स्वस्थ और सुरक्षित भविष्य के लिए "दो बूंद जिंदगी की" जरूरी: डीएम

स्वस्थ और सुरक्षित भविष्य के लिए "दो बूंद जिंदगी की" जरूरी: डीएम

मधेपुरा बिहार 

जिला ब्यूरो अमीर आजाद 

•पांच दिवसीय पल्स पोलियो अभियान का हुआ शुभारंभ

•घर घर जाकर बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाएंगी आशा व सेविका

बच्चों को दो बूंद जिंदगी की पिलाएं और उनके जीवन को खुशहाल बनाएं। पोलियो उन्मूलन के लिए चलाये जा रहे इस अभियान का हिस्सा बने और अपने बच्चों की पोलियो की खुराक दिलाना ना भूलें। उक्त बातें जिलाधिकारी श्याम बिहारी मीना ने सदर अस्पताल में रविवार को पांच दिवसीय पल्स पोलियो अभियान के शुभारंभ करते हुए कही। उन्होंने कहा कि 5 वर्ष से कम आयु के अपने बच्चों को पोलियो की सभी खुराक समय पर दिलवाएँ। स्वस्थ और सुरक्षित भविष्य के लिए "दो बूंद जिंदगी की" जरूरी है। सजग बने पोलियो को लौटने का मौका न दें और अपने बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाएं। डीएम  ने कहा कि जिले में 5 दिनों तक पल्स पोलियो अभियान चलाया जाएगा । अभियान के तहत आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी सेविका घर-घर जाकर शून्य से 5 साल तक के बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाएंगी। इसको लेकर माइक्रो प्लान भी तैयार किया गया है। माइक्रो प्लान के अनुसार अभियान को सफल बनाया जाएगा। साथ ही इन कर्मियों की मानिटरिंग एवं अभियान का सफल संचालन के लिए सुपरवाइजर एवं माॅनीटर की तैनाती की गई है। अभियान के दौरान इस बात का ख्याल रखा जाएगा कि एक भी बच्चा पोलियो की दो बूँद दवा पीने से छूटे नहीं। इस मौके पर सिविल सर्जन भी मौजुद थे। 
 घर-घर जाकर बच्चों को पिलाई जाएगी पोलियो की दो बूँद दवा : जिलाधिकारी
डीएम  ने बताया कि पल्स पोलियो अभियान की ड्यूटी में लगे ऑगनबाड़ी सेविका, आशा समेत अन्य कर्मी घर-घर जाकर पाँच वर्षों तक के बच्चों को पोलियो की दो बूँद दवा पिलाऐंगे। साथ ही दवा पिलाने के बाद बच्चों का नाम, बच्चे के माता-पिता का नाम, गृह संख्या आदि विभाग द्वारा दी गई फारमेट में भरेंगे। साथ ही बाहर गये बच्चों का भी पूरी जानकारी लेकर फारमेट में भरेंगे और देर शाम दिन भर के कार्यों की रिपोर्ट स्थानीय पीएचसी में जमा करेंगे। 

चौक-चौराहे से लेकर स्टेशन पर भी दवा पिलाने के लिए कर्मी रहेंगे तैनात:
दरअसल, एक भी बच्चा छूटने पर वायरस फैलने का प्रबल संभावना रहता है। इसको लेकर जिले के चौक-चौराहे, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन आदि जगहों पर दवा पिलाने के लिए कर्मियों की तैनात किए गए हैं। जो बाहर से आने-जाने वाले यानी सफर कर रहे बच्चे को दवा पिलाऐंगे। ताकि सफर पर निकले बच्चे वंचित  नही रहे। साथ ही दवा पिलाने के बाद बच्चों के अंगुली में निशान भी लगाया जाएगा। ताकि किसी भी बच्चे को भूलवश जाने-अनजाने में दोबारा दवाई नही पिलाई जा सकें