बुद्ध विहारा प्रबन्धन एक्ट एवं बुद्धिस्ट मैरिज एक्ट बनाये जाने को लेकर

बुद्ध विहारा प्रबन्धन एक्ट एवं बुद्धिस्ट मैरिज एक्ट बनाये जाने को लेकर  "9वींराष्ट्रीय बौद्ध धम्म संसद"  में प्रस्ताव पारित

*बौद्धो की संवैधानिक एवं राष्ट्रीय समस्याओं को लेकर " 9वीं राष्ट्रीय बौद्ध धम्म संसद बुध्दगया" का पांच दिवसीय सत्र सम्पन्न*
रिपोर्टः डीके पंंडित 
गयाबिहार
*बुध्दगया,   बौद्ध संगठनों की राष्ट्रीय समन्वय समिति,भारत के मुख्यालय महाबोधि मेडिटेशन सेंटर, बुध्दगया में पूज्य भिक्खु डां० यू.संदामुनि महाथेरो की अध्यक्षता में "9वी. राष्ट्रीय बौद्ध धम्म संसद बुध्दगया पांच दिवसीय सत्र संपन्न हो गया*। 
       *9वीं राष्ट्रीय बौद्ध धम्म संसद के मुख्य अतिथि विश्व शांति नायक, अभिध्वजा  महारथागुरु, पूज्य भदन्त ए.बी.ज्ञानेश्वर महाथेरो, अध्यक्ष- कुशीनगर भिक्खु संघ के द्वारा दीप प्रज्वलित कर देश के कोने-कोने  से आए बौद्ध प्रतिनिधियों को त्रिशरण -पंचशील देकर "9 वी राष्ट्रीय बौद्ध धम्म संसद का शुभारंभ किया गया । पूज्य भदन्त ए.बी.ज्ञानेश्ववर महाथेरो जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि विश्व के सभी मनुष्यों को आपसी समन्वय, मैत्री, भाईचारा, प्रेम सदभावना, बनाये रखने से ही विश्व शांति कायम रहेगी। हमें विश्व शांति के लिए तथागत बुद्ध के मार्ग का अनुसरण करना होगा*।
          *धम्म संसद के विशेष अतिथि भदन्त प्रज्ञादीप महाथेरो, महासचिव-आल इन्डिया भिक्खु संघ ने अपने संदेश में कहा कि भारत के सभी लोगों को एकजुट होकर "बौद्ध संगठनों की राष्ट्रीय समन्वय समिति भारत" के साथ  सहयोग करना चाहिए।उपासक अभय रत्न बौद्ध द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर किए जा रहे धम्म कार्य अत्यंत सराहनीय है।9वीं राष्ट्रीय बौद्ध धम्म संसद बुध्दगया की सफलता के लिए आयोजकों को हार्दिक बधाई देता हूं सभी के लिए मंगल कामना करता हूं,सबका मंगल हो, सबका कल्याण हो।*
        
      *9वीं राष्ट्रीय बौद्ध धम्म संसद का प्रस्तावना सम्बोधन एवं 22 सूत्रीय एजेंडा कार्यवाही का संचालन "बौद्ध संगठनों की राष्ट्रीय समन्वय समिति,भारत" के राष्ट्रीय समन्वयक एवं संगठक  आयुष्मान  अभय रत्न बौद्ध ने किया*। 
         *अभय रत्न बौद्ध ने अपने संबोधन में कहा कि आजादी के 74 वर्षों में भारतीय बौद्धोंके साथ निरंतर भेदभाव किया जा रहा है। भारत की सबसे पुरानी बुद्ध कालीन "पालि भाषा" को अभी तक संविधान की आठवीं सूची में नहीं शामिल गया और भारत सरकार ने एक साजिश के तहत पालि भाषा को 'संघ लोक सेवा आयोग' से हटा दिया गया, जबकि पालि भाषा का पठन-पाठन देश भर के 55 विश्वविद्यालयों मे देशी- विदेशी शोधार्थियों द्वारा पालि भाषा में शोध कार्य किया जाता है*।
