प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले के स्मृति पर 'महिला सशक्तिकरण व नारी शिक्षा' पर संगोष्ठी का आयोजन

प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले के स्मृति पर 'महिला सशक्तिकरण व नारी शिक्षा' पर संगोष्ठी का आयोजन

 सामंती विचारधारा के खिलाफ आवाज बुलंद कर नया इतिहास गढ़ी है सावित्रीबाई फुले :वीरेंद्र अर्जक

 रिपोर्टःडीकेपंडित गयाबिहार


गया।भारत की प्रथम महिला शिक्षिका माता सावित्रीबाई फूले व फातिमा शेख के स्मृति पर प्रखंड के सामाजिक संगठन लोक मंच के तत्वावधान में जिले के बाराचट्टी प्रखंड के बलथर (कलवर) गांव स्थित मध्य विद्यालय के प्रांगण में समाजसेवी हेमंती देवी की अध्यक्षता में 'महिला सशक्तिकरण एवं नारी शिक्षा' विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद मंच के निदेशक फादर अंटो ने कहा कि माता सावित्रीबाई फूले ने विपरीत परिस्थितियों में नारी शिक्षा के प्रति कार्य कर समता व समरस समाज के निर्माण का कार्य की। जिसका परिणाम हुआ कि शिक्षा से वंचित समाज में आत्मसम्मान के साथ जीने का अवसर मिला है। वही मानववादी चिंतक वीरेंद्र अर्जक ने कहा कि सत्यशोधक समाज के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाने वाली माता सावित्रीबाई फूले व शेख फातिमा ने समाज में फैले पाखंड व कुरीतियों के साथ-साथ सामंती विचारधारा वाले लोगों के खिलाफ आवाज बुलंद कर एक नया इतिहास गढ़ी है जिसे भुलाया नहीं जा सकता।इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करने वाले अन्य लोगों में मौलाना मो. अली जौहर फाउंडेशन के अध्यक्ष अबुल फरहा, पूर्व मुखिया राजकुमार यादव ,सामाजिक कार्यकर्ता श्याम बिहारी सिंह, बृज रविदास, संगीता कुमारी, चंद्रिका दास, रामाशीष यादव ,प्रतिमा देवी, ममता देवी, गुड़िया देवी आदि शामिल थे।मंच का संचालन विनोद दास ने की।