स्वामी सहजानंद सरस्वती पुस्तकालय, सभागार, जहानाबाद में अखिल भारतीय सारस्वत परिषद, वाराणसी द्वारा सारस्वत सम्मान समारोह सम्पन्न

स्वामी सहजानंद सरस्वती पुस्तकालय, सभागार, जहानाबाद में अखिल भारतीय सारस्वत परिषद, वाराणसी द्वारा सारस्वत सम्मान समारोह सम्पन्न
रिपोर्टः डीकेपंडितः
जहानाबाद बिहार

आज दिनांक ४ दिसंबर को स्वामी सहजानंद सरस्वती पुस्तकालय, सभागार, जहानाबाद में अखिल भारतीय सारस्वत परिषद, वाराणसी द्वारा सारस्वत सम्मान समारोह सम्पन्न हुआ। परिषद द्वारा शिक्षा, चिकित्सा, साहित्य, समाज सेवा, संगीत, पर्यावरण एवं जल संरक्षण क्षेत्र से 27 विभूतियों को सारस्वत सम्मान से सम्मानित किया गया। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अमृतानंद देव तीर्थ, शारदा सर्वज्ञ पीठ कश्मीर के कर कमलों द्वारा अंगवस्त्र, प्रतीक चिह्न एवं प्रमाण पत्र प्रदान कर सभी चयनित विभूतियों को सम्मानित किया गया।अपर पुलिस महानिदेशक डॉ करुणा सागर की अध्यक्षता में आयोजित सारस्वत सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अमृतानंद देव तीर्थ, विशिष्ट अतिथि पूर्व एडीएम एवं स्थानापन्न डीएम श्री ओम पी राय,सारस्वत अतिथि परिषद के राष्ट्रीय संयोजक डॉ विवेकानंद तिवारी रहे। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अमृतानंद देव तीर्थ, शारदा सर्वज्ञ पीठ कश्मीर द्वारा सारस्वत सम्मान से सम्मानित होनेवाली विभूतियां डॉ गिरिजेश कुमार,प्रो पवित्र रंजन मैती,श्री श्रीधर शर्मा, डॉ मंजुलता त्रिपाठी, डॉ उमाशंकर सिंह सुमन, डॉ रविशंकर शर्मा, शकील अहमद काकवी, डॉ प्रियंका कुमारी, राकेश कुमार, अशोक कुमार, मनोज कुमार कमल, सुधाकर रवि, अमृतेश कुमार मिश्रा, श्रीमती इन्दु देवी,भारत रत्न पांडे,रामध्यान सिंह, निरंजन प्रसाद सिंह,हरी लाल प्रसाद, निरंजन केशव उर्फ प्रिंस,रंजय कुमार सिंह, शैलेश कुमार चौरसिया, अशोक प्रियदर्शी, अमित कैप्टन, हरिशंकर कुमार, राजकिशोर प्रसाद, मनीष शर्मा, बुद्धिष्ट कुमार हैं।
   भारत एण्ड स्काउट गाइड के जिला आयुक्त हरिशंकर कुमार के नेतृत्व में स्काउट गाइड के बच्चों ने फूलों की वर्षा कर स्वामी जी का अभिनंदन किया। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अमृतानंद देव तीर्थ जी ने संग्रहालय परिसर में अधिष्ठापित स्वामी सहजानंद सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
     व्याख्याता रंगनाथ शर्मा के संचालन में स्वामी जी समेत सभी मान्य अतिथि मंचासीन हुए।दीप प्रज्जवलित कर समारोह का विधिवत उद्घाटन हुआ। तत्पश्चात सभी मनुष्य मान्य अतिथियों को  अंगवस्त्र, प्रतीक चिह्न एवं पुष्पगुच्छ प्रदान कर सम्मान प्रदान किया गया।
     इस महती आयोजन को मुख्य अतिथि के बतौर सम्बोधित करते हुए जगद्गुरु शंकराचार्य जी महाराज ने कहा कि सनातन संस्कृति हमें करुणा,दया, प्रेम, सहिष्णुता, सहृदयता,परस्पर सहयोग की शिक्षा देता है।यह संस्कृति विश्वबन्धुत्व, भाईचारा,सह अस्तित्व की शिक्षा देता है।सर्व धर्म समभाव से सर्वधर्म समभाव की यात्रा का संस्कार देता है।इस संस्कृति में घृणा की कोई जगह नहीं है,सिर्फ प्रेम है। उन्होंने अपने सम्बोधन में सारस्वत परिषद के इस पहल की सराहना की और सम्मानित होनेवाले विभूतियों के साथ साथ मौजूद सभी गणमान्य जनों शुभाशीष देते हुए सेवा के क्षेत्र में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने का संदेश दिया।
   पूर्व प्रशासनिक अधिकारी श्री ओ पी राय ने कहा कि अखिल भारतीय सारस्वत परिषद, वाराणसी द्वारा यह आयोजन मील का पत्थर साबित होगा। निश्चित रूप से समाज के लिए उत्कृष्ट कार्य करनेवाले लोगों का हौसला बढ़ेगा।
  परिषद् के राष्ट्रीय संयोजक डॉ विवेकानंद तिवारी ने कहा कि अखिल भारतीय सारस्वत परिषद का उद्देश्य समाज के उन्नयन और सेवा में अहर्निश योगदान देने वाले लोगों का सम्मान करना है।ऐसा कर परिषद राष्ट्र की सेवा करता है।आज जहानाबाद में लोगों को सारस्वत सम्मान से सम्मानित कर परिषद गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
     अपने अध्यक्षीय भाषण में अपर पुलिस महानिदेशक डॉ करुणा सागर ने कहा कि हम अखिल भारतीय सारस्वत परिषद द्वारा आयोजित सारस्वत सम्मान समारोह की अध्यक्षता कर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। जहानाबाद से मेरा आत्मीय नाता है। यहां के लोगों का सम्मान मुझे अपना सम्मान महसूस हो रहा है। मैंने परिषद से आग्रह किया और परिषद ने जहानाबाद को चुना,मेरा साधुवाद है।इस मौके पर श्री सागर ने कहा कि निश्चित तौर पर अच्छे काम के लिए सम्मानित होना अच्छा लगता है,पर निरंतर अच्छा करते रहें, जिम्मेदारी बढ़ जाती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मानवीय संवेदना से ओतप्रोत पूरे समर्पण के साथ जो समाज की सेवा करते हैं,उनका सम्मान समाज का दायित्व है।आज इन विभूतियों को सम्मानित कर परिषद एवं यहां पर उपस्थित समाज सम्मानित महसूस कर रहा है।
    जिले के सुप्रसिद्ध चिकित्सक डॉ गिरिजेश कुमार ने धर्म की वैज्ञानिक व्याख्या करते हुए मानव सेवा ही माधव सेवा है का मंत्र दिया।
   समारोह में मंगलाचरण नारायण जी एवं एकल गीत सरस्वती शिशु मंदिर के प्राचार्य राजेश जी के द्वारा प्रस्तुत किया गया। धन्यवाद ज्ञापन प्रो कृष्ण मुरारी ने किया एवं राजेश जी के नेतृत्व में सरस्वती शिशु मंदिर के छात्राओं द्वारा राष्ट्र गीत वन्देमातरम् की प्रस्तुति से समारोह समाप्त हुआ।इस समारोह शहर के विभिन्न हिस्सों एवं गांवों से शताधिक लोग शामिल हुए।