मगध साहित्य उत्सव।देश के चर्चित साहित्यकारों ने गांव की वादियों में किया साहित्य पर चर्चा

मगध साहित्य उत्सव।देश के चर्चित साहित्यकारों ने गांव की वादियों में किया साहित्य पर चर्चा
रिपोर्टः डीकेपंडित गयाबिहार
खिजरसराय के खैरा गांव में दो दिवसीय मगध साहित्य उत्सव का आयोजन सांस्कृतिक संस्था सनातन जागृति मंच ने किया। जिसका उद्घाटन पद्मश्री उषा किरण खान, प्रो जितेंद्र श्रीवास्तव, ममता मेहरोत्रा, पंडित मात्रो प्रसाद मिश्रा व सनातन जागृति मंच के संस्थापक शशि शेखर शर्मा द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। सभी अतिथियों का सम्मान अमृति चिन्ह व अंगवस्त्रम से शशि शेखर शर्मा व कुंदन कुमार ने किया। मंच का संचालन युवा कवयित्री निधि राज ने किया।

इस अवसर पर कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रसिद्ध साहित्यकार पद्मश्री उषा किरण खान ने कहा कि 
हर विचार की चर्चा होनी चाहिए। गाँव मे साहित्य का उत्सव  का मतलब साहित्य से गांव को जोड़ने का अनुपम प्रयास है। मगध राष्ट्र निर्माण  व शौर्य के लिए जाना जाता है यहां से गांव में साहित्य उत्सव की शुरुआत एक प्रस्थान विंदु है। यह एक सुखद संदेश देती है। क

नई दिल्ली में इग्नू, अंतररष्ट्रीय प्रभाग के निदेशक व प्रसिद्ध कवि, आलोचक जितेंद्र श्रीवास्तव के कहा कि साहित्य अपने आपको खोजने के प्रक्रिया है! साहित्य अहंकार से मुक्त करता है। कवि होना मनुष्य होने की एक प्रक्रिया है। 

प्रतिष्ठित साहित्यकार, शिक्षाविद और समाजसेविका ममता मेहरोत्रा ने कहा कि मगध के कण कण में अभी भी विराजमान है साहित्य। अभी भी मगध में जिंदा है देहातीपन। हम लोग कहीं भी रहें पर अभी भी हैं गांव का लड़का और गांव की लड़की। 

साहित्य उत्सव का पहला सत्र भारत का अमृतकाल पर केंद्रित था जिसमें शिक्षा, अर्थव्यवस्था,विदेशनीति व खेल पर केंद्रित था। जिसका संचालन विचारक व संस्था के अध्यक्ष शशि शेखर शर्मा व अतिथि साहित्यकार थे प्रसिद्ध साहित्यकार प्रो जितेंद्र श्रीवास्तव और प्रसिद्ध आलोचक प्रो अरुण होता।  एक सवाल के जबाव में प्रो श्रीवास्तव ने कहा कि महापुरुषों की कमियां गिनना छोड़ें उनके जीवन की सकारात्मकता को जीवन में उतारने के प्रयास हों।

इसके बाद बिहार के जानी पहचानी लोक गायिका नीतू कुमारी नवगीत के गीतों से पूरा पंडाल भावविभोर हो गया।
तीसरा सत्र समकालीन हिंदी साहित्य में गाँव का संचालन चर्चित युवा साहित्यकार कृपा शंकर मिश्र ने किया व अतिथि थे कलकत्ता से आये प्रो अरुण होता व डॉ भावना शेखर।

पंडित सतीश चंद्र मिश्र के लोक गायक से पूरा पंडाल गुंजायमान रहा।

अलंगों आरियों पगडंडियों से गाँव का लड़का, शहर के चौक ऊँचे मंजिलों से गांव का लड़का, जो नासा, इसरो, गूगल सहित, मेटा को भी भाए वो दिल से है अभी भी खिड़कियों सा गाँव का लड़का सुनाकर नालंदा के देश भर में चर्चित कवि संजीव मुकेश ने खूब तालियाँ बटोरी।
देश भर से आये कवियों ने अपने हास्य-व्यंग्य से लोगों को खूब गुदगुदाया। प्रयासराज से से आये कवि श्लेष गौतम, मेरठ से आये प्रतीक गुप्ता ने खूब गुदगुदाया। जबलपुर की मणिका दुबे और प्रशांत बजरंगी ने शानदार कव्यपाठ किया।

 

लोक गायिका नीतू के होली गीतों पर झूमे श्रोता 


 मगध साहित्य उत्सव में बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका डॉ नीतू कुमारी नवगीत ने पारंपरिक होली गीतों से रंग जमाया। मगध साहित्य उत्सव के आयोजन को एक ऐतिहासिक आयोजन बताते हुए डॉ नीतू कुमारी नवगीत ने कहा कि खैरा गांव में हुए इस आयोजन की गूंज पूरे देश में है। साहित्य और संस्कृति गांवों में प्राकृतिक तरीके से फलती-फूलती है। गांव का साहित्य और गांव की संस्कृति ऑर्गेनिक होते हैं जिन का साइड इफेक्ट नहीं होता है। स्टूडियो में जाकर संगीत की आत्मा कसमसाने लगती है।
कार्यक्रम में डॉ नीतू कुमारी नवगीत ने होलिया में उड़ेला गुलाल, बाबा हरिहर नाथ सोनपुर में होली खेले, होरी खेले रघुवीरा अवध में और मुझे मार न ऐसे गुलाल से रंग बरसे राधा के गाल से जैसे गीत गाकर पूरे माहौल को होलीमय कर दिया। उनके कार्यक्रम के दौरान श्रोता लोकगीतों की बारिश में भीगते रहे और आनंदित होते रहे। कार्यक्रम में डॉ नीतू कुमारी नवगीत के साथ अशोक कुमार ने बैंजो पर, पैड पर धनंजय कुमार, अनिरुद्ध कुमार ने नाल पर, रिशु कुमार ने कैसियो पर, ने संगत किया।