अंतरराष्ट्रीय बालिका - दिवस के पावन मौके पर औरंगाबाद में बालिकाओं ने माननीय से खुलकर किया सवाल

अंतरराष्ट्रीय बालिका   - दिवस के पावन मौके पर औरंगाबाद में बालिकाओं ने माननीय से खुलकर किया  सवाल, माननीय ने भी दिया खूलकर जवाब*                    *ब्यूरो: अजय कुमार पाण्डेय*    औरंगाबाद: ( बिहार )  *सोमवार दिनांक  - 11 अक्टूबर 2021 को  औरंगाबाद में खासकर बालिकाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के पावन मौके पर  सुनहरा यादगार पल अवश्य* रहा! *क्योंकि सोमवार को अंतरराष्ट्रीय, बालिका  - दिवस के मौके पर मुख्यालय स्थित अदरी नदी किनारे बनी किशोरी सिन्हा कन्या उच्च विद्यालय में बालिकाओं को जागरूक करने के उद्देश्य से अचानक औरंगाबाद, जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह विधिक - सेवा  -  प्राधिकार -  अध्यक्ष, माननीय,  मनोज कुमार तिवारी भी पहुंच* गए! *इसके अलावे इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में ए0डी0जे0 सह जिला  -  विधिक -  सेवा  - प्राधिकार, सचिव, प्रणव शंकर तथा ए0डी0जे0  - 06 सह पोक्सो एक्ट, कोर्ट, माननीय न्यायाधीश, विवेक कुमार ने भी भाग लेकर बालिकाओं को जागरूक* किया! *जिससे उत्साहित होकर उपस्थित बालिकाओं ने भी बारी  - बारी से सुरक्षा के मद्देनजर सवाल* पूछी! *जिसका कार्यक्रम में मौजूद माननीय न्यायधीशों ने भी संवैधानिक तरीके से खूलकर जवाब* दिया! *ध्यातव्य हो कि इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में माननीय  - न्यायाधीशों के अलावे आजादी के अमृत  -  महोत्सव कार्यक्रम के तहत अंतरराष्ट्रीय, बालिका  - दिवस के पावन मौके पर जिला  -  विधिक  -  सेवा  - प्राधिकार द्वारा आयोजित विशेष कार्यक्रम में पैनल अधिवक्ता, स्नेहलता, मीरा कुमारी, जिला  - शिक्षा - पदाधिकारी, औरंगाबाद, संग्राम सिंह, प्रभारी, जिला  - प्रोग्राम  - पदाधिकारी, ममता कुमारी, सब -  इंस्पेक्टर, कुमकुम कुमारी, सदर -  अस्पताल, चिकित्सक, डॉक्टर, अर्चना, डाक विभाग के अजय कुमार, कल्याण विभाग अधिकारी ने भी बढ़ - चढ़कर भाग लेते हुए बालिकाओं को अपने  - अपने मंतव्य व्यक्त करते हुए उनके अधिकारों से संबंधित संवैधानिक तरीके से जानकारी* दी! *इस कार्यक्रम में सर्वप्रथम जिला  -  शिक्षा -  पदाधिकारी के अलावे मौजूद तमाम अधिकारी, पैनल अधिवक्ता, प्रधानाध्यापक, उषा सिंह ने कार्यक्रम संयोजक, डॉक्टर, निरंजय कुमार के साथ संयुक्त रुप से द्वीप प्रज्वलित करते हुए औपचारिक तरीके से उद्घाटन* किया! *तत्पश्चात सर्वप्रथम कार्यक्रम में संगीत शिक्षक, वीरेंद्र, सरोज एवं श्रीमती रेखा के निर्देशन में छात्राओं ने स्वागत  - गीत प्रस्तुत* की! *जो बेहद ही सराहनीय* रहा! *कार्यक्रम का संचालन, संयुक्त रूप से पंकज कुमार एवं डॉक्टर निरंजय कुमार ने* किया! *इस कार्यक्रम में सबसे बड़ी बात रही कि उपस्थित वक्ताओं ने बारी - बारी से अपने -  अपने मंतव्य व्यक्त करते हुए बालिकाओं के अधिकार, सामाजिक ज्ञान, सामाजिक कुरीतियां, शिक्षा, सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित जानकारियां भी* दी! *जिससे कार्यक्रम में मौजूद बालिकाएं भी संतुष्ट* दिखी! *इस कार्यक्रम में माननीय, जिला एवं सत्र  -  न्यायाधीश, मनोज कुमार तिवारी से जब एक बालिका ने खचाखच भरी सभा में सवाल उठाई कि मेरे पापा को मेरा चाचा ने आज के 1 वर्ष पूर्व 02 अक्टूबर 2020 को तलवार से मारकर सर फोड़ दिया, घायल किया* था! *इसके बावजूद भी आज तक वह अपराधी खुलेआम घूम रहा* है! *धमकी देता* है! *इसके बावजूद भी अपराधी को पुलिस  -  प्रशासन कुछ नहीं कर रही* है! *तब माननीय, जिला सत्र न्यायाधीश ने कहां कि उस वक्त तुम्हारा