कृषि प्रौद्योगिकी प्रबन्ध अभिरकण (आत्मा), गया द्वारा रबी महाअभियान 2021 अन्तर्गत जिला स्तरीय रबी कर्मषाला-सह-प्रषिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

कृषि प्रौद्योगिकी प्रबन्ध अभिरकण (आत्मा), गया द्वारा रबी महाअभियान 2021 अन्तर्गत जिला स्तरीय रबी कर्मषाला-सह-प्रषिक्षण कार्यक्रम का आयोजन 

 

(21.10.2021/गया)

रिपोर्टः डीके पंडित

गयाबिहार

*जिला स्तरीय रबी कर्मषाला को जिला पदाधिकारी, गया ने किया संबोधित कहा कि दुग्ध उत्पादन, उद्यानिक फसलों एवं मषरुम के क्षेत्र में बहुत संभावनायें*

कृषि प्रौद्योगिकी प्रबन्ध अभिरकण (आत्मा), गया द्वारा रबी महाअभियान 2021 अन्तर्गत जिला स्तरीय रबी कर्मषाला-सह-प्रषिक्षण कार्यक्रम का आयोजन धर्मसभा भवन के सभाकक्ष में किया गया। कार्यक्रम में जिला पदाधिकारी, गया श्री अभिषेक सिंह ने भी भाग लिया और उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुये कहा कि अच्छी बारिष के बाद इस वर्ष खरीफ की फसल धान की अच्छी उपज होने की संभावना है और साथ ही मिट्टी में नमी बने रहने के कारण आगामी रबी की फसलों गेहूँ चना, मसूर एवं राई-सरसों का उपज भी अच्छा होगा। उन्होने कहा कि सरकार द्वारा जल जीवन हरियाली योजना अन्तर्गत किये जा रहे कार्यो विषेषकर वृहद पैमाने पर किये जा रहे वृक्षारोपण से गया जिला का जतस्तर 45 फिट से 25 फिट पर आ गया है। 

जिला पदाधिकारी, महोदय ने कहा कि पूरा बिहार गया की ओर देख रहा है गया में दुग्ध उत्पादन, उद्यानिक फसलों एवं मषरुम उत्पादन में असीम संभावनाये हैं। उन्होने किसानों को खेती की ओर आकर्षित करने के लिये दीर्घकालिक विकल्प उपलब्ध कराने एवं किसानांे को उद्यमी बनाने की ओर अग्रसर होने को कहा। उन्होने कहा कि गया जिला वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोड्क्ट योजना में मषरुम की खेती के लिये चयनित है और यहाॅ पर कई किसान इस दिषा में अच्छा काम कर रहें है परन्तु फिर भी गया जिला की माॅग को पूरा करने के लिये इस क्षेत्र में अभी भी बहुत सी संभावना है। इसके साथ ऊपरी भूमि में लगने वाले लेमनग्रास की खेती को भी बढ़ावा दिया जा सकता है इसे व्यावसायिक माॅडल के रुप में विकसित किया जाय। जिला प्रषासन गया जिला के पाॅच प्रखण्डों में 20-20 एकड़ के पाॅच कलस्टर में लेमनग्रास की खेती करा रहा है और माॅग के अनुसार इसमें और सहयोग किया जायेगा। 

जिला पदाधिकारी, महोदय ने कृषि विभागग, गया द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना किया और कहा कि विभाग से उनकी *तीन अपेक्षायें* हैं-

1. *दिशा-निर्देषों का अक्षरषः पालन किया जाय क्योंकि कृषि की सभी क्रियायें समय और मौसम आधारित है, विलम्ब करने से योजनाओं के प्रतिफल पर प्रतिकूल प्रभाव पडे़गा*

2. *किसानों को नई तकनीकी की उपलब्धता का भरोसा दिया जाय, क्योंकि किसान स्वयं बहुत जागरुक हो गये हैं वे नई तकनीकी को सीखने और अपनाने के लिये इच्छुक हैं। उनकों सहयोग किया जाय और हर किसान को प्रोग्रेसिव किसान बनाने का प्रयास किया जाय*

