छत्रसाल महाविद्यालय में राष्ट्रीय संगोष्ठी हुई संपन्न।

छत्रसाल महाविद्यालय में राष्ट्रीय संगोष्ठी हुई संपन्न।

शासकीय छत्रसाल महाविद्यालय पिछोर जिला शिवपुरी में 30 जनवरी 2023 को राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठीऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों माध्यम से आयोजित की गई जिसका विषय  "उच्च शिक्षा के सामाजिक सरोकार विज्ञान, साहित्य एवं संस्कृति के विशेष संदर्भ में रहा। "संगोष्ठी का आयोजन  महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ एसएस गौतम के निर्देशन एवं श्री अमित पड़ेरिया अध्यक्ष जनभागीदारी के संरक्षण में किया गया। संगोष्ठी विश्व बैंक परियोजना एवं IQAS के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित की गई। संगोष्ठी के आरंभ में मंचस्थ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती का पूजन अर्चन एवं माल्यार्पण किया गया।संगोष्ठी की प्रस्तावना महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ एसएस गौतम ने रखी संगोष्ठी का संचालन श्रीमती दीक्षा ताम्रकार डॉक्टर अक्षय कुमार जैन एवं डॉक्टर कमल किशोर यादव ने किया। संगोष्ठी में आभार ज्ञापन संगोष्ठी के आयोजन सचिव डॉ केशव सिंह जाटव के द्वारा व्यक्त किया गया। संगोष्ठी कुल 5 सत्रह में आयोजित की गई जिसमें पहला सत्र उद्घाटन सत्र तथा तीन सत्र  तकनीकी सत्र आयोजित हुए जिसमे दो सत्र ऑफलाइन रहे एवं तीसरा सत्र ऑनलाइन रहा और अंतिम सत्र समापन सत्र के रूप में आयोजित किया गया।संगोष्ठी में उद्धघाटन सत्र में  मुख्य अतिथि के रूप में जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर के कुलपति प्रोफेसर अविनाश तिवारी  उपस्थित रहे जिन्होंने अपने उद्बोधन में लर्निंग की बात कही टीचिंग एवं लर्निंग को साथ साथ चलना चाहिए साथ ही उन्होंने कहा कि शिक्षक को छात्रों को लोकेट करना चाहिए। महाविद्यालय के प्रत्येक कार्य की विजिबिलिटी बढ़ाने की बात कही। कुलपति महोदय ने दो पुस्तकों जिसमें डॉक्टर कमल किशोर यादव का कविता संग्रह "इस कुहासे को छंटने दो" एवं डॉक्टर बाबूलाल कुमारे की पुस्तक दिव्यांग जनों के सशक्तिकरण के प्रयास झाबुआ जिले के विशेष संदर्भ में" का विमोचन भी किया। संगोष्ठी में की- नोट स्पीकर के रूप में डॉ कमलेश थापक (प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष संस्कृत विभाग चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय सतना )उपस्थित रहे वहीं मंच पर विशेष अतिथि के रूप में महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति  के अध्यक्ष श्री अमित पड़ैरिया जी उपस्थित रहे उन्होंने कुलपति महोदय का स्वागत किया।वहीं आमन्त्रित विशेज्ञों के रूप में  रूप में  डॉ बृजेंद्र सिंह बौद्ध (प्रोफेसर बुंदेलखंड महाविद्यालय झांसी) उपस्थित रहे इसके साथ ही डॉक्टर केदारनाथ परौहा (श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ नई दिल्ली) डॉक्टर आरपी गुप्ता (सेवानिवृत्त प्राध्यापक संस्कृत जिला दतिया) डॉक्टर बाबू लाल मीणा (एम. एस.जे. शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय भरतपुर, राजस्थान) डॉक्टर रत्नशील राजवर्धन रमेश (बौद्ध विश्वविद्यालय सांची) डॉ. रामहेत  गौतम (डॉ हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर)  प्रोफेसर महेंद्र कुमार जाटव (प्राचार्य शासकीय पीजी महाविद्यालय शिवपुरी) डॉक्टर एन.के. जैन (प्राचार्य शासकीय कन्या महाविद्यालय शिवपुरी),डॉक्टर ए. पी. गुप्ता (प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय पोहरी), डॉक्टर किशोर अरोरा( शासकीय पीजी महाविद्यालय मुरैना), डॉ मुकेश शर्मा (शासकीय केआरजी महाविद्यालय ग्वालियर),डॉक्टर आरपी सिंह (शासकीय पीजी महाविद्यालय मुरैना)
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प्रोफेसर सुशील कुमार शर्मा (विभागाध्यक्ष हिंदी विश्वविद्यालय मिजोरम केंद्रीय विश्वविद्यालय आइजोल), डॉक्टर ब्रजलता शर्मा (प्रोफ़ेसर हिंदी विभाग, हिमालयन गढ़वाली विश्वविद्यालय उत्तराखंड)
 जैसी तमाम शिक्षा जगत की शख्शियतों ने इस संगोष्ठी में शिरकत की जिनका  विविध विषयों पर  मार्गदर्शन एवं बौद्धिक प्राप्त किया। निश्चित ही इस संगोष्ठी से अंचल के तमाम विद्यार्थी एवं शोधार्थी ज्ञान रूपी सरोवर में आकंठ डूबकर विषय अमृत की संपदा से तृप्त हुए। संगोष्ठी के आयोजन सचिव डॉ केशव सिंह जाटव रहे एवं  संगोष्ठी के संयोजक एवं IQAS समन्वयक डॉक्टर अक्षय कुमार जैन रहे इसके साथ ही सह सचिव डॉ अंजू सिहारे संयुक्त सचिव डॉ करण सिंह जाटव रहे। उक्त जानकारी संगोष्ठी के आयोजन सचिव डॉ केशव सिंह जाटव के द्वारा दी गई।