        *बौद्धों के विवाह मान्यता कानून को लेकर 13 मार्च 1981 को तत्कालीन संसद सभा श्री एस.डब्लू ढाबे नागपुर के द्वारा "बुद्धिस्ट मैरिज बिल नंबर - 11आफ 1981" विधेयक के रुप में राज्यसभा में पेश किया गया था । जिस पर 17 अगस्त 1984 एवं 18 जनवरी 1985 को बहस के लिए संसद में लाया गया था। संसदीय बहस के जवाब में तत्कालीन कानून मंत्री श्री हंसराज भारद्वाज ने राज्यसभा में आश्वासन दिया था कि माननीय सांसद एस. डब्ल्यू. ढाबे उक्त बिल को वापस ले लें तो! सरकार बौद्धों के लिए बौद्ध विवाह मान्यता कानून को लेकर आएगी किन्तु भारत सरकार आज तक बौद्धों को धोखा देती आ रही है और "बौद्ध विवाह मान्यता कानून को अभी तक भारतीय संसद से पारित नहीं किया गया जबकि भारत के सिक्खों का विवाह कानून "आनंद मैरिज एक्ट" को 7 जून 2012 में विधि एवं न्याय मंत्रालय भारत सरकार ने कानूनी मान्यता दे दी है। इसलिए "9 वीं राष्ट्रीय बौद्ध धम्म संसद बुद्धगया में सर्वसम्मति से तय किया गया है कि यदि भारत सरकार ने बौद्धों के विवाह मान्यता कानून को भारतीय संसद से पारित कर बौद्धों के साथ किए जा रहे हैं भेदभाव को समाप्त नहीं किया तो! बौद्ध संगठनों की राष्ट्रीय समन्वय समिति भारत, उच्चतम न्यायालय के संज्ञान में लाएगी।*
      *भारत में गुरुद्वारों,चर्चो, मुस्लिम वक्फ संपत्तियों, हिन्दू मन्दिरों का अपना प्रबंधन कानून है किंतु बौद्धो के धम्म स्थलों "बुद्ध विहारों "  का कोई कानून भारत में नहीं है । इसलिए बौद्ध संगठनों की राष्ट्रीय समन्वय समिति, भारत, की कार्यसमिति ने "9वीं राष्ट्रीय बौद्ध धम्म संसद बुद्धगया" में सर्वसम्मति तय किया गया है कि  गुरुद्वारा प्रबंधक एक्ट एवं दरगाह एक्ट की तरह "बुद्ध विहार मैनेजमेंट एक्ट बनाकर भारत सरकार एवं लोकसभा व राज्यसभा की याचिका समिति में "बुद्ध विहार  मैनैजमेंट एक्ट" बनाने के लिए आग्रह पत्र भेजा जाए*।
      *9वीं राष्ट्रीय बौद्ध धम्म संसद के प्रमुख प्रवक्ताओं में भिक्खु बुद्धघोष अध्यक्ष- बौद्ध समाज संरक्षण संवर्धन संघ रायपुर छत्तीसगढ़, राष्ट्रीय सलाहकार रमेश बैंकर बौद्ध अहमदाबाद गुजरात, एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट आर.आर.गौतम सेक्रेटरी जनरल नई दिल्ली,जे.एल.शक्तीराजन राष्ट्रीय महासचिव बस्ती उत्तर प्रदेश, प्रोफेसर सुमेधा धानी बौद्ध महाऋषि दयानंद यूनिवर्सिटी रोहतक हरियाणा, इंजीनियर प्रज्ञामित्र बौद्ध जयपुर राजस्थान, डां.शैलेश कुमार बौद्ध नौगढ़ महाराज गंज उत्तर प्रदेश के अलावा अखिल भारतीय भिक्खु महासंघ कार्य समिति के सदस्य भिक्खु सत्यानंद महाथेरो, एवं बुध्दगया से भिक्खु अशोक वंश, नेपाल से चेत बहादुर, एवं उपासिका डोंगोल शर्मीला, ट्रेगर मॉनेस्ट्री बुध्दगया से यशे लामा, थाईलैन्ड से उपासिका कनोकुन, जम्मू एंड कश्मीर से शेटन पल्जोर, हिमाचल प्रदेश से गावंग गेलेक्क मुख्य रुप से शामिल थे।*
     *9वीं राष्ट्रीय बौद्ध धम्म संसद बुद्धगया में भारत के प्रमुख राज्यों मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, त्रिपुरा, मिजोरम, असम पश्चिम बंगाल, तमिल नाडु, छत्तीसगढ़, बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली सहित देश के अन्य राज्यों से आए बौद्ध संगठनों के प्रतिनिधियों, बौद्ध विद्वानों एवं पूज्य भिक्खु संघ ने हिस्सा लिया।*