3. *किसानों को मिलने वाले लाभ को पूरी पारदर्षिता के साथ उनको उपलब्ध कराया जाय, नियमों एवं किसानों की उम्मीद में संतुलन स्थापित करने के लिये सार्थक संवाद किया जाय*

अन्त में उन्होने कहा कि खरीफ में धान की अच्दी उपज होने के बाद किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य प्राप्त हो सके यह एक चुनौती होती है सरकार इसके लिये पैक्स के माध्यम से धान अधिप्राप्ति का कार्य करती है कृषि विभाग के कर्मियों ने पिछले वर्ष किसानों को चयन एवं धान अधिप्राप्ति में अच्छा सहयोग किया था, इस वर्ष भी 01 नवम्बर से किसानों से धान क्रय करने हेतु उनका चयन किया जाना प्रारम्भ होगा। पुनः सही किसानों के वास्तविक उपज का पारदर्षी तरीके से क्रय हो इसके लिये किसानों का चयन सही तरीके से करने की आवष्यकता है और कृषि विभाग के कर्मी उसे सही तरीके से करना सुनिष्चित करेंगें। साथ ही अधिक से अधिक किसानो को भविष्य की खेती की माॅग जैविक खेती को ओर अग्रेसित किया जाय। 

जिला पदाधिकारी, गया महोदय ने इस अवसर पर खरीफ 2021 में किसानों को उनके घरों तक होम डिलिवरी के माध्यम से बीज एवं अन्य उपादान उपलब्ध करानें वाले कृषि समन्वयकों, प्रखण्ड तकनीकी प्रबंधकों, सहायक तकनीकी प्रबंधकों एवं किसान सलाहकारों को प्रस्षति पत्र एवं उपहार देकर सम्मानित किया। 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुये जिला कृषि पदाधिकारी, गया श्री सुदामा महतो ने कहा कि इस वर्ष रबी मौसम में गया जिला को फसल आच्छादन का लक्ष्य मुख्यालय स्तर से नहीं प्राप्त हुआ है अपितु राज्य सरकार द्वारा विकसित बिहान एप में कृषि विभाग के कर्मियों द्वारा दिये गये विवरण से निर्धारित किया गया है और इसके अनुसार गेहूँ आच्छादन का लक्ष्य 70000 हेक्टेयर से बढ़कर 96817 हेक्टेयर हो गया है। 

कार्यक्रम में संयुक्त निदेषक, उद्यान, बिहार, पटना श्री आभांषु सी॰ जैन ने किसानों की आय को दोगुनी करने के लिये उद्यान विभाग की योजनाओं को अपनानें के लिये प्रोत्साहित करने को कहा, विषेषकर सूक्ष्म सिंचाई योजना पर जोर दिया। संयुक्त निदेषक, शष्य, मगध प्रमण्डल, गया श्री रतन कुमार भगत ने कहा कि विभिन्न योजनाओं में दिये जा रहे उपादान को किसानों को उपयोग करने के व्यवहारिक ज्ञान की जानकारी दिया जाय।

कार्यक्रम मंे सहायक समाहर्ता, गया, परियोजना निदेषक, आत्मा, गया, उप निदेषक, रसायन मगध प्रमण्डल, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी, गया, उप निदेषक, कृषि अभियंत्रण, भूमि संरक्षण, गया, कृषि विज्ञान केन्द्र, मानपुर एवं आमस के प्रधान एवं वैज्ञानिक, सहायक निदेषक, उद्यान, सहायक निदेषक, रसायन, सहायक निदेषक, कृषि अभियंत्रण, सहायक निदेषक, भूमि संरक्षण, सहायक निदेषक, पौधा संरक्षण, प्राण के मुख्य कार्यकारी, जिला परामर्षी, उप परियोजना निदेषक, आत्मा, सभी प्रखण्डों के प्रखण्ड कृषि पदाधिकारियों, कृषि समन्वयकों, प्रखण्ड तकनीकी प्रबंधकों, सहायक तकनीकी प्रबंधकों, प्रखण्ड उद्यान पदाधिकारियों, किसान सलाहकारों एवं प्रगतिषील किसानों ने भाग लिया।