पापा ने केस किया* था, *या सिर्फ चाचा ने ही केस किया* था! *तब बालिका ने बोली कि नहीं मेरा पापा ने भी केस किया* था! *तब माननीय, जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि चाचा का बेल हुआ* होगा! *तब बालिका ने कहा कि मेरा पापा जो केस किए* थे/  *उसमें अभी तक 01 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी पुलिस ने कुछ किया ही* नहीं! *जबकि मेरा चाचा ने झूठा हीं केस किया* है! *तब माननीय ने कहा कि झूठा ही केस* सही! *लेकिन चाचा ने भी तो केस* किया! *तब बालिका ने कहा कि मेरा चाचा ने हीं मेरा पापा को तलवार से मारा* था, *और झूठा केस किया* है! *तब माननीय, जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि अभी तक हमको लग रहा है कि गवाही भी शुरू नहीं हुआ* होगा! *इसके बाद मंच पर बैठी महिला सब इंस्पेक्टर, कुमकुम को आदेश देते हुए कहा कि इसका मामला नोट कीजिए और केस को* देखिए! *इसके बाद बगल में ही मंच पर बैठे माननीय, ए0डी0जे0 सह जिला  - विधिक -  सेवा  -  प्राधिकार, सचिव, प्रणव शंकर ने भी कहा कि जी0आर से नगर थानाध्यक्ष को फोन करा के इस केस का रिकॉर्ड दिखवा लिया* जाए! *इसके अलावे अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के पावन मौके पर कार्यक्रम में पहुंचने के पश्चात ही जब अपर  - जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला  - विधिक -  सेवा  - प्राधिकार, सचिव,  प्रणव शंकर ने सर्वप्रथम मौजूद लोगों को संबोधित कर रहे* थे! *तब प्रारंभ में ही माननीय, प्राधिकार, सचिव ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोगों की मन में जितनी भी जिज्ञासाएं है, पूछ सकती* हैं! *आप लोगों ने सिनेमा में भी देखा होगा कि कोर्ट कैसा होता* है? *कचहरी कैसा होता* है? *वकील साहब कैसे बहस करते* हैं? *जज कैसे होते* हैं? *आप लोगों के दिमाग में कई ऐसा प्रश्न रहता* होगा! *ऐसा होता होगा, तो कैसे होता* होगा? *हम लोग भी कई सिचुएशन, परिस्थितियों से गुजरते हैं और हम लोगों को पता नहीं होता* है, *कि हम लोगों को करना क्या* है? *जैसे आप लोग उस प्रकार के समाजिक मामले में डर जाते हैं कि घर में बताएं या न* बताएं! *या यह बात छिपा* दे!  *क्या इस बात को बताने से कुछ होगा या नहीं* होगा! *लेकिन हमारे सभी छोटी प्यारे बच्ची आप सबको बता दें कि आप सबों के लिए, आप सबों के अधिकार के लिए हम लोगों की पूरी संस्था कोर्ट, कचहरी, प्रशासन, सब आपके लिए ही बनी हुई* है! *सब आपके सुरक्षा के लिए बनी हुई* है! *अगर कहीं आपसे, हम लोगों से भूल -  चूक में कोई कमी हो रही* है! *हम लोगों को जानकारी नहीं मिल रही* है, *तो आपके अनुसार और आगे बढ़ेंगे और आगे का काम* करेंगे!  *लेकिन हमारा लक्ष्य* है, *आज के डेट* में!  *सभी बच्चे आप बड़े* होकर! *आप नन्हे फूल* हैं, *खिले और बहुत अच्छा करें समाज* में! *समाज में बहुत  - बहुत तरक्की* करें! *आप लोगों को तरक्की करने के लिए कोई बाधक न* बने, *और कोई बाधक बनता है, तो हम लोग न्यायालय के तरफ से, पुलिस  - प्रशासन के तरफ से हर व्यक्ति के तरफ से, हम लोग बाधाओं को दूर* करेंगे!  *यह कार्यक्रम इतना व्यस्त रहने के बावजूद भी माननीय, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, साहब खासकर हमारे बच्ची, बालिकाओं को सुनकर सर यहां अचानक से* आए!  *जबकि ये कहीं नहीं जाते* हैं!  *तो ये सामान्य सी बातें* हैं,  *आप समझिए,आपके सामने पोक्सो जज* हैं!  *यह कार्यक्रम जब लाइव चल रहा* था!  *तब लाइव में आपके दर्दों को सुना और मैंने सर के समक्ष रखा कि हमारे बच्चे कितने जागरूक* हैं! *कितने अच्छे -  अच्छे से सवाल पूछे जा रहे* हैं, *और उस सवालों को सुनकर हम लोगों ने डिसाइड किया कि हम लोग तुरंत प्रोग्राम में जाएंगे और आमना - सामना सवाल का उत्तर* देंगे, *और बच्चों आप अपना सवाल आज बेहिचक* पूछिए!  *यह आपका प्रोग्राम* है! *हम लोग बैठे* रहेंगे! *आपके हर सवाल का अनसर* देंगे! *अंतिम समय* तक!  *जो मन में* आए!  *बेहिचक पूछिए और कोई शिक्षक इन पर दबाव नहीं* डालेगा! *ये बच्चे* हैं! *हमारे बच्चे ऊलूल  - जुलूल जो सवाल* आए, *आपके मन* में!  *यह सारा सवाल* पूछिए! *आपका सवाल का उत्तर सही - सही* आएगा!  *कोई बच्चा जिसको हिंदी में पूछना हो, जिसको अंग्रेजी में पूछना हो, जिसको भोजपुरी में पूछना हो, जिसको मगही बोलने आती है, मगही में* पूछें!  *आप सबों के बीच हमारे पोक्सो जज* हैं! *जो छोटे बच्चों के साथ जो भी अपराध होता* है! *18 साल से जिनकी आयु कम* है! *लगातार ये आप लोगों के बिहाफ में काम कर रहे* हैं! *आप लोग लगातार न्यूज़ पढ़ते* होंगे!  *आप लोग सचित्र इनको नहीं देखा* होगा!  *कोई भी प्रश्न* हो! *बेखौफ*  पूछिए! *हमारे वरिष्ठतम  गार्जियन हमारे बीच में* है! *बहुत बड़ी सौभाग्य की बात* है! *आप कलक्टर, एस0पी0 से मिल सकते* हैं!  *जिला  जज से नहीं मिलना संभव होता* है! *लेकिन ये यहां* है! *हम लोगों के लिए खुशनसीबी की बात* है, *और आप हमारे बीच इतने फूल* हैं!  *जो ऑल फ्लावर, ऑल ब्यूटीफुल फ्लावर, सभी फूल* खिले! *आप लोगों को जो सवाल* है! *बेखौफ पूछिए और हम लोग अनसर* देंगे!  *प्राधिकार सचिव, प्रणव शंकर ने  दहेज से संबंधित उठते सवाल के जवाब में  कहा कि दहेज मूलत: सामाजिक समस्या* है *अभी उतना जागरूकता नहीं आई* है! *दहेज लेना  - देना दोनों कानूनी अपराध* है! *दोनों को सजा हो सकती* है! *गार्जियन को* समझाएं! *दहेज की कुरीतियों को सामाजिक - स्तर पर खत्म* करेंगे *कोर्ट साक्ष्य पर चलता* है! *वही पैनल अधिवक्ता, मीरा ने संविधान से संबंधित जानकारी देते हुए कहा कि समानता का अधिकार अनुच्छेद  -  14,  21 भूण से संबंधित हत्या, सुरक्षा मामले में अनुच्छेद  - 45, 06 से 14 वर्ष की शिक्षा अनिवार्य, जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड की जानकारी भी* द] औरंगाबाद अजय: *अधिवक्ता, मीरा में जानकारी देते हुए बताया कि 1991 से ही चाइल्ड मैरिज एक्ट के बारे में जानकारी दी जा रही* है! *कम उम्र में शादी करने वाले दोषियों पर कार्रवाई की* जाएगी! *अब तो चाइल्ड ऐप भी आ गया* है! *अल्ट्रासाउंड मशीन रखने वालों के संबंध में भी जानकारी देते हुए बताया कि अल्ट्रासाउंड रखने वालों को भी नियमानुकूल निबंधन आवश्यक* है, *और भूण में लिंग  - निर्धारण नहीं कर सकता* है! *यदि समय से पूर्व कोई भी अल्ट्रासाउंड करने के पश्चात लिंग - निर्धारण कर जानकारी देता* है, *तो उस पर आई0पी0सी0 की धारा  - 315 तथा गर्भ में पल रहे लड़की को  मार देने पर धारा  -  302 का मुकदमा होती* है! *इसके अलावे अधिवक्ता, मीरा ने उपस्थित बालिकाओं को जानकारी देते हुए बताया कि आप लोग विशेष परिस्थितियों में सुरक्षा के दृष्टिकोण से टोल फ्री नंबर - 112, 1048 इत्यादि भी अवश्य याद* रखें! *इससे आपको विशेष परिस्थितियों में बहुत मदद* मिलेगी! *पुलिस सब - इंस्पेक्टर, कुमकुम ने संबोधित करते हुए कहा कि जिस स्थान पर नारी की पूजा होती* है! *वहां देवताओं का निवास होता* है! *ज्ञात हो कि कार्यक्रम में मौजूद कई बालिकाओं ने पुलिस के कार्यशैली, घूसखोरी के कारण केस दबाए जाने से संबंधित मुद्दों पर भी सवाल* उठाया! *जिस पर मौजूद सब - इंस्पेक्टर ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं* है! *इसके अलावे कार्यक्रम में मौजूद, मंच पर मंचासीन समस्त लोगों ने भी बारी  - बारी से अपना पक्ष रखते हुए लोगों को जागरूक* किया!