टीबी रोगियों की हो रही खोज, जनवरी में 540 लोग टीबी से ग्रसित मिले

टीबी रोगियों की हो रही खोज, जनवरी में 540 लोग टीबी से ग्रसित मिले

निजी स्वास्थ्य संस्थान भी टीबी मरीजों का निक्षय पोर्टल पर करें रजिस्ट्रेशन
रिपोर्टः डिकेपंडित गयाबिहार।
गया, 1 मार्च: राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिला में टीबी रोग को दूर करने के लिए ऐसे रोगियों की पंचायत स्तर पर स्वास्थ्यकर्मियों की मदद से खोज की जा रही है. टीबी मरीजों को चिन्हित करते हुए उन्हें आवश्यक जांच और इलाज की सुविधा प्रदान करने की हरसंभव कोशिश की जा रही है. वहीं स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारियों का यह भी निर्देश है कि निजी स्वास्थ्य संस्थान द्वारा ऐसे व्यक्ति जिन्हें टीबी है, चिन्हित किया जाता है तो उन्हें भी निक्षय पोर्टल पर रजिस्टर किया जाये. इससे रोगियों को योजनाओं के लाभ मिलने में सहुलियत होगी.

जनवरी माह में मिले 540 टीबी के रोगी.
टीबी विभाग से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष के जनवरी माह में जिला में 540 टीबी मरीजों को चिन्हित किया गया. इनमें सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में 256 टीबी मरीजों को चिन्हित किया गया, जबकि निजी स्वास्थ्य संस्थानों में जांच के क्रम में 284 लोग टीबी से ग्रसित पाये गये. शेरघाटी प्रखंड में 46, सदर प्रखंड में 277, मानपुर में 24, इमामगंज में 28, फतेहपुर में 29, आमस में 10, बोधगया में 22, गुरारू में नौ, टिकारी में 15, डोभी में आठ, अतरी में चार, बाराचट्टी में सात, मोहनपुर में 10, गुरुआ में नौ, परैया में पांच, बेलागंज में दस, वजीरगगंज में नौ, खिजरसराय में छह, टनकुप्पा में चार, डुमरिया में तीन, मोहरा में दो तथा नीमचक बथानी, बांकेबाजार तथा कोंच प्रखंड में एक—एक लोग टीबी मरीज के रूप में चिन्हित किये गये हैं. टीबी मरीजों को चिन्हित करने के लक्ष्य का 74 प्रतिशत प्राप्त किया गया. टीबी मरीजों को एचआईवी संक्रमण का बड़ा खतरा रहता है. इसे देखते हुए सभी टीबी मरीजों का एचआईवी जांच भी किया जाता है. जनवरी माह में कुल चिन्हित टीबी मरीजों में से दो ऐसे टीबी मरीजों को भी चिन्हित किया गया जिन्हें एचआईवी से संक्रमित हैं.

क्या कहते हैं टीबी नोडल अधिकारी:
जिला संचारी रोग पदाधिकारी सह टीबी नोडल अधिकारी डॉ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि अन्य राज्यों से होली में प्रवासी मजदूर वापस अपने घर आयेंगे. इस बीच टीबी जांच की प्रक्रिया को और अधिक गति देते हुए टीबी रोगियों को चिन्हित करने का काम किया जायेगा. कई मरीज टीबी के इलाज कराने के बाद मजदूरी के लिए बाहर चले जाते हैं. ऐसे लोगों को भी चिन्हित करते हुए स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली जायेगी. निजी स्वास्थ्य संस्थानों को भी कहा गया हे कि यदि टीबी के मरीज मिलते हैं तो उसका रजिस्ट्रेशन निक्षय पोर्टल पर अवश्य करें ताकि उन्हें सरकारी लाभ दिलाया जा सके.