल संचयन का कार्य किया जा रहा है। ऐसे 1663 योजना का क्रियान्वयन किया गया है । जिसमें 1365 योजना पूर्ण हो चुका है, शेष 190 पर कार्य चल रहा है।  577 आहर/पईन में से 101 पर कार्य प्रारंभ किया गया है तथा चल रहा है।  57 चेकडैम पूर्ण कर लिए गए हैं तथा 30 पर कार्य चल रहा है।

हर खेत को पानी योजना के अंतर्गत 1957 योजनाओं की स्वीकृति दी गई है। 3718 आहर/पईन ,769 चेकडैम निर्माण किया जाएगा तथा 21273 नलकूप का निर्माण होगा तथा 5573 करोड़ का अनुमानित लागत बताया गया है।

 इस परिचर्चा में श्री नवल किशोर सिंह, अधीक्षण अभियंता चंचल प्रिय, सहायक निदेशक कृषि विभाग, संयुक्त निदेशक मत्स्य विभाग सहित अन्य पदाधिकारियों द्वारा परिचर्चा में अपने विचार/सुझाव रखे गये।

गया जिला स्तर पर जिला पदाधिकारी, वन प्रमंडल पदाधिकारी, उप-विकास आयुक्त, निदेशक डी आर डी ए ,  जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा सहित जल-संसाधन विभाग एवं लघु संसाधन विभाग के पदाधिकारियों/अभियंता द्वारा परिचर्चा कार्यक्रम में भाग लिया गया।