अवस्थित मगध सांस्कृतिक केंद्र के मंच पर उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के पांच दिवसीय नाट्य समारोह के समापन

 

अवस्थित मगध सांस्कृतिक केंद्र के मंच पर उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के पांच दिवसीय नाट्य समारोह के समापन।

 

आज दिनांक 20 मार्च 2023 

रिपोर्ट डीकेपंडित गयाबिहार

गया संग्रहालय गया में अवस्थित मगध सांस्कृतिक केंद्र के मंच पर उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के पांच दिवसीय नाट्य समारोह के समापन समारोह के अवसर पर दीपक चंद्र देव सहायक निर्देशक सूचना जन संपर्क विभाग  गया, अभिषेक कुमार एनडीसी गया,जाने-माने स्थानीय व वरिष्ठ रंगकर्मी सामाजिक कार्यकर्ता निदेशक शम्भू सुमन वरिष्ठ रंगकर्मी, एस एन गुर्जर ,तनु कुमारी, शिल्पी कुमारी ,अक्षय कुमार ने अमूल्य योगदान उपस्थिति दे कर कार्यक्रम को सफल बनाया मंच संचालन अजय गुप्ता कार्यक्रम आदिवासी उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र तथा संपूर्ण व्यवस्था मनोज कुमार कार्यक्रम समन्वयक उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र द्वारा की गई आज समारोह के समापन दिवस 203 2023 को सायं 6:00 बजे से रंग दूध सीधी मध्य प्रदेश द्वारा परसोनी लिखित निर्देशित नाटक हिरण खिलौना की प्रस्तुति हुई नाटक बघेलखंड के घरेलू उत्सवों में महिलाएं पूरी बोलते हुए उबाऊ काम को रोचक बनाने के लिए कई गीत गाती हैं उन्हीं में से एक लोकगीत है बेलन हाई उन्हीं में से गीता हाथ वाली हैवान राजा हिरनी मारे इसी गीत से प्रेरणा लेकर यह नाटक रचा गया जिसमें एक राज्य में अभी-अभी जन्मे राजकुमार का अन्नप्राशन संस्कार होना है राशन में हिरण का मांस पकाने के लिए सैनिक राज्य उद्यान के हिरण को उठाकर मार देते हैं हिरणी अपने हिरण की खोज से व्याकुल भटकती रहती है यह पता चलने पर कि अब इस दुनिया में नहीं रहा रानी से न्याय मांगना चाहती है लेकिन रानी से मिल नहीं पाती तब हिरनी हिरण की खाल की मांग करती है पर खाल से राजकुमार के लिए खंजरी और खिलौना बनाया जा चुका था खिलौने और को पाने के लिए राज्य सत्ता और तंत्र से लड़ाई लड़ती है इधर राजकुमार रघुराई बड़े होते हैं और हिरनी को वर्षों बाद में मिलती है लेकिन हिरनी एक बच्चे की मुस्कान के लिए बरसों से अंत 1000 के बाद मिला खिलौना और बिछोना त्याग देती है और पार्षद में गीत भरता है झोपड़ी के सामने झुके किलो की शान कोशिश करो बची रहे चेहरों का मुस्कान पात्र परिचय इस प्रकार है हिरनी भारती शर्मा सोनी हिरण राजेंद्र त्रिवेदी रानी मां पूनम दहिया जागृति गुप्ता परिचारिका श्रुति सिंह परिहार सैनिक रवीश मिश्रा सैनिक रोशन अवधिया सुनील रावत तस्कर कुलदीप सोनी युवराज रघुराई हर सोनी अनंत मिश्रा मल्ला जितेंद्र देव पांडे राहुल गुप्ता तस्कर दो पीयूष तिवारी बच्चा आयन सोनी साक्षी सोनी आदि ने अपने अभिनय से दर्शकों को अभिभूत किया और तालियों की गड़गड़ाहट के बीच यह नाटक इसी पड़ाव पर रुकता है और न समारोह भी अपने आज का समापन समारोह के पड़ाव पर यहां पर अपना विराम लेता है नमस्कार। उत्तर मध्य सांस्कृतिक केंद्र की इस पांच दिवसीय नाट्य समारोह की परिकल्पना केंद्र के निदेशक प्रोफेसर सुरेश शर्मा की है जिसे सफल बनाने का मुख्य श्रेय श्रीमती वंदना प्रेयसी सचिव श्री वीरेंद्र प्रसाद निदेशक कला संस्कृति एवं युवा विभाग बिहार सरकार एवं जिला प्रशासन गया के साथ-साथ गया के कला प्रेमियों को जाता है साथी स्थानीय वरिष्ठ रंगकर्मी शंभू सुमन जी ने इसमें अपना अहम योगदान दिया है।