       *9वीं राष्ट्रीय बौद्ध धर्म संसद बुधदगया में बौद्धों के संवैधानिक अधिकारों एवं राष्ट्रीय समस्याओं के उन्मूलन तथा भगवान बुद्ध की ज्ञान स्थली बुध्दगया, भगवान बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली कुशीनगर, उपदेश श्रावस्ती,अभिधम्मा उपदेश स्थली संकिसा फरुखाबाद, बाल्यकाल स्थली कपिलवस्तु एवं तपोस्थली उरुवेला प्रागबोधि गया, दीक्षाभूमि नागपुर, बोधिसत्व डॉ अंबेडकर की जन्मस्थली महू स्मारक इंदौर, सिरपुर बुद्ध भूमि महासमुंद छत्तीसगढ़ आदि तीर्थ स्थलों का विकास एवं सौन्दर्यीकरण कराने, अंतर्राष्ट्रीय मानक के अनुसार बुध्दगया को स्मार्ट सिटी बनाने,  गया जंक्शन से  चतरा वाया बुध्दगया रेल मार्ग का निर्माण अभिलंब कराने, बुद्ध कालीन प्राचीन भारतीय पालिभाषा को संघ लोक सेवा आयोग एवं भारतीय संविधान की आठवीं सूची में शामिल करने, भारत के सभी राज्यों में राज्य अल्पसंख्यक आयोग का गठन और उनमें बौद्ध  सदस्य की नियुक्ति करने तथा राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को सशक्त बनाने भारतीय संविधान की धारा 25 के उपखंड (ब) भाग 2 में संशोधन करने, बुद्ध विहारा प्रबन्धन एक्ट एवं बुद्धिस्ट मैरिज एक्ट बनाने को लेकर 9वीं राष्ट्रीय बौद्ध धम्म संसद में प्रस्ताव पारित किये गये और सभी पारित प्रस्तावों को भारत सरकार एवं राज्य सरकारों तथा भारतीय संसद की याचिका समिति, विधि आयोग नई दिल्ली को भेजा जाएगा*।
         *9वीं राष्ट्रीय बौद्ध धम्म संसद मे विशेषकर बुद्धगया को स्मार्ट पर्यटक सिटी बनाने, विकास एवं सौंदर्यीकरण कराने एवं गौतम वन पुरातत्व परिसर ताराडीह की खाली पड़ी अरबों रुपयों की जमीन पर  भू अतिक्रमण को रोकने को लेकर जिला प्रशासन एवं बिहार सरकार के संज्ञान में लाने अथवा पटना उच्च न्यायालय में जनहित याचिका करने को लेकर "9वीं राष्ट्रीय बौद्ध धम्म संसद बुद्धगया" के सत्र मे विशेष चर्चा एवं प्रस्ताव पारित किया गया*।
      *"9वीं राष्ट्रीय बौद्ध धम्म संसद बुध्दगया" में बुद्धगया मॉनेस्ट्री क्षेत्र में ध्वनि प्रदूषण (लाउडस्पीकर) के शोर को रोकने, विश्व धरोहर महाबोधि महाविहार के ऊपर एवं आसपास फ्लाइंग जोन एवं ड्रोन कैमरा देखे जाते हैं इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से महाबोधि महाविहार के ऊपर से फ्लाइट एवं ड्रोन कैमरा का उड़ना पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया जाना, बुध्दगया की सड़कों के किनारे "दिल्ली की तरह" मॉडर्न मिनी टॉयलेट लेडीज एंड जेंट्स के लिये निर्माण देशी- विदेशी पर्यटकों के लिए कराया जाए, जोकि निशुल्क संचालित किया जाए तथा प्रत्येक "मॉडर्न मिनी टॉयलेट" पर राज्य पर्यटन विभाग या जिला प्रशासन,अथवा नगर पालिका बुध्दगया द्वारा सफाई सुरक्षाकर्मी नियुक्त किया जाए और बुध्दगया के जो जन- सुविधा परिसर खस्ताहाल बंद पड़े हैं उन्हें भी पुन: संचालित किया जाए। बुध्दगया मोनेस्ट्री क्षेत्र का "डेवलपमेंट प्लान" बनाकर सभी मॉनेस्ट्रीज के सामने सड़कों, गलियों, गंदा पानी निकासी नालियों का निर्माण कराए जाने को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया*।
