मुकेश प्रजापति खनियाधाना :– ग्राम पंचायत पोठयाई में पिछले 7 दिवस से चल रही संगीतमय श्रीमद् भागवत जी कथा का भव्य आयोजन का आज विश्राम और समापन हुआ !कथा व्यास श्री सुनील शास्त्री जी महाराज द्वारा कथा के माध्यम से भक्तों को जीवन में उतारने के लिए अनेक संदेश दिए! सुदामा चरित को कथा पंडाल में बनाए हुए मंच पर पात्रों के द्वारा नाट्य मंचन भी कथा के तारतम्य में साथ-साथ चल रहा था! सुदामा कृष्ण-मित्रता की कथा के माध्यम से बड़ा ही मार्मिक भावनात्मक वर्णन किया गया! सुदामा जी गरीब होते हुए भी स्वाभिमान का संदेश दिया ,वही कृष्ण और सुदामा के माध्यम से मित्रता की गहराई का सुंदर नाट्य मंचन के साथ संगीतमय कथा का रसास्वादन एवं अमृत पान उपस्थित भक्तों को कराया गया !शास्त्री जी ने बताया की प्रभु के दरबार में मंदिर में पहुंचे हुए भक्तों को प्रभु कुछ न कुछ अवश्य देते हैं, प्रभु देते हुए दिखाई नहीं देते और भक्त लेता हुआ दिखाई नहीं देता लेकिन भक्तों की आवश्यकता के अनुसार पूर्ति होती हुई दिखाई देती है ! सूत जी ने राजा परीक्षित से सातवें दिन की कथा के उपरांत पूछा की राजन अब मरने के लिए तैयार हो जाओ ऋषि के श्राप के अनुसार यह आपका अंतिम दिन है, कैसा लग रहा है! तब राजा परीक्षित ने कहा जी महाराज मैं तो आत्मा हूं, मुझे अब मरने का कोई भय नहीं रहा, जन्म और मृत्यु तो अटल है! श्रीमद् भागवत कथा सुनने के उपरांत मेरे मन में कोई भय नहीं रहा है! तब शास्त्री जी बताते हैं कथा सुनने के पूर्व राजा परीक्षित के मन में मृत्यु का डर था, लेकिन कथा सुनने के बाद डर जाता रहा क्योंकि प्रभु की दिव्य ज्योति अंततः श्रीमद् भागवत महाग्रंथ मैं समाहित है साथ ही तमाम धनसंपदा होने पर भी जिसके मन में संतोष धन नहीं है !उसका जीवन व्यर्थ है !अंत में वृंदावन धाम के सुनील शास्त्री जी एवं मूल पाठकर्ता श्री प्रमोद शास्त्री जी का माल्यार्पण कर स्वागत और अभिनंदन पाठयाई के यजमान परिवार के बुजुर्ग वीर सिंह यादव, सरपंच परमाल सिंह यादव, शोभाग सिंह, राजेंद्र सिंह, नेरपाल सिंह, छोटे सिंह, महेंद्र सिंह आदि भक्तों द्वारा किया गया !शास्त्री जी द्वारा सभी को आशीर्वाद प्रदान किया ! कथा श्रवण उपरांत आरती में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित डॉक्टर लिटोरिया,शिक्षक राजेश देव पांडे, सांसद प्रतिनिधि रामकरण सिंह यादव एवं बड़ी संख्या में महिलाएं ,पुरुष और बच्चे उपस्थित रहे!