भारत और चीन 1000 सालों से सर्वाधिक विशाल अर्थव्यस्था (लार्जेस्ट इकोनॉमी ) रहे: अमिताव आचार्य*


*जी-7 बहुत डोमिनेटिंग है, लेकिन जी-20 लोकतान्त्रिक है: अमिताव आचार्य*

*भारत और चीन 1000 सालों से  सर्वाधिक विशाल अर्थव्यस्था (लार्जेस्ट इकोनॉमी ) रहे: अमिताव आचार्य*
रिपोर्टः डीकेपंडित गयाबिहार।
आज मगध विश्वविद्यालय, बोधगया में   राजनीति विज्ञान विभाग एवं लोक प्रशासन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में *"दी डेकलाइन ऑफ अमेरिकन हेजेमोनी"* विषय पर एक दिवसीय विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया जिसमें अमेरिकन विश्वविद्यालय, वाशिंगटन में कार्यरत विख्यात प्रोफेसर अमिताभ आचार्य द्वारा विश्व राजनीति में अमेरिका के शक्ति पतन पर प्रभावी व्याख्यान दिया गया । यह व्याख्यान जी-20 लेक्चर श्रृंखला में एक और कड़ी रहा, इससे पहले मंगलवार को ही जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के अमेरिकन अध्ययन संस्थान के प्रोफेसर डा अरविन्द कुमार द्वारा व्याख्यान दिया गया था। आज का कार्यक्रम विश्वविद्यालय शिक्षा विभाग के राधाकृष्णन हॉल में किया गया । विशिष्ट अतिथियों के तिलक, आरती व दीपोज्वलन के साथ कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की गयी । इसके पश्चात् राजनीति विज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर तथा कार्यक्रम के आयोजन सचिव डाॅ अंजनी कुमार घोष द्वारा कार्यक्रम का सम्पूर्ण संचालन किया एवं कार्यक्रम का परिचय दिया। इसके पश्चात् कार्यक्रम के संयोजक लोक प्रशासन विभाग के प्रोफेसर इंचार्ज प्रोफेसर मोहम्मद एहतेशाम खान द्वारा विषय वस्तु पर प्रकाश डाला गया एवं आगत अतिथियों का स्वागत किया गया ।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे माननीय कुलपति प्रोफेसर एस पी शाही द्वारा अपना ऊर्जावान उद्बोधन दिया गया। कुलपति प्रो एसपी शाही राजनीती विज्ञान और विशेष रूप से अंतर्राष्ट्रीय राजनीति के विद्यार्थी रहे हैं, इस नाते उन्हें विश्व राजनीति की गहरी समझ है । उन्होंने रेखांकित किया कि आज अमेरिका विश्व राजनीति में महाबली नहीं रहा है अमेरिकी बॉसगीरी को हर तरफ से चुनौती दी जा रही है । एक तरफ रूस उसे आंखे दिखा रहा है तो दूसरी तरफ वह चीन से परेशान है । प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकल में भारतीय कूटनीति की सफलता रही है कि हम रूस - यूक्रेन युद्ध के दौरान रूस से बराबरी के स्तर पर बातचीत कर रहे हैं। भारत सदैव स्वतंत्र कूटनीति का स्वामी रहा है।  इतिहास भी इस बात का द्योतक है कि हम अमेरिका के नजदीक गए लेकिन कभी भी अमेरिका के पिछलग्गू नहीं बने यह सफल भारतीय विदेश नीति का परिचायक रहा है। इसके पश्चात् कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं  वक्ता द्वारा अपना व्याख्यान आरम्भ किया गया । उन्होंने बताया कि किस प्रकार घरेलू व बाह्य  कारणों से अमेरिका की शक्ति का पतन हो रहा है । अमेरिका अब विश्व शक्ति नहीं रह गया । अब बहुध्रुवीय विश्व का समय है । आचार्या जी इसे मल्टीप्लेक्स विश्व कहकर पुकारते हैं जिसमे कोई एक शक्ति प्रत्येक क्षेत्र में धुरंधर नहीं होती बल्कि अनेक शक्तियां विभिन्न क्षेत्रों में अपना प्रमुख स्थान रखती है । जैसे यूरोपियन यूनियन पर्यावरण राजनीति के क्षत्र में चीन इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में और भारत तकनीक और सेवा क्षेत्र में । उन्होंने बताया कि भारत और चीन 1000 सालों से  सर्वाधिक विशाल अर्थव्यस्था (लार्जेस्ट इकोनॉमी ) रहे । भारत में ब्रिटिश उपनिवेशवाद और चीन में ओपियम वॉर के बाद ही इनकी अर्थव्यवस्था का पतन होना शुरू हुआ।  ये दोनों अपने मानव संसाधन , अवस्थिति और विनिर्माण के कारण उत्कृष्ट अर्थव्यवस्था रहे और इन्ही तीनों की वजह से ये आज भी विश्व राजनीति में अपना उत्कृष्ट स्थान प्राप्त करने में सक्षम हैं । भारत प्राचीन काल से ही सूती कपड़ों के उत्पादन में अव्वल था और सूती कपडा प्रत्येक जलवायु में आरामदायक होता है, इसी से डर के ब्रिटेन ने भारत से सूती कपड़े के आयात पर रोक लगा दी । उन्होंने बताया की जी-7 बहुत डोमिनेटिंग है लेकिन जी-20 थोड़ा लोकतान्त्रिक है लेकिन आज के समय में हमें जी प्लस की जरुरत है जहाँ केवल सरकारें ही प्लेयर न हो बल्कि लोग, एन जी ओ, मीडिया सभी लोग हिस्सा लें । उन्होंने कहा की नंबर वन होने की आकाँक्षा रखना उचित नहीं है और यह अलोकतांत्रिक है । क्योंकी यूएस नंबर वन है और चीन नम्बर वन होने की कोशिश कर रहा है इसलिए भारत भी नंबर वन होने की कोशिश करे ? यह बिलकुल भी उचित नहीं है इससे कमजोर वर्गों के हितों को चोट पहुँचती है। पूरे  कार्यक्रम में  कार्यक्रम के आयोजन सचिव प्रोफेसर अंजनी कुमार घोष द्वारा बहुत सफलता के साथ त्रुटि रहित मंच सञ्चालन किया गया जिसमे राजनीति विज्ञान और लोक प्रशासन के शोधार्थियों  कुमारी साखी ,ब्यूटी कुमारी , किरण, शैलेन्द्र, कुंदन , पंकज,अंकित,साधना अशोक,बालमुकुंद,अंकित सिंह,दीपक कुमार और इमरान द्वारा काफी सहायता की गयी । कार्यक्रम के विशेष अतिथियों में ए एन कॉलेज के प्रोफेसर डाॅ संजय कुमार ,कुलसचिव डॉ समीर कुमार शर्मा,मुख्य अतिथि की पत्नी सैली आचार्या  और मिर्ज़ा ग़ालिब कॉलेज के रिटायर्ड प्रोफेसर प्रो० सरफराज अहमद खान भी उपस्थित थे । कार्यक्रम में लोक प्रशासन विभाग के व्याख्याता अमित कुमार , त्रिपुरारी सिंह चौहान व मुद्रिका प्रसाद भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में राजनीति विज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डा श्रद्धा ऋषि द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया ।राष्ट्र गान के साथ ही माननीय कुलपति ने कार्यक्रम की समाप्ति की घोषणा की।