उपविकास आयुक्त की अध्यक्षता में स्वास्थ्य व आइसीडीएस विभाग की हुई बैठक

उपविकास आयुक्त की अध्यक्षता में स्वास्थ्य व आइसीडीएस विभाग की हुई बैठक
रिपोर्टः डीके पंडित
गयाबिहार
जिला में 65 प्रतिशत बच्चों के शारीरिक तथा मानसिक विकास का हुआ अनुश्रवण 

गया, 25 अक्टूबर: जिला में बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण की स्थिति को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए पोषण संबंधी योजनाओं का क्रियान्वयन कर उसका नियमित रूप से अनुश्रवण किया जा रहा है. अक्टूबर माह में 65 प्रतिशत बच्चों के शारीरिक तथा मानसिक विकास का पूरी तौर पर अनुश्रवण किया गया है. इस बात की जानकारी सोमवार को जिला अ​भिसरण एवं जिला किशोर किशोरी स्वास्थ्य समिति की बैठक के दौरान दी गयी।

सितंबर माह में पोषण अभियान के तहत सुपोषण को एक जनआंदोलन के रूप में मनाये जाने के फलस्वरूप  सोमवार को समाहरणालय सभा कक्ष में उपविकास आयुक्त श्री सुमन कुमार की अध्यक्षता में यह बैठक आयोजित की गयी. इस दौरान सिविल सर्जन डॉ कमल किशोर राय, जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम प्रबंधक नीलेश कुमार, आइसीडीएस प्रखंड बाल विकास पदाधिकारी सुचि सहित अन्य प्रखंडों के सीडीपीओ, युनिसेफ, अलाइव एंड थ्राइव, इंजेंडर हेल्थ आदि के राज्य व जिला स्तरीय प्रतिनिधि मौजूद थे। 

84 प्रतिशत बच्चों का पूर्ण टीकाकरण:
बैठक के दौरान यूनिसेफ के न्यूट्रिशन आॅफिसर आशुतोष कुमार ने जिला में स्तनपान, अनुपूरक आहार, टीकाकरण, विटामिन ए तथा आयरन खुराक, बच्चों के शारीरिक विकास, कुपोषण, डायरिया प्रबंधन आदि आंकड़ों को प्रस्तूत कर बताया कि जिला में बच्चों के पोषण को लेकर लगातार काम किया जा रहा है. बच्चों को नियमित तौर पर आयरन एवं फॉलिक एसिड की गोलियां दी जा रही हैं. जिला में एक साल से कम उम्र के 84 प्रतिशत बच्चों का पूर्ण टीकाकरण किया गया है. वहीं 6 माह से 59 माह के 68 प्रतिशत बच्चों को विटाामिन ए की खुराक दी गयी है. वर्ष 2021—22 में इस ग्राफ को शतप्रतिशत प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है. इनजेंडर हेल्थ संस्था के परियोजना पदाधिकारी डॉ विजय कुमार भास्कर ने बताया कि राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 23 प्रखंडों में युवा क्लिनिक बनाये गये हैं. ये युवा क्लिनिक प्रखंड स्तर पर सभी स्वास्थ्य संस्थानों में मौजूद हैं. यहां से युवा वर्ग के लोग स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। बीते छह माह में ​युवा क्लिनिक की मदद से 3309 युवाओं को परामर्श उपलब्ध कराया गया है. अलाईव एंड थ्राइव संस्था की सिनियर प्रोजेक्ट मैनेजर डॉ अनुपम श्रीवास्तव ने बताया कि संस्था ने जिला में बच्चों के पोषण को केंद्रित करते हुए काम करना प्रांरभ किया है। साथ ही ​युनिसेफ तथा आइसीडीएस के साथ समन्वय स्थापित कर जिला में पोषण को लेकर काम कर रही है. जिला में नियमित तौर पर बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास के अनुश्रवण किया जा रहा है ताकि पोषण का स्तर बेहतर किया जा सके। 

पोषण को ध्यान में रख कार्य करने का निर्देश: 
उपविकास आयुक्त श्री सुमन कुमार ने बैठक में मौजूद अधिकारियों व प्रतिनिधियों को बच्चों के पोषण को ध्यान में रखते हुए सभी आवश्यक कार्य करने का निर्देश दिये। सिविल सर्जन ने कुपोषि​त तथा अतिकुपोषित बच्चों की पहचान कर उन्हें पोषण पुर्नवास केंद्र भेजने में पूरी मदद की बात कही. कहा कि पोषण पुर्नवास केंद्र में ऐसे बच्चों की संख्या को बढ़ाया जाये और उनके पोषण का पूरा ध्यान रखा जाये. जिला कार्यक्रम प्रबंधक ने आवश्यक मात्रा में आयरन सिरप व अन्य खुराक के उठाव के ​लिए कहा।

बैठक में स्वास्थ्य विभाग से डीसीएम बिनय कुमार, आइसीडीएस के जिला समन्वयक सुशांत कुमार, सबा सुल्ताना सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी मौजूद थे।