       *बुद्धगया की मुख्य सड़क दुमाहन से नोड-1 सुजाता वाईपास रोड राजापुर वाया बकरोर सुजातागढ होकर रत्ती विगहा नदी पुल से "उरुबेला फारेस्ट प्रागबोधि गया"(डूंगेश्वरी) को जाने वाली सड़क का चौड़ीकरण करवा कर फोरलेन में बनाया जाए*।
          *बुद्धगया की सड़कों के दोनों और वृक्षारोपण का करना एवं गंदा पानी निकासी नालियों का निर्माण कराना, खुले नाले- नालियों को ढकवाना, बुध्दगया के सीवरेज सिस्टम को चालू करवाना, स्ट्रीट लाइट सभी गलियों में सुरक्षा की दृष्टि से लगवाना तथा प्रागबोधि उरुवेला सहित अन्य चिन्हित स्थानों पर "पुलिस चेक पोस्ट" स्थापित करना और बुध्दगया मॉनेस्ट्री क्षेत्र में बकरा,मुर्गा,मांस,मछली की कटाई एवं बिक्री को प्रतिबंधित करना क्योंकि विश्व धरोहर महाबोधि महाविहार के आसपास खुलेआम बकरा मुर्गा की कटाई से भगवान बुद्ध की ज्ञान स्थली पर आने वाले देशी- विदेशी पर्यटकों एवं बौद्ध श्रद्धालुओं के मन में भारत के प्रति गलत संदेश जाता है, इसलिए बकरा मुर्गा मछली मांस कटाई एवं विक्री को को रोकने तथा मुर्गा बकरा मांस मछली की बिक्री को बुद्धगया मॉनेस्ट्री शेत्र से 5 किलोमीटर दूरी पर विस्थापित करने का प्रस्ताव पारित किया गया*।
         *विश्व धरोहर महाबोधि महाविहार के पीछे गांव ताराडीह जिसे भी स्थापित कर दिया गया है और यहां के निवासियों को न्यू ताराडीह (बादलपुर गांव) बुध्दगया में बसाया गया है। बुद्धगया के गांव ताराडीह उत्खनन स्थल परअशोक कालीन विश्वविद्यालय, सघांराम बुध्द विहार एवं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा उत्खनन में  निकले अवशेषों जिन्हें बोधगया के संग्रहालय में रखा गया है। उत्खनन स्थल गांव ताराडीह की जमीन का नामकरण करके"गौतम वन पुरातत्व परिसर" सरकार द्वारा रखा गया खाली पड़ी अरबों रुपयों की सरकारी जमीन पर असामाजिक तत्वों द्वारा किए जा रहे भू अतिक्रमण को रोकने एवं "गौतम  वन पुरातत्व परिसर* *का सौंदर्यीकरण करने हेतु बिहार सरकार एवं गया प्रशासन से आग्रह है कि तत्काल कार्रवाई करें*।
          *सभापति श्रद्धेय भिक्खु डां० यू. संन्दामुनि महाथेरो जी ने बुध्दगया आने वाले देशी - विदेशी पर्यटकों  एवं बुध्दगया के आम नागरिकों की जीवन सुरक्षा एवं सुविधा के लिए आधुनिक सुविधाओं से युक्त "सुपर स्पेशलिटी अस्पताल" का निर्माण बिहार सरकार द्वारा कराए जाने का प्रस्ताव रखा*।
