विशेष शिविर के पाँचवे दिन जीबीएम कॉलेज की स्वयंसेवकों ने स्कूली बच्चों को बतलाया मोटे अनाज का महत्व*

*विशेष शिविर के पाँचवे दिन जीबीएम कॉलेज की स्वयंसेवकों ने स्कूली बच्चों को बतलाया मोटे अनाज का महत्व*
रिपोर्टः डां०डीकेपंडित गयाबिहार
गया। गौतम बुद्ध महिला महाविद्यालय की एनएसएस इकाई ने सप्तदिवसीय विशेष शिविर के पाँचवे दिन प्रधानाचार्य प्रो डॉ जावैद अशरफ़ के संरक्षण तथा एनएसएस पदाधिकारी डॉ प्रियंका कुमारी के समन्वयन में चित्रगुप्त मध्य विद्यालय में स्कूली बच्चों के बीच जाकर ज्वार, बाजरा, रागी, कोदो, कुटकी, कंगनी, चेना, सांवा जैसे मोटे अनाजों के फायदों से परिचित करवाया। पीआरओ डॉ रश्मि प्रियदर्शनी ने बतलाया कि चुकि संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 2023 को 'अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष' (इन्टरनेशनल ईयर अॉफ मिलेट्स) घोषित किया गया है, कॉलेज की स्वयंसेवक शाही प्रिया, शिल्पा, ईशा शेखर, प्रियांशा, पीहू, सत्या, नमन्या, अमीषा, रिया, प्रगति, जूही, रिशिका, रागिनी, नेहा, अनू, विद्या प्रभा, दिव्य प्रभा, मुस्कान आदि ने छात्र-छात्राओं को डिमॉन्स्ट्रेशन विधि से सभी तरह के मोटे अनाजों से मिलने वाली स्वास्थ्यवर्द्धक पौष्टिकता के बारे में बतलाया। स्कूली बच्चों ने बड़े ही गौर से स्वयंसेवकों की बातों को सुन-समझकर कर मिलेट्स पर आयोजित इस जागरूकता कार्यक्रम का लाभ उठाया।

ज्ञात हो कि जहाँ बाजरा लौह लवण से भरपूर होने की वजह से शरीर में खून की कमी को दूर करता है, वहीं ज्वार शरीर की हड्‌डियों के लिए अच्छी मात्रा में कैल्शियम व रक्त के लिए फॉलिक एसिड के अलावा कई अन्य पोषक तत्व प्रदान करता है। मोटे अनाजों के सेवन से बढ़ते वजन पर नियंत्रण हासिल करना सरल हो जाता है तथा ये अनाज हृदय एवं उदर की बीमारियों को भी दूर रखने में प्रभावी होते हैं।