जीबीएम कॉलेज के शोध तथा सृजनात्मक वार्षिकांक 'गरिमा-2021' का लोकार्पण सम्पन्न*

*जीबीएम कॉलेज के शोध तथा सृजनात्मक वार्षिकांक 'गरिमा-2021' का लोकार्पण सम्पन्न*

*-'काव्यांजलि' सत्र में पढ़ी गयीं समसामयिक विषयों पर लिखित खूबसूरत स्वरचित कविताएँ*

*-प्रधानाचार्य प्रो. जावैद अशरफ़ ने 'गरिमा-2021' तथा डॉ. रश्मि प्रियदर्शनी द्वारा रचित तथा स्वरबद्ध महाविद्यालय कुलगीत को कॉलेज की अति विशिष्ट उपलब्धियाँ बतलायीं*
रिपोर्टः डीकेपंडित गयाबिहार।
*गया।* गौतम बुद्ध महिला कॉलेज के शोध एवं सृजनात्मक बहुभाषीय वार्षिकांक 'गरिमा-2021' का लोकार्पण गौतम बुद्ध महिला कॉलेज सभागार में प्रधानाचार्य प्रो जावैद अशरफ़ तथा मंचासीन प्रोफेसर्स द्वारा किया गया। प्रधानाचार्य महोदय ने मंचस्थ फैकल्टीज के साथ संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन और माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए समारोह का शुभारंभ किया। तत्पश्चात, "गरिमा" की प्रधान संपादक तथा कार्यक्रम की संयोजक-समन्वयक सह संचालक डॉ. कुमारी रश्मि प्रियदर्शनी के नेतृत्व में छात्रा ईशा शेखर, अमीषा भारती, पल्लवी, शाही प्रिया, स्वाति तथा श्रुति ने "ज्ञान दे, सुर तान दे, माँ शारदे वरदान दे" जैसी सरस्वती वंदना की सुमधुर प्रस्तुति दी। डॉ. रश्मि के ही नेतृत्व में छात्राओं ने महाविद्यालय के नवसृजित कुलगीत "गौतम बुद्ध महिला महाविद्यालय युग की शान। 'सा विद्या या विमुक्तये' की पावन वैष्णव तान" तथा स्वागत गीत, "स्वागतम, शुभ स्वागतम" की भी मंत्रमुग्ध करने वाली प्रस्तुति दी। डॉ. रश्मि के हारमोनियम के साथ तबले पर अभिमन्यु ने संगत किया। 

समारोह के अगले चरण में पत्रिका के संरक्षक प्रधानाचार्य प्रो. डॉ. जावैद अशरफ़ एवं मंचासीन अंग्रेज़ी विभागाध्यक्ष प्रो. उषा राय, पूर्व बर्सर प्रो. किश्वर जहाँ बेगम, रसायनशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो. अफ्शाँ सुरैया, नैक समन्वयक डॉ. शगुफ्ता अंसारी  तथा बर्सर-सह-अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. सहदेव बाउरी ने 'गरिमा-2021" का संयुक्त रूप से लोकार्पण किया। इस मौके पर अपने संबोधन में प्रधानाचार्य प्रो. अशरफ़ ने गरिमा-2021 के नये शोधपरक, सृजनात्मक तथा आकर्षक स्वरूप की प्रशंसा करते हुए वार्षिकांक की एडिटर-इन-चीफ तथा अंग्रेजी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रश्मि प्रियदर्शनी के प्रयासों एवं अपने आलेखों तथा रचनाओं द्वारा वार्षिकांक के प्रकाशन में योगदान करनेवाले सभी लेखकों, संपादक मंडल के सदस्यों तथा छात्राओं को शुभकामनाएं एवं धन्यवाद दिया। उन्होंने 'गरिमा-2021' तथा डॉ. रश्मि द्वारा रचित व स्वरबद्ध महाविद्यालय कुलगीत को कॉलेज की अति विशिष्ट निधि तथा उपलब्धि बतलाते हुए कहा कि 1953 में स्थापित जीबीएम कॉलेज के इतिहास में यह पहला अवसर है, जब महाविद्यालय कुलगीत की प्रस्तुति के साथ किसी कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ हो। विभिन्न क्षेत्रों में प्राप्त कॉलेज की उपलब्धियों का श्रेय प्रधानाचार्य ने अपनी लक्ष्य-प्रेरित टीम को दिया। 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रो. उषा राय, प्रो. किश्वर जहाँ बेगम, प्रो. अफ्शाँ सुरैया, डॉ. सहदेव बाउरी तथा डॉ. शगुफ्ता अंसारी, प्यारे माँझी, डॉ. जया चौधरी, डॉ. प्रियंका कुमारी  ने भी गरिमा-2021 के प्रकाशन पर डॉ. रश्मि एवं संपादक मंडल के सभी सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएँ दीं। प्रो. उषा राय, प्रो. किश्वर जहाँ बेगम तथा डॉ. शगुफ्ता अंसारी ने कॉलेज की पूर्व छात्रा रही डॉ. रश्मि से प्रेरणा लेते हुए सभी छात्राओं को नियमित रूप से कॉलेज आने, ध्यान लगा कर पढ़ने और विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का परचम लहराने हेतु शुभकामनाएं दीं।कार्यक्रम के दूसरे सत्र में 'काव्यांजलि' का आयोजन हुआ, जिसमें कॉलेज की छात्रा दीक्षा, अमीषा भारती, नमन्या, ईशा शेखर, श्रुति, प्रज्ञा भारती, दिव्या, माही राज गुप्ता, नीलम तथा नंदिनी ने ज्वलंत समसामयिक विषयों पर अंग्रेजी तथा हिन्दी में अपनी स्वरचित कविताओं का पाठ किया। प्रधानाचार्य प्रो. अशरफ़ ने अपनी शेरोशायरी से छात्राओं में नयी ऊर्जा भर डाली।

धन्यवाद ज्ञापन करते हुए डॉ. रश्मि ने प्रधानाचार्य प्रो. जावैद अशरफ़ तथा संपादक मंडल के प्रति हार्दिक आभार जताया, जिन्होंने उनकी कर्मनिष्ठा तथा समर्पण पर विश्वास करते हुए कॉलेज के इन अति महत्त्वपूर्ण कार्यों की ज़िम्मेदारी सौंपी। कार्यक्रम के आयोजन में विशेष सहयोग देने के लिए डॉ. रश्मि ने डॉ. नगमा शादाब, डॉ. अनामिका कुमारी, डॉ अमृता घोष, डॉ. शिल्पी बनर्जी तथा सभी शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मियों एवं प्रतिभागी छात्राओं के प्रति हार्दिक कृतज्ञता जतायी। उन्होंने घोषणा की कि काव्यांजलि में प्रस्तुत सभी रचनाओं को गरिमा-2022 के अंक में शामिल किया जायेगा। कार्यक्रम में डॉ फरहीन वज़ीरी, डॉ रुखसाना परवीन, प्रीति शेखर, डॉ. बनिता कुमारी, रौशन कुमार, अभिषेक कुमार, अभिषेक कुमार 'भोलू', नीरज कुमार,  सुनील कुमार, संजू, अजय कुमार, सुरेन्द्र कुमार, राजेश कुमार, विक्रम कुमार तथा सुधीर कुमार के अतिरिक्त सैकड़ों छात्राओं की उपस्थिति रही।