औरंगाबाद जिला विधिक संघ में परिवार - न्यायालय से संबंधित विधिक विषयों पर आयोजित की गई संगोष्ठी

औरंगाबाद जिला विधिक संघ में परिवार  - न्यायालय से संबंधित विधिक विषयों पर आयोजित की गई संगोष्ठी                         अजय कुमार पाण्डेय     औरंगाबाद: ( बिहार  ) जिला -  विधिक  -  संघ, औरंगाबाद में परिवार  -  न्यायालय से सम्बंधित विधिक  -  विषयों पर संगोष्ठी आयोजित की गई, जिसमें मुख्य अतिथि माननीय, जिला एवं सत्र  -  न्यायाधीश सह जिला  -  विधिक  -  सेवा प्राधिकार अध्यक्ष, औरंगाबाद, मनोज कुमार तिवारी  रहे! कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला  -  विधिक  -  संघ  -  औरंगाबाद   -  अध्यक्ष, रसिक बिहारी सिंह और मंच संचालन कोषाध्यक्ष, नवीन कुमार सिंह ने किया! धन्यवाद ज्ञापन महासचिव, नागेंद्र सिंह ने की! इस मौके पर सर्वप्रथम जिला -  विधिक   -  संघ अध्यक्ष एवं सचिव ने माननीय, जिला एवं सत्र -  न्यायाधीश को बुके देकर सम्मानित किया! इसके बाद स्वागत भाषण जिला  -  विधिक  -  संघ औरंगाबाद अध्यक्ष, रसिक बिहारी सिंह ने किया! उन्होंने कहा कि समाज के प्रति अधिवक्ता समाज को अपने दायित्वों का निर्वहन करते रहना चाहिए, और परिवार  -  न्यायालय के बढ़ते मामलों को सुलझाने में अधिवक्ता समाज अहम भूमिका निभा सकते है! जिसके लिए बेंच हमे हर कदम पर सहयोग करने को तैयार है!  बार और बेंच मिलकर न्यायपालिका बनती है! हम एक महत्वपूर्ण सामाजिक विषय पर बहु  -  प्रतीक्षित सेमिनार आज बेंच के सहयोग से कर रहे हैं! प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी सुदीप पाण्डेय ने बताया कि यदि अधिवक्ता अपने मुवक्किलों को समझाएं, तो बहुत से केश स्वत: समाप्त हो जाए! जो कि परिवार न्यायालय का उद्देश्य भी है! दुसरी बात परिवार  -  न्यायालय के वाद में कु  -  संयोजन न करे, क्योंकि आपका लड़ाई सिर्फ पति से है! 
ए0डी0जे0 दिनेश कुमार प्रधान ने बताया कि हम भी पत्नी से लड़ते हैं! मगर घर के अन्दर प्यार से, घर के बाहर आवाज नहीं जाती है! जीवन संग जीना है, तो ऐसी स्थिति न आए कि वैवाहिक जीवन में किसी तिसरे से हस्तक्षेप लेना पड़े! ए0डी0जे0 सह जिला -  विधिक  -  सेवा  -  प्राधिकार औरंगाबाद सचिव, प्रणव शंकर ने कहा कि 10 साल पहले से ही बिहार में सर्वाधिक वाद भा0द0वि0 की धारा  -  498 ए0 की थी! जो अब न्यायालय में लम्बित मामलों में बड़ा स्थान रखता है! बार और बेंच में वही सम्बंध है! जो श्री कृष्ण और अर्जुन में था! आप सभी मिलकर परिवार को बचाएं! कम से कम मुकदमे न्यायालय में आने दे! मध्यस्थता का वाद के पुर्व लाभ ले! वाद हुआ, तो ट्राइल से पुर्व लाभ ले, लाभ दे! जिला  -  विधिक  -  सेवा  -  प्राधिकार, औरंगाबाद के मध्यस्थता केन्द्र हमेशा सभी को लाभ देने के लिए प्रतिबद्ध है! 498 ए0 के वाद में नाबालिग का नाम न दे! माननीय, जिला एवं सत्र  -  न्यायाधीश, मनोज कुमार तिवारी ने कहा कि हम परिवार न्यायालय के एक मुकदमे कर कई मुकदमे को जन्म देते हैं! पति  -  पत्नी के बीच हुई लड़ाई में बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो जाता है! कुछ गलतफहमियां, कुछ झुठा शंका, तो कहीं परिवारिक दायित्वों को निभाने में पति के लपरवाही, तो कहीं एक दुसरे के परिजनों का अनादर भी परिवारिक विवाद के कारण हो जाते हैं! बार ओर बेंच को यह भी चिंतन करना है कि परिवार  -  न्यायालय में अधिकांश मामले साधारण परिवार के आते हैं, जिनके लिए रोजी  -  रोटी मुख्य मुद्दा होता है! हम अपने समाज के बच्चों को अभिभावक सुख देने का प्रयास करना है,, ताकि मार्गदर्शन के अभाव में उनमें अपराधिक प्रवृत्ति न आए! अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने भी सेमिनार को सफल बताया! अधिवक्ता प्रमेन्द्र मिश्रा ने इस आयोजन को समाज के लिए सुखद क्षण बताया! इसके बाद जिला  -  विधिक  -  संघ औरंगाबाद के मीडिया प्रभारी अधिवक्ता ,सतीश कुमार स्नेही को विधिक  -  मीडिया के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान 2016 से करते रहने के लिए भी प्रशस्ति  - पत्र और ट्राफी देकर प्रसंशा करते हुए सम्मानित किया गया, तथा उज्वल भविष्य की कामना की गई! यह सम्मान माननीय, जिला एवं सत्र  -  न्यायाधीश, औरंगाबाद, जिला  -  विधिक  -  संघ के अध्यक्ष और महासचिव ने प्रदान किया! प्रशस्ति  -  पत्र  अधिवक्ता, चंद्रकांता कुमारी को भी पुस्तकालय में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया गया!  प्रशस्ति  -  पत्र अधिवक्ता, देवकांत को पर्यावरण में उल्लेखनीय कार्य के लिए दिया गया! अंत में जिला  -  विधिक  -  संघ औरंगाबाद के महासचिव, नागेंद्र सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन कर सभी माननीय, न्यायाधीशों और जिला - विधिक  -  संघ  -  औरंगाबाद के सदस्यों का सफल आयोजन के लिए आभार व्यक्त किया, और इस आयोजन को समाज के लिए उपयोगी बताया! इस मौके पर अधिवक्ता, सतीश कुमार स्नेही ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा है कि आज मेरा बहुप्रतीक्षित मांग पुरी हुई है सम्मान का! यह सम्मान मेरा नहीं! आप सबका भी है! यदि आप मेरे सम्मान से सुख दुख से जुड़े महसूस करते हैं तो आग्रह है कि आप अपने समाचार में हमारा सम्मानित होने का तस्वीर भी अवश्य लगाएं, ताकि मैं न्यूज़ कवरेज और उमंग, जोश से करता रहूं!