जनता दरबार में करीब 100 व्यक्तियों के मामले को गंभीरता पूर्वक सुनते हुए संबंधित पदाधिकारियों को जांछ के दिया निर्देशःडीएम

जनता दरबार में करीब 100 व्यक्तियों के मामले को गंभीरता पूर्वक सुनते हुए संबंधित पदाधिकारियों को जांछ के दिया निर्देशःडीएम   
रिपोर्टः डीकेपंडित गयाबिहार।                                                              गया। ज़िला पदाधिकारी के जनता दरबार कार्यक्रम रद्द (स्थगित) रहने के बावजूद लोग दूर-दराज इलाके से समाहरणालय आ गए थे। ज़िले पदाधिकारी ने अति व्यस्ततम समय निकालकर आये व्यक्तियों के समस्याओं को सुना गया एवं समाधान किया गया।*
      जनता दरबार में करीब 100 व्यक्तियों के मामले को गंभीरतापूर्वक सुनते हुए संबंधित पदाधिकारियों को प्राप्त आवेदनों को जांच यथाशीघ्र कराते हुए जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। आवेदकों के कई मामलों में जिला पदाधिकारी द्वारा जिले के वरीय पदाधिकारी द्वारा मामले को जांच करने का भी जिम्मा दिया गया है।
      जनता दरबार में प्रधानमंत्री आवास से संबंधित आए मामलों को जिला पदाधिकारी ने उप विकास आयुक्त को संबंधित आवेदनों को यथाशीघ्र जांच करते हुए पात्रता रखने वाले व्यक्तियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलवाना सुनिश्चित कराएंगे।
       जनता दरबार में कई व्यक्तियों ने भूमि विवाद, आपसी बटवारा, अतिक्रमण, जमीन संबंधी दिक्कते आदि से संबंधित आवेदन दिए। उन सभी आवेदन के आलोक में जिला पदाधिकारी ने संबंधित अंचलाधिकारी तथा थानाध्यक्ष एवं अनुमंडल पदाधिकारी तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के अध्यक्षता में थाना स्तर एवं अनुमंडल स्तर पर प्रत्येक शनिवार को आयोजित होने वाले जनता दरबार में दोनों पक्षों के व्यक्तियों को बुलाकर संबधित मामलों का तेजी से निराकरण कराने का निर्देश दिए।
       आवेदक मिथिलेश कुमार जो परैया अंचल के निवासी है उन्होंने बताया कि सर्वोच्च नामक कर्मचारी पिछले 1 साल से म्यूटेशन को लंबित रखा है अनेकों बार अंचल कार्यालय दौड़ने के बावजूद भी अब तक म्यूटेशन कायम नहीं किया है। जिला पदाधिकारी ने अंचल अधिकारी परैया को निर्देश दिया कि संबंधित कर्मचारी का कार्यकलाप का जांच करते हुए रिपोर्ट दे।
       मोहनपुर के आवेदक ने बताया कि गुनियावा पैन की जमीन का परवाना रद्द करने के बजाय बंदोबस्त किया गया है। जबकि उक्त पैन से ही सैकड़ों खेतों की सिंचाई होते आ रही है। जिला पदाधिकारी ने अंचल अधिकारी मोहनपुर को फटकार लगाते हुए भूमि सुधार उप समाहर्ता शेरघाटी को निर्देश दिया कि संबंधित पैन के जमीन को विस्तार पूर्वक जांच करते हुए अतिक्रमणवाद चलाएं साथ ही दोषी कर्मी के विरुद्ध प्रतिवेदन उपलब्ध करावे।