माननीय मंत्री राजस्व एवं भूमि सुधार तथा विधि विभाग बिहार सरकार श्री राम सूरत कुमार की अध्यक्षता में राजस्व एवं भूमि सुधार से संबंधित विषयों पर प्रमंडल स्तरीय समीक्षा बैठक

माननीय मंत्री राजस्व एवं भूमि सुधार तथा विधि विभाग बिहार सरकार श्री राम सूरत कुमार की अध्यक्षता में राजस्व एवं भूमि सुधार से संबंधित विषयों पर प्रमंडल स्तरीय समीक्षा बैठक
   गया, 18 जनवरी, 2021, 
रिपोर्टः. दिनेश कुमार पंडित 
बिहार के जिला गया है।माननीय मंत्री राजस्व एवं भूमि सुधार तथा विधि विभाग बिहार सरकार श्री राम सूरत कुमार की अध्यक्षता में राजस्व एवं भूमि सुधार से संबंधित विषयों पर प्रमंडल स्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन समाहरणालय सभाकक्ष में किया गया।
               इस बैठक में अपर मुख्य सचिव, श्री विवेक कुमार सिंह राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग बिहार,  निदेशक भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय बिहार पटना,  मगध प्रमंडल गया के आयुक्त श्री मयंक वरवड़े, गया, जहानाबाद, अरवल, नवादा और औरंगाबाद के जिला पदाधिकारी, प्रमंडल के सभी अपर समाहर्ता, सभी भूमि सुधार उप समाहर्ता, सभी जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, सभी बंदोबस्त पदाधिकारी/सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, सभी अंचल अधिकारी एवं अन्य पदाधिकारी द्वारा भाग लिया गया। 
               समीक्षा बैठक में माननीय मंत्री ने उपस्थित पदाधिकारियों से कहा कि काम करने से डरे नहीं, हिम्मत और ईमानदारी के साथ अच्छे तरीके से काम करें।  उन्होंने कहा कि यह उनकी चौथी बैठक है और हम सब मिलकर राजस्व विभाग के कार्य को अच्छी तरह करेंगे ताकि आमजन एवं किसान को जमीन संबंधी मामलों में परेशानियों का सामना करना न पड़े। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग अति महत्वपूर्ण विभाग है क्योंकि इसके साथ जमीन संबंधी मामले जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि अगर जिले के कलेक्टर क्षेत्र में जाते हैं तो उसका व्यापक प्रभाव पड़ता है। उन्होंने समस्त राजस्व पदाधिकारी एवं कर्मियों को निदेश दिया कि आप अधिक से अधिक क्षेत्र में जाएं और आम जनों और जरूरतमंद लोगों का कार्य करें। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि जब क्षेत्रीय पदाधिकारी काम नहीं करते हैं तो विभाग की बदनामी होती है। उन्होंने निदेश दिया कि जब अंचल अधिकारी/राजस्व कर्मचारी जमीन का सीमांकन/मापी करने अपने क्षेत्र में जाएं तो अपने कार्यालय से ही संबंधित क्षेत्र का नक्शा लेकर जाएं तो कहीं विवाद उत्पन्न न हो। उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में भूमि मापी/सीमांकन का एक समान दर निर्धारित किया जाएगा।
               माननीय मंत्री ने बैठक में घोषणा किया कि जो पदाधिकारी/राजस्व कर्मचारी उत्कृष्ट कार्य करेंगे, उन्हें सम्मान एवं ईनाम दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अच्छे काम करने वाले 12 राजस्व पदाधिकारी/कर्मियों को अपने 1 माह के वेतन से एक लाख ग्यारह हजार की राशि ईनाम स्वरूप देंगे।
               उन्होंने बताया कि पूरे राज्य में सर्वे का काम तेज गति से कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राजस्व कर्मचारी, अमीन, डाटा इंट्री ऑपरेटर सहित अन्य कर्मियों की नियुक्ति शीघ्र ही की जाएगी ताकि हमारा सिस्टम और तेज गति से कार्य कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि सभी राजस्व पदाधिकारियों को वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही 4,000 राजस्व कर्मचारी, 3,883 आई.टी. मैंनेजर/डाटा एंट्री ऑपरेटर की नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक प्रमंडल में आयुक्त स्तर के पदाधिकारी की नियुक्ति की जाएगी ताकि भूमि एवं राजस्व संबंधी समस्याओं का निराकरण तेजी से हो सके। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन म्यूटेशन की प्रक्रिया को और तेजी से किया जाएगा ताकि लंबित मामलों का निष्पादन मार्च तक कर दिया जाय। उन्होंने सभी राजस्व कर्मचारी/अमीन को निदेश दिया कि वे सप्ताह के 5 दिन क्षेत्र में जाकर काम करेंगे।
