आज कुल 23 मामलों की सुनवाई की गई, जिसमे कुछ मामलों का निष्पादन ऑन द स्पॉट किया गया।

आज कुल 23 मामलों की सुनवाई की गई, जिसमे कुछ मामलों का निष्पादन ऑन द स्पॉट किया गया। 
             गया, 09 जनवरी, 2021
रिपोर्टः डीके पंडित

,बिहार के जिला गया में  लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के द्वितीय अपील के तहत ज़िला पदाधिकारी, गया श्री अभिषेक सिंह द्वारा आज कुल 23 मामलों की सुनवाई की गई, जिसमे कुछ मामलों का निष्पादन ऑन द स्पॉट किया गया। 
             अपीलार्थी अनिता देवी, प्रमुख-फतेहपुर, गया द्वारा फर्जी प्रमाण पत्र आंगनबाड़ी सेविका बहाली के संबंध में शिकायत दर्ज की गई। ज़िला पदाधिकारी द्वारा वरीय पदाधिकारी, मानपुर द्वारा मामले की जांच कराई गई और उनके द्वारा बताया गया कि मनोज कुमार, लिपिक, बाल विकास परियोजना कार्यालय, फतेहपुर, प्रखंड प्रमुख एवं कुछ व्यक्ति द्वारा आरोप लगाया गया कि उनके द्वारा फर्जी तरीके से शैक्षणिक प्रमाण पत्र दिया गया है। जांचोपरांत प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया, जिसके आलोक में संबंधित सेविका/ सहायिका पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए मानदेय की राशि वसूली करने का निर्देश जिलाधिकारी ने दिया। साथ ही बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, फतेहपुर पर विभागीय कार्रवाई करते हुए प्रपत्र क गठित करने का आदेश दिया। 
             अपीलार्थी रेणु देवी एवं राजेश कुमार चौधरी द्वारा शौचालय निर्माण प्रोत्साहन राशि हेतु आवेदन दिया गया था, जिसकी जांच प्रखंड विकास पदाधिकारी, नगर द्वारा कराई गई। उनके द्वारा बताया गया कि रेनू देवी, बेबी  चौधरी एवं पवन कुमार का भुगतान करा दिया गया है, परंतु राजेश कुमार चौधरी द्वारा कार्यालय को गुमराह कर फर्जी प्रतिवेदन के आधार पर शौचालय की राशि निकालने का प्रयास किया गया। इस संबंध में राजेश कुमार चौधरी (आवेदक) पर प्रखंड विकास पदाधिकारी, नगर को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश जिलाधिकारी द्वारा दिया गया।
             अपीलार्थी अशोक कुमार, ग्राम टिकुली, बेलागंज द्वारा नल जल योजना में अनियमितता के संबंध में शिकायत दायर किया गया था। इसकी जांच प्रखंड विकास पदाधिकारी, बेलागंज द्वारा की गई। जांचोपरांत सत्य पाया गया, जिसके उपरांत वार्ड सदस्य एवं वार्ड सचिव पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी, बेलागंज को दिया गया।
             अपीलार्थी राज कुमार प्रसाद, काबिलपुर, फतेहपुर द्वारा नल जल टंकी बनाने हेतु शिकायत दर्ज की गई थी। वरीय पदाधिकारी द्वारा आदेश दिए जाने के बावजूद भी कार्य पूर्ण नहीं कराया गया, जिसके कारण जिलाधिकारी ने प्रखंड विकास पदाधिकारी, फतेहपुर पर रु 1000 का जुर्माना अधिरोपित किया।