बिहार कि शिक्षा व्यवस्था बदहाल,राज्य सरकार की चुप्पी शर्मनाक:- अभाविप


बिहार कि शिक्षा व्यवस्था बदहाल,राज्य सरकार की चुप्पी शर्मनाक:- अभाविप 
 रिपोर्टः डीकेपंडित गयाबिहार
अखिल भारतीय विधार्थी परिषद, बिहार के विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ताहीन तथा बदहाल स्थिति पर गम्भीर चिन्ता व्यक्त करती है। बिहार के राज्य विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र में विलंब,अकादमिक अव्यवस्थाओं तथा अकादमिक व वित्तीय भष्ट्राचार से स्थिति बद से बदहाल हो चुका है और इस कारण राज्य का युवा अपने भविष्य को लेकर अत्यन्त आशंकित एवं चिन्तित है।

बिहार के अलग अलग जिलों में स्थित महाविद्यालयों तथा विश्वविद्यालयों शैक्षणिक सत्र दाई वर्ष से भी जादा विलंबित चल रहे तथा विधार्थीयों को तीन वर्षिय पाठ्यक्रमों को पूर्ण करने में 6 वर्ष तक लग रहे है। इस समस्या के साथ ही बुनियादी ढांचा न होने, भष्टाचार आदि से स्थिति और भी अधिक दयनीय है। अभाविप आग्रह करती है कि शिक्षा क्षेत्र के सभी हितधारक, बिहार की दयनीय शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए आगे आए।

अभाविप के बिहार प्रदेश के सह-मंत्री सूरज सिंह ने कहां की बिहार में नीतीश कुमार की अव्यवस्थाओं तथा अदूरदर्शिता के कारण शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है तथा युवाओं का भविष्य अंधकारमय हो गया है। बिहार सरकार की शिक्षा क्षेत्र को लेकर की जा रही लापरवाही अपराधिक कृत्य है। अभाविप कि मांग है कि सत्र को मिशन मोड पर दुरूस्त किया जाए तथा युवाओं की आशाओं के अनुरूप शिक्षा व्यवस्था में सुधार हो साथ ही अविलंब मगध विश्वविद्यालय कि शिक्षा व्यवस्था को सुधारा जाए में विश्वविद्यालय- महाविद्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार को दुर करने के लिए कठोर कदम उठाए जाए।

वही विभाग संगठन मंत्री पशुपतिनाथ उपमन्यु ने कहां कि बिहार में नालंदा विश्वविद्यालय आदि शिक्षण संस्थान देश ही नही विश्व में अग्रणी थे, लेकिन अब बिहार में स्थिति ठीक उल्टा है। बिहार सरकार तथा बिहार राज्यभवन, को राज्य की शिक्षा व्यवस्था की समस्याओं को लेकर मौन तोड़ना होगा। राज्य के 17 में से लगभग 12 विश्वविद्यालयों के सत्र विलंब से चल रहें है, पुस्तकालयों की स्थिति दयनीय है, परिणाम घोषित करने में देरी हो रही और नई आवश्यकताओं की पूर्ति करने में पाठ्यक्रम सक्षम नही है। अभाविप राज्य सरकार से मांग करती है कि उपयुक्त समस्याओं का शीघ्र निदान करें।