               बैठक में अपर मुख्य सचिव, राजस्व विभाग, बिहार श्री विवेक कुमार सिंह ने भू राजस्व संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि यह दूसरी प्रमंडल स्तरीय समीक्षा बैठक है। उन्होंने कहा कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग गुड गवर्नेंस की गंगोत्री है। राजस्व किसी भी प्रशासन का मूलभूत अंग रहा है। उन्होंने निर्देश दिया कि अपने कार्यों में गुणवत्ता, पारदर्शिता आवश्यक है। इस बैठक का मुख्य उद्देश है कि भू राजस्व संबंधी सबसे निचले कर्मी यथा राजस्व कर्मचारी, आमीन, अंचलाधिकारी के साथ समन्वय स्थापित कर भूमि संबंधी सुधारात्मक कार्यक्रम को और तेजी से बढ़ाया जाए। 
                 उन्होंने बताया कि भू-अभिलेख का डिजिटाइजेशन कर इसे 2017 में कॉमन पोर्टल पर अपलोड करने का कार्य किया गया ताकि आमजन अपने जमीन संबंधी मामले को देख सकें। उन्होंने बताया कि जो लोग जमीन संबंधी डाटा में उलटफेर कर रहे हैं, भू-माफिया हैं, उनपर अंकुश लगाने हेतु प्राथमिकी दर्ज की जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि भूमि संबंधी आपके पास कोई समस्या/शिकायत आती है तो त्वरित गति से निष्पादन करें। उन्होंने बताया कि बिहार में भूमि का विशेष सर्वेक्षण किया जाएगा ताकि लोगों की मिल्कियत का वैधानिक स्वरूप दिया जा सके। जिला स्तर पर इसकी तैयारी व्यापक रूप से की जानी है। उन्होंने बताया कि अब है चौकीदार प्रत्येक शनिवार को थाना जाकर अपने क्षेत्र/ गांव के भूमि संबंधी विवाद की सूचना थाना अध्यक्ष/अंचलाधिकारी को देंगे।
                 बैठक में मुख्य रूप से सभी बंदोबस्त पदाधिकारी, सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी को अच्छी तरह प्रशिक्षण लेने, सरकारी एवं सेटल्ड लैंड की उपलब्धता, खतियान लेखन, सॉफ्टवेयर पर प्रपत्र 2 एवं 3 (1) को अपलोड करना, फॉर्म 5 की सॉफ्टवेयर में एंट्री, दाखिल खारिज इत्यादि कार्यों का विस्तार जिलावार समीक्षा की गई।
                  बैठक में सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी एवं उनके कर्मियों को अंचल अमीन को निर्देश दिया गया कि आप अपनी कार्यशैली में सुधार लावें। जनवरी 2021 में 80% फॉर्म 5 की एंट्री सॉफ्टवेयर में नहीं करने वाले सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी एवं कर्मियों की वेतन कटौती की जाएगी। साथ ही कार्य में कोताही बरतने वाले कर्मियों की सेवा समाप्ति भी की जाएगी।
                   बैठक में आयुक्त, मगध प्रमंडल, गया श्री मयंक वरवड़े ने कहा कि कलेक्टर, अपर समाहर्ता, अंचलाधिकारी, राजस्व कर्मचारी, अमीन, बंदोबस्त पदाधिकारी, भूमि सुधार उप समाहर्ता सभी राजस्व के महत्वपूर्ण अंग है। उन्होंने गंगा उदवह योजना, विकास कार्यों के लिए भूमि की आवश्यकता सरकार की प्राथमिकता वाली योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु पूरी तरह सजग एवं तत्पर रहने का निर्देश दिया।
                   बैठक में जिला पदाधिकारी, गया श्री अभिषेक सिंह द्वारा माननीय मंत्री, अपर मुख्य सचिव, सभी जिला पदाधिकारी सहित अन्य राजस्व पदाधिकारी का स्वागत करते हुए कहा कि गया जिले में मुख्य परियोजनाओं, विकासात्मक कार्य हेतु लैंड बैंक के काम तेजी से किए जा रहे हैं ताकि परियोजना के निर्माण में भूमि की समस्या न रहे। उन्होंने बताया कि जिन विभागों के पास आवश्यकता से अधिक जमीन हैं, उनकी सूची तैयार की जा रही है ताकि आवश्यकता पड़ने पर वैसे जमीन का उपयोग किया जा सके। उन्होंने डाटा एंट्री ऑपरेटर की कमी, भूमि सुधार उप समाहर्ता, गया, सदर का अपना कार्यालय न होने, वाहन की कमी इत्यादि की समस्याओं के बारे में बताया। जिला पदाधिकारी ने बताया कि दाखिल खारिज़ के काम में तेजी लाने हेतु क्षेत्र स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं। 
                   बैठक में राज्य स्तर से तीन संयुक्त स्तर के पदाधिकारी, निदेशक भू अभिलेख एवं परिमाप सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।