      *धम्म संसद में अखिल भारतीय भिक्खु महासंघ कार्य समिति के सदस्य भिक्खु सत्यानंद महाथेरो जी ने प्रस्ताव रखा कि बुद्धगया के  सभी बुद्ध विहारों (मॉनेस्ट्रियो) से बिजली विभाग कमर्शियल बिल वसूल करता है और आर्थिक उत्पीड़न करता है जबकि देश में अन्य धर्मों के धर्म स्थलों के साथ ऐसा उत्पीड़न नहीं होता है किंतु बुद्धगया में बौद्धो के साथ खुला भेदभाव एवं आर्थिक उत्पीड़न होता है। अतः हमारी मांग एवं प्रस्ताव है कि बिहार सरकार एवं विद्युत विभाग बौद्ध भिक्खुओं एवं बौद्ध मॉनेस्ट्रिओं से सामान्य बिल वसूल करें अथवा बिहार सरकार, दान का जीवन जीने वाले बौद्ध भिक्खुओं को सब्सिडी  प्रदान करें*।
       *वर्ष 2014-15 से  बुध्दगया में विशाल वातानुकूलित सभागार कन्वेंशन सेंटर एवं अथिति ग्रह का निर्माण कराये जाने की मांग को लेकर वर्ष 2015 में बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर "चार दिवसीय सामूहिक धरना एवं प्रदर्शन बौद्ध संगठनों की राष्ट्रीय समन्वय समिति, भारत के तत्वाधान में किया गया था और श्री नीतीश कुमार जी मुख्यमंत्री बिहार सरकार को 13 सूत्रीय मांग पत्र ज्ञापन बोधि वृक्ष के नीचे सौंपा गया था*। *13 सूत्रीय मांग पत्र की मुख्य मांग 13 एकड़ में बनने वाले लगभग 150 करोड़ की लागत से महाबोधि कन्वेंशन सेंटर का निर्माण वर्ष 2021 के अंत तक पूरा होने जा रहा है।* 
       *हम बौद्ध संगठनों की राष्ट्रीय समन्वय समिति,भारत के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी का हार्दिक आभार प्रकट करते हैं और अपेक्षा करते हैं कि बुद्धगया को "स्मार्ट पर्यटक सिटी" बनाने के लिए हमारी अन्य मांगों पर भी ध्यान देकर संज्ञान में लेंगे*।
        *9वीं राष्ट्रीय बौद्ध धम्म संसद बुध्दगया के चौथे दिन प्रथम सत्र से पूर्व प्रातः 7:00 बजे से पूज्य भिक्खु डां. यू.सन्दामुनी महाथेरो जी के सानिध्य में "पंचशील धम्म यात्रा यात्रा"   महाबोधि मेडिटेशन सेंटर बुध्दगया से भगवान बुद्ध की ज्ञान स्थली विश्व धरोहर महाबोधि महाविहार तक निकाली गई*।
      *9वीं राष्ट्रीय बौद्ध धम्म संसद  बुध्दगया में शामिल बौद्ध भिक्खुओं एवं प्रतिनिधियों ने अपने हाथों में पंचशील ध्वज लेकर बुद्धम शरणं गच्छामि , धम्मं शरणं गच्छामि, संघम शरणं गच्छामि का उदघोष करते हुए आगे बढ़ रहे थे। महाबोधि महाविहार पहुंचकर सभी पद यात्रियों ने पूज्य भिक्खु डां.यू. सन्दामुनी महाथेरो से त्रिशरण पंचशील ग्रहण किया और बुद्ध पूजा, धम्म पूजा, संघ पूजा में भाग लेकर मंगल मैत्री,विश्व शांति के लिए धम्म का पाठन किया।भिक्खु डां.यू.सन्दामुनी महाथेरो् जी ने सभी के कल्याण के लिए, विश्व शांति का संदेश दिया*।
     *समापन षत्र में सभापति पूज्य भिक्खु डां० सन्दामुनी महाथेरो जी ने विश्व शांति एवं  मंगल कामना संदेश के साथ धम्म संसद में आए  सभी बौद्ध प्रतिनिधियों को आपसी समन्वय बनाए रखने एवं मैत्री भाईचारे के साथ जीवन जीने का सन्देश दिया*। *बौद्ध संगठनों की राष्ट्रीय समन्वय समिति भारत के महासचिव  एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट आर.आर. गौतम जी ने 9वीं राष्ट्रीय बौद्ध धम्म संसद में शामिल सदस्यों का आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद संबोधन किया।*