सर्दियों में रखें अपने रक्तचाप को नियंत्रित*-डॉ हेमंत जैन

*सर्दियों में रखें अपने रक्तचाप को नियंत्रित*-डॉ हेमंत जैन

उच्चरक्तचाप यानी हाई ब्लड प्रेशर यानी हाइपरटेंशन एक सामान्य परंतु बहुत ही खतरनाक शारीरिक परिस्थिति है जब आपका रक्चाप यानी ब्लूडप्रेसर सामान्य से ज्यादा होता है।
रक्तचाप में दो माप होते हैं एक-सिस्टोलिक यानी ऊपरी माप,जो दिल के द्वारा रक्त को पंप करते समय धमनियों का दवाब होता है , और डायस्टोलिक जो धड़कनों के बीच आपकी धमनियों का दबाब होता है यह निचली माप होती है। 
सामान्य सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर 120 से कम होना चाहिए, और डायस्टोलिक 80 से कम, इससे ज्यादा रक्त चाप उच्चरक्त चाप यानी हाइपर-टेंसन कहलाता है।।
यह बीमारी कई सालों तक आपको बिना किसी लक्षणों के आपके शरीर मे हो सकती है, इसको आपके चिकित्सक आसानी से पहचान सकते हैं ।
उच्चरक्त चाप के कई कारण हैं -उम्र बढ़ने के साथ ब्लड प्रेशर बढ़ता है , यह पुरुषों में महिलाओं से ज्यादा होता है , और जिन परिवारों में ब्लड प्रेशर की समस्या हो, ज्यादा बजन, व्यायाम ना करने वाले व्यक्ति, तम्बाखू का सेवन करने वाले व्यक्ति, ज्यादा नमकीन भोजन, ज्यादा शराब का सेवन करने वाले,तनावग्रस्त व्यक्ति, शुगर और किडनी के मरीज।
इन व्यक्तियों में निम्न गंभीर दुष्परिणाम उत्पन्न हो सकते हैं-दिल एवम दिमाग का दौरा,हृदय गति का रुकना या गलत तरीके से दिल का धड़कना,किडनी का काम रुकना या बंद होना,आंखों में अंधापन आना,याददाश्त कमजोर होना या याददाश्त भूल जाना।
बचाव के लिए जीवन शैली में बदलाव करें-
आहार में नमक कम करें,बजन नियंत्रित रखें,तम्बाखू और शराब का सेवन बन्द कर दें,कम से कम 30 मिनट प्रतिदिन व्यायाम करें,स्वस्थ आहार लें जिसमें फल, सब्जी , साबुत अनाज, मछली ( अगर ले सके तो), कम बसा बाला दूध और पनीर का सेवन करें,तनाव कम से कम लें, योग और प्राणायाम करें, अगर जरूरत हो तो चिकित्सकीय सलाह जरूर लें।
घर पर रक्तचाप पर नजर रखें, यह आपको प्रतिदिन करना चाहिए, अगर बिना दवाओं के आपका रक्तचाप नियंत्रित है तो बहुत अच्छा है ,अगर नहीं तो चिकित्सकीय परामर्श लें।

लेखक-
डॉ हेमंत जैन, 
सहायक प्राध्यापक ,
मेडीसिन बिभाग,
मेडिकल कॉलेज दतिया।।